पेरिस ओलंपिक में अब तक भारत ने चार कांस्य और एक रजत पदक जीता है लेकिन इस बार भारत का ओलंपिक सफर उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा कि खेलो इंडिया योजना के तहत भारत सरकार ने गुजरात और उत्तर प्रदेश को 400 करोड़ रुपये आवंटित किए जबकि जिस राज्य से सबसे ज्यादा मेडल आते हैं, उस हरियाणा को मात्र 66 करोड़ रुपये दिए गए। इस दावे को साझा करते हुए मोदी सरकार पर गुजरात के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगाया जा रहा है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता कृति आज़ाद ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘मणिपुर और हरियाणा भारत को सबसे ज्यादा ओलंपिक मेडल दिलाते हैं। लेकिन अंदाजा लगाइए कि खेल विकास के नाम पर सबसे ज्यादा फंड किस राज्य को मिलता है? गुजरात एक ऐसा राज्य जिसका खेल या भारतीय सशस्त्र बलों से कोई खास संबंध नहीं है, लेकिन उसे सबसे ज्यादा बजट आवंटन मिलते हैं।‘
Manipur and Haryana give the highest number of Olympic medals to India.
— Kirti Azad (@KirtiAzaad) August 9, 2024
But guess which state gets the most amount of funds in the name of Sports development? Gujarat
A state that has nothing to do with Sports or Indian armed forces. But gets most of the budget allotments. pic.twitter.com/48LID2RitO
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, ‘117 खिलाड़ी हिंदुस्तान से पेरिस ओलंपिक गये • 2 गुजरात से • 24 हरियाणा से • 19 पंजाब से खेलो इंडिया फंड: ₹3074 करोड़ • गुजरात को मिला: ₹606 करोड़ (क़रीब 20%) • हरियाणा को मिला: ₹96.9 करोड़ (क़रीब 3%)। • पंजाब को मिला: ₹106.2 करोड़ (क़रीब 3.3%) मेडल लाने वाले खिलाड़ी • अमन सेहरावत – हरियाणा • मनु भाकर – हरियाणा • सरबजोत सिंह – हरियाणा • नीरज चोपड़ा – हरियाणा • स्वप्निल कुसाले – महाराष्ट्र • 16 हॉकी खिलाड़ी – 11 हरियाणा और पंजाब। एक बात साफ़ है कि प्रतिभा पैसे की मोहताज नहीं, लेकिन पैसा एक ही राज्य में जाये जहाँ परिणाम निल बटा सन्नाटा रहे तो सवाल उठेंगे‘
◼️117 खिलाड़ी हिंदुस्तान से पेरिस ओलंपिक गये
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) August 10, 2024
• 2 गुजरात से
• 24 हरियाणा से
• 19 पंजाब से
◼️खेलो इंडिया फंड: ₹3074 करोड़
• गुजरात को मिला: ₹606 करोड़ (क़रीब 20%)
• हरियाणा को मिला: ₹96.9 करोड़ (क़रीब 3%)
• पंजाब को मिला: ₹106.2 करोड़ (क़रीब 3.3%)
◼️मेडल लाने… pic.twitter.com/JDmhkh6aDu
सिद्धार्थ ने लिखा, ‘पंजाब: 19 एथलीट, ₹78 करोड़ ।हरियाणा: 24 एथलीट, ₹66 करोड़ यूपी: 6 एथलीट, ₹438 करोड़ गुजरात: 2 एथलीट, ₹426 करोड़ मोदी सरकार की पक्षपाती फंडिंग भी एक कारण है कि भारत मेडल नहीं जीत रहा है।उन भक्तों के साथ साझा करें जो विनेश को गालियां दे रहे हैं!‘
Punjab: 19 athletes, ₹78 crore
— Siddharth (@SidKeVichaar) August 8, 2024
Haryana: 24 athletes, ₹66 crore
UP: 6 athletes, ₹438 crore
Gujarat: 2 athletes, ₹426 crore
Modi Government's Biased Funding is one of the Reason India Isn't Winning Medals
Share with Bhakts who are Abusing Vinesh! pic.twitter.com/LnWNObl0VA
नेहर व्हू ने लिखा, ‘हरियाणा, जिसमें 24 एथलीट्स हिस्सा ले रहे हैं, को केवल 66 करोड़ रुपये मिले। वहीं गुजरात, जिसमें सिर्फ 2 एथलीट्स हैं, को भारी भरकम 426 करोड़ रुपये मिले। पक्षपात? इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि हम ओलंपिक रैंकिंग में पाकिस्तान से पीछे हैं।‘
Haryana with 24 athletes Participating got only 66 crore INR.
