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जयपुर: इकबाल की हत्या रोड़ रेंज के कारण हुआ था; जय श्री राम की नारे की बात कहकर इस्लामिस्ट फैला रहें है झूठ

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि 29 सितम्बर को जयपुर में एक युवक की कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाकर हत्या कर दी। मृतक युवक इकबाल अपने भाई के साथ जा रहा था तभी उनकी सड़क पर कुछ लोगों से किसी कारण कहा सुनी हो गई। यह देखकर कुछ लोग मामले को सुलझाने के लिए आगे आए, इतने में इकबाल ने मौके पर मौजूद बुजुर्ग व्यक्ति के साथ गाली गलौज की। जिसके बाद भीड़ इकबाल को पीटने लगी। अंत में चोट की वजह से इकबाल की मौत हॉस्पिटल में हो गई। 

चुकी मृतक युवक मुस्लिम समुदाय से था, सोशल मीडिया पर उसकी मौत को लेकर इस्लामिस्टों ने सांप्रदायिक रोटी सेकनी शुरू कर दिया।

प्रोपेगंडा पत्रकार कविश अज़ीज़ ने लिखा, “ जयपुर के मोहम्मद इकबाल” को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, मारते वक्त जय श्री राम के नारे लग रहे थे… मारने वालों में महिलाएं भी शामिल थी….CCTV”

वामपंथी पत्रकार मयंक ने लिखा, “ राजस्थान: जयपुर के मोहम्मद इकबाल की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. पिटाई के दौरान ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए जा रहे थे. मारने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं. घटना का CCTV आया सामने।” 

इसके अलावा नाजिम शेख एवं अन्य कट्टरपंथियों ने जय श्री राम के दावे को दोहराते हुए ट्वीट किया।  

इसमें कोई  दोराय नहीं है कि जयपुर में बीते शुक्रवार की रात को इकबाल की पीट- पीट कर हत्या कर दी गई, लेकिन इस मामले को सांप्रदायिक रंग देना कितना सही है और कितना गलत यह जांच का विषय है।

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फैक्ट चेक

जयपुर मामले की पड़ताल करने हेतु हमने मामले से संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट देखा। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट ने किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक एंगल की पुष्टि नहीं किया।

दैनिक भास्कर के अनुसार, शुक्रवार की रात को दो बाइक सवारों के बीच भिंड़त हुआ तभी इकबाल और उसका भाई मदद के लिए रुके फिर बाइक सवारों वहां से उठकर अपने गंतव्य की ओर निकल गए लेकिन इकबाल ए उसके भाई वहीं रुके रहे। यह देखते ही देखते बगल के कालोनी के लोग वहां एकत्रित होने लगे। रिपोर्ट के मुताबिक, इकबाल ने एक बुजुर्ग से गाल – गालोज कर दिया, जिसके बाद एकत्रित लोगों ने अपना आपा खो दिया और इकबाल को पीटने लगे। अंततः मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और इकबाल को ट्रामा सेंटर रवाना किया गया जहां उसकी मृत्यु हो गई।

Source- Dainik Bhaskar

हमने इस मामले की पड़ताल को आगे बढ़ाने हेतु आजतक की रिपोर्ट की और रुख किया। आजतक के मुताबिक, यह मामला रोड़ रेज का है, जिसको चरमपंथियों ने सांप्रदायिक बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।

आजतक के अनुसार, “शुक्रवार को जयपुर के सुभाष चौक थाना क्षेत्र में रामगंज निवासी इकबाल की बाइक की राहुल नाम के युवक की बाइक से टक्कर हो गई थी। इसको लेकर दोनों के बीच गाली-गलौज हो गई। दोनों युवक गाली-गलौज करते हुए अपने-अपने लोगों को बुलाने लगे। वहां खड़े बुजुर्ग ने दोनों को गाली देने से मना किया।”

रिपोर्ट में आगे लिखा, “ इसी बात को लेकर इकबाल की वहां खड़े लोगों से बहस हो गई। मौके पर खड़े लोगों से गाली-गलौज करने को लेकर इकबाल की मारपीट हो गई। लोगों ने इकबाल को लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया।उसके पैरों और सिर पर बेरहमी से हमला किया गया और उसे लहूलुहान कर दिया गया।”

Source- Aajtak

दैनिक भास्कर और आजतक की रिपोर्ट ने मामले को अलग- अलग ढंग से बयान किया है, लेकिन दोनों की रिपोर्ट में एक समानता है और वो यह कि यह मामला सांप्रदायिक नहीं है। दोनों रिपोर्ट ने यह पुष्टि किया है कि इकबाल ने पहले मौके पर मौजद बुजुर्ग व्यक्ति के साथ गाली गालोच किया, जिसके बाद लोगों ने इकबाल को मारना शुरू किया। 

खैर, इस मामले को पूर्ण रूप से सत्यापित करने के लिए हमने मामले की FIR की कॉपी को देखा। FIR में दंगा, और हत्या से जुड़े छह धाराएं लगाई गई है, लेकिन एक भी धारा ऐसा नहीं लगा जो धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए हो।

इसके साथ ही FIR में इकबाल का भाई का बयान दर्ज है जो मौके वारदात पर मौजूद था। उसने भी अपने बयान में सांप्रदायिक कारण की कोई बात नहीं कहीं है। मृतक इकबाल का भाई ने भी अपने बयान में रोड़ रेज़ और बेकाबू भीड़ की पुष्टि की है।

Source- FIR

ऊपर उल्लेख किए गए दो मुख्यधारा मीडिया रिपोर्ट और FIR  के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि कट्टरपंथियों द्वारा किया जा रहा दावा जिसमें वो जय श्री राम नारा की बात कह रहे है वो अस्त्य है। 

दावा
सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों ने कहा कि जयपुर में इकबाल को इसलिए मारा गया क्योंकि वो जय श्री राम का नारा लगाने से इंकार कर दिया था
दावेदारकविश अज़ीज़ , मयंक एवं अन्य इस्लामिस्ट
फैक्ट चेकअसत्य, भ्रामक

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Tags: Islamist Misleading Rajasthan फैक्ट चैक

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