बीते दिनों में उत्तर प्रदेश में तीन और झारखंड में एक मौलाना की हत्या कर दी गयी। सोशल मीडिया में इस मामले में भ्रामक दावा कर सांप्रदायिक तनाव फैलाया गया। इन मामलों को लेकर हिंदू समाज पर निशाना साधा गया। इसी तरह पश्चिम बंगाल में एक युवक की हत्या के मामले में सांप्रदायिक रंग दिया गया।
1- शामली में इमाम की हत्या में सांप्रदायिक एंगल नहीं है
मोहम्मद मुश्तकीम ने लिखा, ‘यूपी के शामली में मस्जिद के इमाम फजलुरहमान की सिर काटकर हत्या। धड़ से 500 मीटर दूर सिर मिला। मुरादाबाद में मौलाना की गोली मारकर हत्या, खंडहर में मिला शव। देश मे आएदिन मुसलमानों को मार जाता है! @RubikaLiyaquat जी पूछिये योगी जी से कि हत्यारों के घरों पर कब बुलडोजर चलेगा?’
यूपी के शामली में मस्जिद के इमाम फजलुरहमान की सिर काटकर हत्या। धड़ से 500 मीटर दूर सिर मिला।
— Mohd Mustaqeem Mewati (@MustaqeemMewati) June 11, 2024
-मुरादाबाद में मौलाना की गोली मारकर हत्या, खंडहर में मिला शव।
देश मे आएदिन मुसलमानों को मार जाता है!@RubikaLiyaquat जी पूछिये योगी जी से कि हत्यारों के घरों पर कब बुलडोजर चलेगा? pic.twitter.com/B7rEtoFBII
फैक्ट: पड़ताल में पता चलता कि इमाम फजलू रहमान की हत्या उनके छोटे बेटे जुनैद ने की हत्या कर दी। इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
शामली में इमाम की हत्या में सांप्रदायिक एंगल नहीं हैhttps://t.co/J3cesMYfrX
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2- मुरादाबाद में इमाम अकरम की नहीं हुई थी हत्या, सांप्रदायिक एंगल का दावा भी झूठा
बंदा ए खुदा नाम के एक्स हैंडल ने लिखा, ‘भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले जारी हैं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मंगलवार, 11 जून की सुबह एक मस्जिद के इमाम मौलाना अकरम की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अज्ञात बदमाशों ने सुबह 4 बजे मौलाना अकरम को उनके घर के बाहर बुलाया और सीने में गोली मार दी।’
ATTACK ON MINORITIES is continue in india
— Banda_E_Khuda بندۂ خدا (@SaifAhmadSaiif) June 11, 2024
A mosque's imam, Maulana Akram, was shot dead in Uttar Pradesh's Moradabad in the early hours of Tuesday, June 11. Unidentified miscreants called Maulana Akram outside his house at 4 a.m. in the morning and shot him in the chest. pic.twitter.com/4xTuZM5YKm
फैक्ट: पड़ताल में पता चलता है कि मुरादाबाद में इमाम की हत्या का दावा गलत है। वास्तव में इमाम दूसरी शादी करना चाहते थे लेकिन घर में इसके कारण विवाद हो गया। इसी वजह से इमाम ने आत्महत्या कर ली।
मुरादाबाद में इमाम अकरम की नहीं हुई थी हत्या, सांप्रदायिक एंगल का दावा भी झूठाhttps://t.co/wAffAO6x0i
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3- प्रतापगढ़ के मौलाना फारूक की हत्या पैसे की लेन- देन के कारण हुई थी
प्रोफेसर इलाहाबादी ने प्रतापगढ़ में मौलाना फारुकी की हत्या के मामले का उल्लेख करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश अब गुंडा प्रदेश बनता जा रहा है। मुसलमान सुरक्षित नही हैं।’
पिछले 48 घंटों में उत्तर प्रदेश में 3 मुस्लिम मौलानाओं की हत्या कर दी गई।
— Prof. इलाहाबादी ( نور ) (@ProfNoorul) June 11, 2024
शामली – मस्जिद के इमाम "फजलुर रहमान" की सिर काटकर हत्या कर दी गई।
मुरादाबाद- "मौलाना अकरम" की गोली मारकर हत्या, खंडहर में मिला शव।
प्रतापगढ़- जेठवारा थाना क्षेत्र के सोनपुर में "मौलाना फारूक" की हत्या।…
फैक्ट: इस मामले में दैनिक भास्कर और द क्विंट की रिपोर्ट से पता चलता है कि ज़मीन के पैसे के लेन-देन के विवाद के कारण चंद्रमणि ने मौलाना की हत्या की थी। मौलाना के बेटे मामून ने कहा है कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
4- पश्चिम बंगाल में अज़गर मोल्ला की मौत के पीछे सांप्रदायिक एंगल नहीं है
ऑनलाइन पोर्टल WE News English ने लिखा कि, ‘पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही पीट-पीटकर हत्याओं की घटनाओं के बाद, कोलकाता शहर में हिंदुत्व उग्रवादियों द्वारा एक मुस्लिम व्यक्ति की जानलेवा हमले में मौत हो गई।‘
फैक्ट: हमारी पड़ताल से स्पष्ट होता है कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में अज़गर मोल्ला की मौत में सांप्रदायिक एंगल नहीं है। भांगर में पिछले कुछ दिनों से चोरी की घटनाओं में वृद्धि हुई थी, जिससे स्थानीय लोगों को लगा कि अज़गर मोल्ला चोर है और उन्होंने उसे पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने इस मामले में साहारुल मोल्ला, सैकत मंडल और शेख रफीकुल हसन को गिरफ्तार किया है।
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5- झारखंड में शहाबुद्दीन की मौत में सांप्रदायिक एंगल नहीं है
मीर फैसल ने लिखा, ‘इमाम को मुस्लिम होने की वजह से मार दिया गया।’
‘Targeted For Being Muslim’: Imam Lynched To Death In Jharkhand’s Koderma, Police Deny ‘Lynching’ Allegations
— Meer Faisal (@meerfaisal001) July 2, 2024
For @TheObserverPost
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फैक्ट: हमारी पड़ताल से स्पष्ट हुआ कि हजारीबाग के बरकट्ठा में साहेबउद्दीन की मौत मॉब लिंचिंग से नहीं, बल्कि एक सड़क हादसे में हुई थी। साहेबउद्दीन ग्राम बसरामों से अपनी मोटरसाइकिल से अपने घर, ग्राम रघुनियाडीह, कोडरमा जा रहा था। इसी दौरान बरकट्ठा थाना क्षेत्र के ग्राम छुतहरिकटिया के पास उसकी मोटरसाइकिल अनियंत्रित हो गई और वह गिर गया। इस हादसे में उसके सिर में गंभीर चोट आई और वह घायल हो गया। बाद में अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।
झारखंड में शहाबुद्दीन की मौत में सांप्रदायिक एंगल नहीं हैhttps://t.co/fiEXuWNsaL
— Only Fact (@OnlyFactIndia) July 12, 2024
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है की पिछले एक महीने में चार मौलानाओं समेत एक युवक की मौत के मामले में सांप्रदायिक तनाव फैलाया गया। इन भ्रामक खबरों की वजह से समाज में वैमनस्य पैदा होता है, जो एक दिन विकराल रूप लेकर दंगा-फसाद का कारण बन सकता है।