— Nehr_who? (@Nher_who) August 9, 2024
While Gujarat with 2 athletes got whopping 426 crore INR. Favouritism?
No wonder we are behind Pakistan in Olympic Rankings. pic.twitter.com/9mT9ktVWO1
डकटर फकीर ने लिखा, ‘पंजाब: 19 एथलीट, ₹78 करोड़ हरियाणा: 24 एथलीट, ₹66 करोड़ यूपी: 6 एथलीट, ₹438 करोड़ गुजरात: 2 एथलीट, ₹426 करोड़। अब आप खुद अंदाजा लगाइए कि भारत पाकिस्तान से 10 स्थान पीछे क्यों है।‘
Punjab: 19 athletes, ₹78 crore
— Ductar Fakir 2.0 (@Chacha_huu) August 9, 2024
Haryana: 24 athletes, ₹66 crore
UP: 6 athletes, ₹438 crore
Gujarat: 2 athletes, ₹426 crore
Now you the guess the reason why India is 10 Spot behind Pakistan.
नितिन ने लिखा, ‘पंजाब के 19 और हरियाणा के 24 एथलीट पेरिस #ओलंपिक के लिए गए, लेकिन पंजाब को ₹78 करोड़ और हरियाणा को ₹66 करोड़ मिले। यूपी ने 6 एथलीट भेजे, लेकिन उन्हें ₹438 करोड़ मिले, और गुजरात ने सिर्फ 2 एथलीट भेजे, फिर भी उन्हें ₹426 करोड़ मिले। मोदी सरकार इस पक्षपाती वितरण और फंडिंग को कैसे समझाएगी?‘
19 athletes from Punjab and 24 from Haryana went to the Paris #Olympics📷, Punjab received ₹78cr while Haryana received ₹66 cr.
— ηᎥ†Ꭵղ (@nkk_123) August 8, 2024
UP sent 6 athletes but got ₹438 cr & Gujarat sent only 2 athletes, got ₹426 cr.
How does Modi govt explain this biased distribution and funding? pic.twitter.com/VOvR7acwBD
टीएमसी नेता जवाहर सिरकार ने लिखा, ‘हरियाणा ने हमें 3 मेडल दिए हैं, और हमें अभी एक रजत पदक और मिल सकता है। महाराष्ट्र ने हमें 1 मेडल दिलाया है। और हॉकी ने हमें 1 मेडल दिलाया है। उन दो राज्यों का क्या हुआ जिन्हें खेल के लिए सरकार से सबसे ज्यादा पैसा मिला?गुजरात के प्रति मोदी का पक्षपात लोगों को नाराज़ कर रहा है!
Haryana has given us 3 medals, + we may still get a silver.
— Jawhar Sircar (@jawharsircar) August 8, 2024
Maharashtra gets us 1 medal.
And Hockey gives us 1.
What happened to those 2 states that got most of Govt’s money for sports?
Modi’s favouritism for Gujarat makes people angry! pic.twitter.com/KWSx69VAxh
रोफ्ल गांधी ने लिखा, ‘पेरिस गये भारत के ओलंपिक दल को शुभकामनाएं। आपसे देश को बहुत आशाएं हैं। गुजरात के खिलाड़ियों से तो खास तौर पर ज्यादा उम्मीदें हैं क्योंकि खेल मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार ‘खेलो इंडिया’ स्कीम का लगभग 20% अकेले गुजरात में लगा है।‘
पेरिस गये भारत के ओलंपिक दल को शुभकामनाएं। आपसे देश को बहुत आशाएं हैं।
— Rofl Gandhi 2.0 🏹 (@RoflGandhi_) July 25, 2024
गुजरात के खिलाड़ियों से तो खास तौर पर ज्यादा उम्मीदें हैं क्योंकि खेल मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 'खेलो इंडिया' स्कीम का लगभग 20% अकेले गुजरात में लगा है।
મેડલ લાવો !#OlympicGames pic.twitter.com/QQlR5eqbuC
जैकी यादव ने लिखा, ‘हरियाणा की मनु भाकर ने देश के लिए 2 मेडल जीते। हरियाणा के सरबजोत सिंह ने देश के लिए 1 मेडल जीता। हरियाणा के नीरज चोपड़ा ने सबसे लंबा भाला फेंका। हरियाणा की विनेश फोगाट ने दुनिया की नंबर 1 पहलवान को पटका मगर खेलो इंडिया के लिए बजट सबसे ज़्यादा 426 करोड़ गुजरात को मिला जबकि हरियाणा को मात्र 66 करोड़ मिला।‘
हरियाणा की मनु भाकर ने देश के लिए 2 मेडल जीते।
— Jaiky Yadav (@JaikyYadav16) August 6, 2024
हरियाणा के सरबजोत सिंह ने देश के लिए 1 मेडल जीता।
हरियाणा के नीरज चोपड़ा ने सबसे लंबा भाला फेंका।
हरियाणा की विनेश फोगाट ने दुनिया की नंबर 1 पहलवान को पटका मगर
खेलो इंडिया के लिए बजट सबसे ज़्यादा 426 करोड़ गुजरात को मिला जबकि… pic.twitter.com/svM7AbJgfM
पुनीत कुमार सिंह ने लिखा, ‘खेलो इंडिया के तहत मोदी ने गुजरात को 608 करोड़ रुपए दिए और मेडल आए – 0 हरियाणा को मिले 89 करोड़ रुपए और मेडल आए – 44 बाकी आप समझदार हैं.‘
खेलो इंडिया के तहत मोदी ने गुजरात को 608 करोड़ रुपए दिए और मेडल आए – 0
— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) October 18, 2023
हरियाणा को मिले 89 करोड़ रुपए और मेडल आए – 44
बाकी आप समझदार हैं.
