लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित हुए। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत नही मिला। जहां 2019 में यूपी में बीजेपी को 80 सीटों में से 62 सीट पर जीत मिली थीं वहीं इस बार बीजेपी मात्र 32 सीटों पर सिमट गयी। राजनैतिक विशेषज्ञों के मुताबिक इस चुनाव में ओबेसी, दलित मतदाता बीजेपी से छिटक गया। इसके अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार जैसे हिंदी पट्टी राज्यों में भी बीजेपी नुकसान का सामना करना पड़ा।
इस चुनाव के दौरान सोशल मीडिया में फेक न्यूज की बाढ़ सी आ गयी। हैरानी की बात है कि इसमें कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन से जुड़े लोगों की खासी भूमिका थी। इन फेक न्यूज से न सिर्फ हिंदू समाज को जाति के आधार पर भड़काया गया बल्कि इससे चुनाव को प्रभावित किया गया। इस रिपोर्ट में हम ऐसी ही फेक न्यूज को शामिल कर रहे हैं।
1- यूपी कांग्रेस के आधिकारिक X हैंडल के साथ ही कांग्रेस नेता रितु चौधरी और सपा नेता लाल जी वर्मा ने मेरठ से भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल का वीडियो साझा कर दावा किया कि भाजपा प्रत्याशी ने वाल्मीकि समाज के घर खाना नहीं खाया। हालांकि, हमारी पड़ताल में पता चला कि भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल ने दलित परिवार के घर खाना खाया था। यूपी कांग्रेस ने इस एडिटेड वीडियो का इस्तेमाल दलित समाज को भाजपा के खिलाफ भड़काने के मकसद से किया था।
2- अरुण गोविल का एक और वीडियो आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह द्वारा साझा किया गया था। संजय सिंह ने भाजपा नेता का वीडियो साझा करते हुए कहा कि अरुण गोविल भारतीय संविधान को नष्ट करने की बात कर रहे हैं। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक पाया गया। वास्तव में अरुण गोविल भारतीय संविधान में जरूरत पड़ने पर संशोधन करने की बात कह रहे थे। संविधान में संशोधन आर्टिकल 368 के तहत किया जाता है और अब तक भारतीय संविधान में 100 से ज्यादा संशोधन किए जा चुके हैं।
3- सोशल मीडिया पर आदिवासी समाचार और प्रिंस जाट द्वारा एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि भाजपा समर्थक ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए ‘एससी एसटी मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे हैं। हमारी पड़ताल में यह वीडियो एडिटेड पाया गया। भाजपा समर्थकों के वीडियो के ऊपर पुराना दलित विरोधी नारे का ऑडियो लगाया गया था।
4- सोशल मीडिया पर सपा समर्थक शिवराज यादव द्वारा पीएम मोदी का एक वीडियो वायरल किया गया, जिसमें दावा किया गया कि पीएम मोदी ने कहा है, ‘मैं पुराने संविधान को बदलकर मनुस्मृति वाला संविधान बनाऊंगा।‘ हालांकि हमारी पड़ताल में यह वीडियो एडिटेड पाया गया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में संविधान बदलकर मनुस्मृति वाला संविधान बनाने की बात नहीं कही थी।
5- झारखंड कांग्रेस और राजद बिहार ने पर राजस्थान से भाजपा मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का एक वीडियो वायरल करते हुए दावा किया कि किरोड़ी लाल मीणा कह रहे हैं कि इस बार भाजपा लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतकर आएगी, जिसके बाद आरक्षण खत्म कर देंगे और संविधान भी बदल देंगे। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक पाया गया। भाजपा नेता का वीडियो एडिटेड था। असल वीडियो में वह आरक्षण खत्म करने की बात नहीं कह रहे थे।
6- अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि इस समारोह में किसी भी दलित या आदिवासी को शामिल नहीं किया गया था। हमारी पड़ताल में राहुल गांधी का यह दावा बेबुनियाद और झूठा पाया गया। वास्तव में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में आदिवासी और दलित समाज के लोगों को आमंत्रित किया गया था और उन्हें यजमान भी बनाया गया था। साथ ही छत्तीसगढ़ के रामनामी समाज के लोगों को भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता दिया गया था।
