मणिपुर में पिछले एक साल से ही हिंसा जारी है। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का एक बयान वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि उन्होंने कहा कि 10 साल पहले मणिपुर में शांति थी लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद वहां अचानक हिंसा बढ़ गई है।
सपा नेता आईपी सिंह एक्स पर इन्फोग्राफिक इमेज शेयर करते हुए लिखा कि, ‘RSS मुखिया अभी तक घोर निद्रा में थे चुनाव परिणाम और राजग की सरकार बनने के बाद मुँह खोले हैं। RSS के अंतिम बादशाह हैं। इनकी खिदमत में NSG पहली बार लगाई गयी है। RSS बड़े बड़े महलों में दफ्तर खोल रहा है।प्राइवेट जहाजों से RSS के लोग चल रहे हैं अब इन्हें गुरुदक्षिणा की जरूरत नहीं रहती। सत्ता का सुख ले रहा है संघ परिवार।‘
RSS मुखिया अभी तक घोर निद्रा में थे चुनाव परिणाम और राजग की सरकार बनने के बाद मुँह खोले हैं।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) June 11, 2024
RSS के अंतिम बादशाह हैं।
इनकी खिदमत में NSG पहली बार लगाई गयी है।
RSS बड़े बड़े महलों में दफ्तर खोल रहा है।
प्राइवेट जहाजों से RSS के लोग चल रहे हैं अब इन्हें गुरुदक्षिणा की जरूरत नहीं… pic.twitter.com/WCbvIQiNPD
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फैक्ट चेक
दावे की पड़ताल करने के लिए हमने मामले से संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया, जिसके बाद हमें दैनिक भास्कर की 11 जून 2024 की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सोमवार, 10 जून को नागपुर में संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन समारोह में शामिल हुए। यहां भागवत ने चुनाव, राजनीति और राजनीतिक दलों के रवैये पर बात की। मणिपुर के संदर्भ में संघ प्रमुख ने कहा, ‘मणिपुर एक साल से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है। पिछले 10 वर्षों से राज्य में शांति थी, लेकिन अचानक वहां गन कल्चर बढ़ गया है। इस समस्या को प्राथमिकता से सुलझाना जरूरी है।’
रिपोर्ट में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मणिपुर हिंसा पर दिए गए बयान को विस्तार से लिखा गया है: ‘मणिपुर जल रहा है, इस पर कौन ध्यान देगा? एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है। इससे पहले 10 साल शांत रहा और अब अचानक जो कलह वहां पर उपजी या उपजाई गई, उसकी आग में मणिपुर अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उसका विचार करना हमारा कर्तव्य है। मणिपुर हिंसा में 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं और 50 हजार लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।’
पड़ताल में हमें एक्स पर ANI द्वारा प्रकाशित मोहन भागवत के बयान का वीडियो मिला। भागवत ने कहा, ‘मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है। पिछले 10 वर्षों तक यह शांत था। ऐसा लग रहा था कि पुरानी बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है। यह अभी भी अचानक उठे या उठाए गए तनाव की आग में जल रहा है। इसका ध्यान कौन देगा? इसे प्राथमिकता देना और इसका समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है।’
#WATCH | Nagpur, Maharashtra: RSS chief Mohan Bhagwat says, "Manipur has been awaiting peace for a year now. It was peaceful for 10 years. It seemed that the old gun culture had ended. It is still burning in the fire of the sudden tension that rose there or that was made to rise… pic.twitter.com/RrviLfF5XL
— ANI (@ANI) June 10, 2024
निष्कर्ष: रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि सपा नेता ने मोहन भागवत के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। मोहन भागवत ने हिंसा को लेकर मोदी सरकार पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की है।
दावा | आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा का जिम्मेदार मोदी सरकार को माना |
दावेदार | आईपी सिंह |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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