यह भी पढ़ें: Analysis: डिसक्वालिफाई होने बाद भी केन्या की खिलाड़ी को मिला सिल्वर?
फैक्ट चेक
दावे की पड़ताल करने के लिए हमने मामले से संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया जिसके बाद हमें प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो द्वारा प्रकाशित 22 जुलाई 2024 की रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक भारत में खेल का इन्फ्रास्ट्र्चर को मजबूत करने के लिए खेलो इंडिया स्कीम के तहत आंध्र प्रदेश को 21.91 करोड़ रुपये, अरुणाचल प्रदेश को 148.91 करोड़ रुपये, असम को 43.68 करोड़ रुपये, बिहार को 20.34 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ को 19.66 करोड़ रुपये, दिल्ली को 69.99 करोड़ रुपये, गोवा को 4.24 करोड़ रुपये, गुजरात को 426.13 करोड़ रुपये, हरियाणा को 66.59 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश को 17.48 करोड़ रुपये, जम्मू और कश्मीर को 18.84 करोड़ रुपये, झारखंड को 9.63 करोड़ रुपये, कर्नाटक को 109.11 करोड़ रुपये, केरल को 50.00 करोड़ रुपये, लद्दाख को 13.58 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 94.06 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 87.43 करोड़ रुपये, मणिपुर को 46.71 करोड़ रुपये, मेघालय को 15.28 करोड़ रुपये, मिजोरम को 31.73 करोड़ रुपये, नगालैंड को 45.75 करोड़ रुपये, ओडिशा को 34.25 करोड़ रुपये, पुडुचेरी को 8.75 करोड़ रुपये, पंजाब को 78.02 करोड़ रुपये, राजस्थान को 107.33 करोड़ रुपये, सिक्किम को 24.64 करोड़ रुपये, तमिलनाडु को 20.40 करोड़ रुपये, तेलंगाना को 17.77 करोड़ रुपये, त्रिपुरा को 32.30 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश को 438.27 करोड़ रुपये, उत्तराखंड को 23.78 करोड़ रुपये, और पश्चिम बंगाल को 22.22 करोड़ रुपये मिले।‘
वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की 10 फरवरी 2024 की रिपोर्ट में बताया गया है कि हरियाणा को भारत सरकार ने पिछले चार सालों में खेल को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए 2677.77 करोड़ रुपए दिए हैं। वर्ष 2023-2024 में ही 880 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जबकि 2021-22 में 600 करोड़ रुपए दिए गए थे।
अगर हम साल 2013-14 की बात करें तो कांग्रेस सरकार ने खेल के लिए सिर्फ 1219 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था जबकि आज 2024-2025 में यह बजट बढ़कर 3442.32 करोड़ रुपए हो गया है।
हमारी पड़ताल के दौरान हमने खेलो इंडिया स्कीम के तहत आवंटित किए गए पैसों का विश्लेषण करने के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा को देखा। इसके अनुसार हरियाणा में कुल 490 खिलाड़ी नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तैयारी कर रहे हैं जबकि गुजरात में 252 खिलाड़ी गांधीनगर स्थित नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में और लखनऊ में 217 खिलाड़ी तैयारी कर रहे हैं। नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की बात करें तो कलकत्ता और चंडीगढ़ में 3, सोनीपत और मुंबई में 2, और गांधीनगर और लखनऊ में 1-1 केंद्र हैं।
साई की रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल 69 साई ट्रेनिंग सेंटर हैं, जिनमें से 15 पश्चिम बंगाल में, 10 केरल में, 5 उत्तर प्रदेश में और गुजरात में केवल 3 हैं।
साई की वेबसाइट पर उपलब्ध एक अन्य डेटा के मुताबिक हरियाणा में कुल 10 ट्रेनिंग सेंटर हैं जबकि गुजरात में केवल 2 और उत्तर प्रदेश में 14 हैं।