7- तेलंगाना कांग्रेस समेत अन्य इंडी गठबंधन के समर्थकों ने X पर गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि अमित शाह ने चुनावी सभा में कहा है कि उनकी सरकार बनने के बाद वे ओबीसी और एससी/एसटी आरक्षण को खत्म कर देंगे। हालांकि हमारी पड़ताल में यह वीडियो एडिटेड पाया गया। असल में अमित शाह मुस्लिम समाज को मिल रहे आरक्षण को खत्म कर उसका लाभ ओबीसी और एससी/एसटी को देने की बात कह रहे थे
8- इंडी गठबंधन के नेता जैसे सुप्रिया श्रीनेत, पवन खेड़ा और संदीप सिंह द्वारा एक और वीडियो वायरल किया गया, जिसमें दावा किया गया कि भाजपा नेता प्रमोद कृष्णम कह रहे हैं कि भाजपा की मंशा भारत में आरक्षण खत्म करने की है। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक पाया गया। प्रमोद कृष्णम का यह बयान पुराना है, जो उन्होंने तब दिया था जब वे कांग्रेस पार्टी में थे। प्रमोद कृष्णम, कांग्रेस पार्टी से निकाले जाने के बाद भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं।
9- समाजवादी पार्टी के हैंडल समाजवादी प्रहारी द्वारा एक अख़बार की कटिंग वायरल की गई, जिसमें दावा किया गया कि बीजेपी सरकार एक तरफ सरकारी नौकरियां नहीं देकर आरक्षण खत्म कर रही है, वहीं दूसरी तरफ एससी-एसटी कर्मियों को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ देने से वंचित कर रही है। हमारी पड़ताल में यह दावा गलत पाया गया। बीजेपी द्वारा एससी-एसटी कर्मियों के प्रमोशन में आरक्षण का लाभ खत्म करने का दावा निराधार है। वायरल अख़बार की कटिंग वास्तव में अखिलेश यादव के कार्यकाल की है।
10- कांग्रेस सेवादल ने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘भाजपा के कई नेता खुलेआम संविधान बदलने की बात कर रहे हैं। ये सब मोदी के इशारे पर कहा और किया जा रहा है। असल मकसद ST/SC/OBC का आरक्षण खत्म करने की साजिश रची जा रही है!‘ हालांकि हमारी पड़ताल में पाया गया कि पीएम मोदी ने आरक्षण खत्म करने की बात नहीं की है। वास्तव में वह कांग्रेस द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों के बारे में बात कर रहे थे, जिसे एडिट कर भ्रामक रूप से साझा किया जा रहा है।
11- कांग्रेस नेता धनंजय सिंह ठाकुर ने X पर पीएम मोदी का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा , ‘मोदी जी संसद से कहते हैं कि वो आरक्षण पसंद नहीं करते हैं।‘ दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक समाज के लोग, आप खुद समझदार हैं। हमारी पड़ताल में पाया गया कि पीएम मोदी का आरक्षण के खिलाफ वीडियो एडिटेड है। असल वीडियो में पीएम मोदी कांग्रेस पार्टी के नेता और देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी पढ़ रहे थे, जिसमें नेहरू नौकरियों में मिल रहे आरक्षण के खिलाफ अपना रुख बता रहे थे।
12- कांग्रेस नेता डॉ. अरुणेश कुमार यादव ने X पर लिखा, ‘कल मैनपुरी में अखिलेश यादव जी के रोड शो के बाद भाजपा के बदतमीज कार्यकर्ताओं द्वारा यादवों को जातिसूचक संबोधन कर मां-बहन की गालियां दी गईं! जिस महाराणा प्रताप चौक पर अखिलेश जी ने उनकी मूर्ति को माल्यार्पण किया था, उसे धोया गया।‘ हालांकि हमारी पड़ताल में पाया गया कि अखिलेश यादव द्वारा महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद मूर्ति धोने का दावा गलत है। वास्तव में अखिलेश और डिंपल ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया ही नहीं था। रोड शो के बाद सपा कार्यकर्ता जूते पहनकर प्रतिमा पर चढ़ गए थे, जिसके बाद प्रतिमा को धोया गया।
13- सपा समर्थक सूर्या समाजवादी ने X पर पीएम मोदी का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘तुम काहे के यदुवंशी हो रे‘। इस वीडियो के साथ सपा कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी पर यदुवंशियों का अपमान करने का आरोप लगाया। हालांकि हमारी पड़ताल में पता चला कि पीएम मोदी ने यदुवंशियों का अपमान नहीं किया है। उन्होंने केवल सपा वालों को लेकर यह बात कही है।
14- कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने X पर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए लिखा, ‘पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को लेकर BJP की सोच किसी बजबजाते नाले से बदतर है। यह है इनकी सड़ी मानसिकता का एक और प्रमाण। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, आज शंकर जी के एक मंदिर में पूजा करने गए। उनके मंदिर से जाने के बाद BJP के नेताओं ने गंगा जल से मंदिर को धोया। क्यों? क्योंकि वो पिछड़ा वर्ग से आते हैं। पिछड़ा वर्ग के लिए BJP की ये घृणित सोच है।‘ हालांकि, हमारी पड़ताल में पता चला कि अखिलेश यादव की वजह से मंदिर को साफ नहीं किया गया था। दरअसल अखिलेश के साथ कई मुस्लिम समुदाय के लोग जूते-चप्पल पहनकर मंदिर में प्रवेश कर गए थे, इसलिए मंदिर को धोया गया था।