पड़ताल में हमने पाया कि खेलो इंडिया केवल एक माध्यम है जिसके जरिए भारत में खेलों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। खेलो इंडिया को भारत सरकार ने साल 2017 में जमीनी स्तर पर बच्चों के साथ जुड़कर भारत में खेल की भावना को पुनर्जीवित करने के लिए शुरु किया था। इस पहल ने विभिन्न खेलों के लिए देश भर में खेल के बेहतर बुनियादी ढांचे और विभिन्न खेल अकादमी के निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित किया।
इसके अलावा टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम, नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड, फिट इंडिया, स्पेशल एरिया गेम्स स्कीम आदि योजनाएं भी हैं जो खेलों के विकास और खिलाड़ियों को समर्थन देने के लिए लागू की गई हैं। ओलंपिक की बात करें तो टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के तहत भारत सरकार और खेल मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के शीर्ष एथलीटों को समर्थन प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य इन एथलीटों के प्रशिक्षण को बेहतर बनाना है ताकि वे ओलंपिक में पदक जीत सकें। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खेल विभाग उन व्यक्तियों की पहचान करने का कार्य करता है, जिनमें ओलंपिक में पदक जीतने की क्षमता होती है। यह योजना उन एथलीटों के समूह को प्रायोजित करने का प्रयास करती है जो विकास के चरण में हैं और 2024 पेरिस ओलंपिक और 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में पदक जीतने की क्षमता रखते हैं।
सीएनबीसी द्वारा प्रकाशित 20 जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए 117 एथलीट भेज रहा है। ये एथलीट पेरिस 2024 में शामिल 32 खेलों में से 16 खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। युवा मामलों और खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा साझा की गई एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने इन 16 खेलों पर 470 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं, जिनमें भारतीयों ने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। सीएनबीसी ने TOPS के माध्यम से तैयार किए गए भारतीय खिलाड़ियों का जिन्होंने ओलंपिक में भाग लिया और उनके ऊपर कितना खर्च सरकार ने किया, इसका विस्तृत ब्योरा दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक तीरंदाजी – कुल फंडिंग: ₹39.18 करोड़। कुल खिलाड़ी: 6। पेरिस ओलंपिक साइकिल (2021-24) के दौरान भारत सरकार ने कुल 41 राष्ट्रीय कैंप और 24 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया, जिसमें 5 TOPS कोर और 13 विकासात्मक तीरंदाज शामिल थे | एथलेटिक्स– कुल फंडिंग: ₹96.08 करोड़। कुल खिलाड़ी: 29 | पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व 29 सदस्यीय ट्रैक एंड फील्ड दल करेगा। पेरिस ओलंपिक की तैयारी में भारत सरकार ने कुल 36 राष्ट्रीय कैंप और 85 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया, जिसमें 23 TOPS कोर और 13 विकासात्मक एथलीट शामिल थे।
रिपोर्ट में आगे लिखा है, ‘बैडमिंटन -कुल फंडिंग: ₹72.03 करोड़ | कुल खिलाड़ी: 7 | पेरिस साइकिल में 13 राष्ट्रीय कैंप और 81 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया गया, जिसमें 10 TOPS कोर और 15 विकासात्मक शटलर शामिल थे। मुक्केबाजी– कुल फंडिंग: ₹60.93 करोड़ | कुल खिलाड़ी: 6 | पेरिस ओलंपिक खेलों की तैयारी में 17 राष्ट्रीय कैंप और 23 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया गया, जिसमें 9 TOPS कोर और 20 विकासात्मक मुक्केबाज शामिल थे। घुड़सवारी -कुल फंडिंग: ₹95.42 लाख | कुल खिलाड़ी: 1, ओलंपिक खेलों की तैयारी में 12 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया गया, जिसमें 2 TOPS कोर घुड़सवार शामिल थे। गोल्फ– कुल फंडिंग: ₹1.74 करोड़ | कुल खिलाड़ी: 4 , समर ओलंपिक की तैयारी में एक राष्ट्रीय कैंप और 12 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया गया, जिसमें 4 TOPS कोर और 2 विकासात्मक गोल्फर शामिल थे। हॉकी- कुल फंडिंग: ₹41.30 करोड़ । पेरिस 2024 के लिए भारत सरकार द्वारा 76 राष्ट्रीय कैंप और 36 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया गया, जिसमें 33 TOPS कोर खिलाड़ी शामिल थे। जूडो – कुल फंडिंग: ₹6.33 करोड़ । कुल खिलाड़ी: 1। ओलंपिक खेलों की तैयारी में 6 राष्ट्रीय कैंप और 15 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया गया, जिसमें 9 TOPS विकासात्मक जुडो का शामिल थे। रोइंग– कुल फंडिंग: ₹3.89 करोड़ । कुल खिलाड़ी: 1। पेरिस 2024 की तैयारी में 16 राष्ट्रीय कैंप और 9 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया गया, जिसमें 3 TOPS कोर और उतने ही विकासात्मक रोअर शामिल थे। सेलिंग – कुल फंडिंग: ₹3.78 करोड़। कुल खिलाड़ी: 2। पेरिस 2024 की तैयारी में 28 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं और एक राष्ट्रीय कैंप का समर्थन किया गया, जिसमें 2 TOPS कोर नाविक शामिल थे। शूटिंग– कुल फंडिंग: ₹60.42 करोड़। कुल खिलाड़ी: 21। पेरिस 2024 में 21 निशानेबाज प्रतिस्पर्धा करेंगे, भारतीय सरकार ने चार साल में बेहतर तैयारी के लिए भरपूर वित्तीय सहायता प्रदान की। समर ओलंपिक की तैयारी में 96 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं और 45 राष्ट्रीय कैंपों का समर्थन किया गया, जिसमें 25 TOPS कोर और 20 विकासात्मक निशानेबाज शामिल थे। स्विमिंग– कुल फंडिंग: ₹3.90 करोड़ | कुल खिलाड़ी: 2। कुल 9 राष्ट्रीय कैंप और 25 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया गया, जिसमें एक TOPS कोर और एक विकासात्मक तैराक शामिल थे। टेबल टेनिस – कुल फंडिंग: ₹12.92 करोड़ । कुल खिलाड़ी: 8 (6 क्वालीफाई खिलाड़ी + 2 रिजर्व खिलाड़ी) | पेरिस साइकिल के लिए कुल 7 राष्ट्रीय कैंप और 173 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया गया, जिसमें 7 TOPS कोर और 5 विकासात्मक पैडलर शामिल थे। टेनिस– कुल फंडिंग: ₹1.67 करोड़ । कुल खिलाड़ी: 3 । पेरिस 2024 साइकिल के लिए भारत सरकार द्वारा 72 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का समर्थन किया गया, जिसमें 3 TOPS कोर खिलाड़ी शामिल थे। वेटलिफ्टिंग– कुल फंडिंग: ₹27 करोड़ । कुल खिलाड़ी: 1। पेरिस 2024 साइकिल के लिए भारत सरकार द्वारा 9 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और 9 राष्ट्रीय कैंपों का समर्थन किया गया, जिसमें 2 TOPS कोर और 6 विकासात्मक भारोत्तोलक शामिल थे। कुश्ती– कुल फंडिंग: ₹37.80 करोड़। कुल खिलाड़ी: 6। पेरिस साइकिल के लिए 19 राष्ट्रीय कैंप और 66 विदेशी प्रशिक्षण यात्राओं का समर्थन किया गया, जिसमें 10 TOPS कोर और 15 विकासात्मक पहलवान शामिल थे।‘
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि ओलंपिक खिलाड़ियों की तैयारी के लिए भारत सरकार अलग से TOPS स्कीम के माध्यम से उन्हें तैयार करती है, जिसका राज्य सरकार को मिलने वाले फंड से कोई संबंध नहीं है। हरियाणा को पिछले वर्ष खेलों के विकास और विस्तार के लिए भारत सरकार से 800 करोड़ रुपए मिले थे। चूँकि खेलो इंडिया स्कीम का मुख्य उद्देश्य हर राज्य-शहर में खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत और भारतीय खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना है। इसीलिए इस स्कीम के तहत गुजरात और यूपी को ज्यादा पैसा दिया गया है क्योंकि यहाँ खेल संबंधी बुनियादी सुविधाएं अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम हैं। उदाहरण के लिए जब किसी स्कूल में कोई छात्र पढ़ने में कमजोर होता है तो शिक्षक उस पर ज्यादा ध्यान देते हैं। इसी तरह देश के पिछड़े राज्यों को विकसित करने के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है।