15- इंडी गठबंधन के समर्थक जैसे एक स्टालिन ने ने X पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि मोहन भागवत ने कहा, “हम संघ वाले अंदर-अंदर से आरक्षण का विरोध करते हैं, लेकिन बाहर आ के बोल नहीं सकते। मोदी, योगी, अमित शाह, बीजेपी के सारे नेता संघ के हैं, क्या वह आरक्षण दे पाएंगे?” हालांकि हमारी पड़ताल में पाया गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का वीडियो एडिटेड है। असल में, मोहन भागवत आरक्षण का समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
16- कांग्रेस समर्थक अजय मुड़े ने X पर पीएम मोदी का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘यह बीजेपी और नरेंद्र मोदी का मराठा विरोधी चेहरा है। अगर बीजेपी सरकार ने जातिवार जनगणना कराई होती तो मराठा समुदाय के पिछड़ेपन का भी पता चल जाता और उन्हें ओबीसी कोटे से उनका वाजिब आरक्षण मिल जाता। लेकिन ऐसा किए बिना, मोदी बीड में मराठा आरक्षण को फिर से रोकने के लिए अन्य ओबीसी को डराकर वोट मांग रहे हैं। ये नरेंद्र मोदी की कितनी ओछी मानसिकता है, इसीलिए वो मराठा समुदाय वाले क्षेत्र में बीजेपी को खत्म करना चाहते हैं।’ वहीं हमारी पड़ताल में पाया गया कि पीएम मोदी ने मराठा समुदाय को लुटेरा नहीं कहा। उनका इशारा कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की तरफ था, जिसने मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण दिया है।
17- इंडी गठबंधन और आरजेडी समर्थक आलोक ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘ठाकुर (राजपूत) अपनी बहन-बेटी को मेरे पास भेज दो, एक रात के एक करोड़ दूँगा।’ बीजेपी अपने सहयोगी ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के नेताओं से जिस तरह के बयान दिला रही है, वह बेहद घटिया है। मुझे नहीं लगता कि इतनी घटिया बात सुनने के बाद ठाकुर समाज किसी भी सूरत में बीजेपी को वोट देगा। हालांकि, हमारी पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो लगभग 4 साल पुराना है। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की थी और आरोपी शख्स किसी पार्टी का सदस्य नहीं था।
18- समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने एक्स पर 25 सेकेंड का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘ब्राह्मण समाज के सबसे बड़े परिवार, स्व. पंडित हरिशंकर तिवारी जी के परिवार को लतियाने की भाषा बोल रहे हैं। यह अपमान सिर्फ उस परिवार का नहीं, पूरे समाज का है। अपनी पुरानी अदावत के कारण ब्राह्मण समाज को अपमानित कर रहे हैं। यूपी में ब्राह्मण समाज इस अपमान का बदला लेगा, चाहे सिद्धार्थनगर हो, गोरखपुर हो, या देवरिया। समाज धूल चटाने का काम करेगा।’ हमारी पड़ताल में पता चला कि सीएम योगी ने ब्राह्मण समाज के खिलाफ कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। वास्तव में उनका यह बयान माफियाओं के लिए था।
19- यूपी कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘कौशांबी के मानिकपुर मीरगढ़वा में BJP को वोट न देने पर बौखलाए भाजपा कार्यकर्ताओं ने दलित समाज के लोगों की बेरहमी से पिटाई कर दी। बाबा साहब के वंशजों के साथ भाजपाइयों का यह व्यवहार अभी से ऐसा है, अगर भाजपा एक बार फिर सत्ता में आ गई तो संविधान को खत्म कर दलित समाज के लोगों से वोट का अधिकार ही छीन लेगी! भाजपा हटाओ, संविधान बचाओ।‘ हमारी पड़ताल में पाया गया कि यह वीडियो प्रतापगढ़ का है, जहां दो पक्षों के बीच पेड़ काटने को लेकर विवाद हुआ था। कौशांबी में बीजेपी को वोट न देने पर दलित के घर में घुसकर मारपीट का दावा झूठा है।
20- कांग्रेस समर्थक रविंद्र कपूर ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘आगामी लोकसभा चुनाव हारने के डर ने नरेंद्र मोदी के ‘मानसिक स्वास्थ्य’ पर भारी असर डाला है। नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि गुरु गोबिंद सिंह के ‘पंच प्यारे’ में से एक उनके चाचा थे।’ हालांकि, हमारी पड़ताल में पता चला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंच प्यारों में से एक को अपना चाचा नहीं बताया था। पीएम ने कहा था कि पंच प्यारों में से एक गुजरात के द्वारका से थे। उन्होंने कहीं भी ‘चाचा’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। सिख समुदाय को भड़काने की नीयत से भ्रामक दावे के साथ वीडियो वायरल किया गया है।
21- डॉक्टर विलास खारत ने X पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘विपुल दुबे, भाजपा विधायक जौनपुर विधानसभा, उत्तर प्रदेश। शेयर करते रहें ताकि पिछड़ों को पता चले मनुवादियों का शैतानी और निर्दयी चेहरा। भाजपा यानी गुंडा पार्टी! इसलिए भाजपा को वोट देना चाहिए? बहुजन मुक्ति पार्टी ही बहुजनों की असली पार्टी!‘ हालांकि, पड़ताल में पता चला कि यह मामला यूपी के शाहजहांपुर का है। साथ ही, आरोपी भाजपा विधायक विपुल दुबे नहीं, बल्कि प्रतीक तिवारी हैं। जबकि पीड़ित का नाम राजीव भारद्वाज है। इसके अलावा, इस मामले में किसी प्रकार का जातिगत एंगल नहीं है।
ऊपर उल्लिखित रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि इंडी गठबंधन नेताओं और समर्थकों ने पूरे चुनाव प्रक्रिया के दौरान केवल जातिगत मुद्दों पर आधारित तमाम फेक न्यूज़ शेयर किए हैं।
सोशल मीडिया में इन फेक न्यूज़ को न सिर्फ इंडिया गठबंधन के लोग फैला रहे थे बल्कि कांग्रेस इसका नेतृत्व कर रही थी। आरक्षण को लेकर अमित शाह के एडिटेड वीडियो के मामले में देश भर में केस दर्ज हुए। इस वीडियो कांग्रेस कार्यकर्ता ने बड़े पैमाने पर व्हाट्सप से लोगों तक तक पहुंचाया।
कांग्रेस में इस कार्यकर्ता का नाम जावेद है और एक्स पर इसका ‘Dabang Yogi’ नाम से अकॉउंट है। अपने एक पोस्ट में Dabang Yogi ने खुद स्वीकार किया कि कांग्रेस कार्यकर्ता अमित शाह के फर्जी वीडियो को शेयर कर वायरल करने में मेहनत कर रहे हैं। जब अमित शाह के एडिटेड वीडियो का फैक्ट चेक किया गया, तो Dabang Yogi ने खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि ‘आज संघियों का पूरा दिन फैक्ट चेक करने में चला गया।’
वहीं एक ट्विटर अकाउंट ने गृह मंत्री का एडिटेड वीडियो शेयर कर दावा किया कि इससे बिहार में इंडी गठबंधन की दो सीटें बढ़ेंगी। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता जयवर्धन सिंह ने Dabang Yogi को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसे और वीडियो चाहिए, मैं खुद शेयर करूंगा।
अमित शाह का आरक्षण पर एडिटेड वीडियो शेयर करने के बाद Dabang Yogi ने आरक्षण पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का एडिटेड वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो को शेयर करने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता (Amock) ने गर्व से कहा कि आरक्षण पर फर्जी वीडियो लाखों लोगों तक पहुंच चुकी है और इससे बीजेपी को नुकसान हो चुका है। अब चाहे कितना भी फैक्ट चेक कर लें, जो वोटों का नुकसान हुआ है, उसे बीजेपी वापस नहीं पा सकती।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि Dabang Yogi समेत अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता, जो फेक न्यूज़ फैला रहे थे, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर काम कर रहे थे। चुनाव नतीजों के बाद Dabang Yogi द्वारा शेयर की गई एक तस्वीर में उन्हें कांग्रेस नेता सुशील शिंदे के साथ देखा जा सकता है।
वहीं चुनाव परिणाम आने के बाद सभी को एक्स पर जश्न मनाते हुए देखा जा सकता है, जिसमें वे गर्व से अमित शाह के एडिटेड वीडियो का हवाला देकर कह रहे हैं कि एक एडिटेड वीडियो ने चुनाव की नरेटिव को पूरी तरह बदल दिया।
निष्कर्ष: कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली इंडी गठबंधन ने पिछले कुछ दिनों में केवल आरक्षण और जातिगत एंगल पर आधारित फेक न्यूज़ शेयर किए हैं। ये फेक न्यूज़ कांग्रेस आईटी सेल द्वारा शेयर किए गए थे, फिर उन्हें इंडी गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व ने वायरल किया, जिससे जनता को गुमराह किया गया।
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