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चरमपंथियों ने तीन साल पुराना वीडियो स्वतंत्रता दिवस के संदर्भ में साझा कर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया

कल भारत अपना 76 वा स्वतंत्रता दिवस मना रहा था । देश भर में हर्ष उल्लास का माहौल था। लेकिन वहीं कुछ चरमपंथियों ने ट्विटर पर हिंदू- मुस्लिम के बीच सौहार्द बिगाड़ने हितु ट्विटर पर एक वीडियो साझा कर वायरल करने का कवायद शुरू कर दिया।

राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्व अली सोहराब ने लिखा कि “ भारतीय मुसलमान स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए” 

चरमपंथी शानू नामक ट्विटर यूजर ने भी हूबहू दावा करते हुए लिखा, “ भारतीय मुसलमान स्वतंत्रता दिवस  की शुभकामनाएं देते हुए”

कट्टरपंथी मिर्जा अहमद ने भी ऊपर के दोनों जिहादियों की बातों को दोहराया। 

इसके अलावा अन्य इस्लामिक चरमपंथियों ने यह वीडियो  वर्तमान में साझा कर भारत में मुसलमानों का हाल बताकर  प्रोपेगंडा फैलाया।आप इसे यहां यहां और यहां देख सकते हैं।

जहां एक तरफ भारत के लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है वहीं कुछ अराजक तत्व ऐसी वीडियो साझा कर सोचने पर मजबूर कर रहें हैं। खैर, हम इस वीडियो की पूरी निष्पक्षता के साथ जांच करेंगे ताकि सच्चाई लोगों के सामने आ सके!

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फैक्ट चेक

इस वीडियो की पड़ताल की शुरुआत हमने वीडियो का कीफ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च करके किया। सर्च के बाद हमें जानकारी मिली की यह कथित वीडियो साल 2020  में हुए दिल्ली दंगो के दौरान का है।

हमें टाइम्स ऑफ इंडिया का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो ट्वीट प्राप्त हुआ। टाइम्स ऑफ इंडिया ने वहीं वीडियो साझा किया है जो कल कट्टरपंथियों ने साझा किया था। बता दें कि टाईम्स ऑफ इंडिया ने यह वीडियो 29 फरवरी 2020 को साझा किया था। 

यह कथित वीडियो साल 2020 का है, इस बात की पुष्टि करने के लिए मिरर टाईम्स की एक रिपोर्ट मिली। जहां वीडियो का तारीख फरवरी 2020 उल्लेख किया गया है।

Source- Mirror Times

हमें अपने पाठकों  की जानकारी के लिए इस घटना के बारे जानकारी देना आवश्यक है। टाईम्स ऑफ इंडिया के अनुसार वीडियो में दिख रहा व्यक्ति का नाम फैजान है। फैजान के साथ उसके चार साथी और है। फैजान दिल्ली दंगो में हिन्दुओं के ऊपर हमला कर रहा था, उस दौरान दिल्ली पुलिस का एक पुलिसकर्मी फैजान को लाठी से मारते मारते राष्ट्रगान गाने पर मजबूर करता है। पुलिसकर्मी फैजान को बुरी तरह जख्मी कर देता है, जिससे फैजान की जान चली जाती है।

Source- Times of India

आज यह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है। पुलिस कर्मी के ऊपर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्यवाही चल रही है। 

ऊपर जिक्र किए गए तमाम प्रमाण के आधार पर यह कहना उचित होगा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर साझा किया जाना वाला वीडियो तीन साल पुराना 2020 दिल्ली दंगो का है। अथवा इस मामले में जिम्मेदार पुलिस वाले के ऊपर कानूनी कार्यवाही चल रही है।

अतः चरमपंथियों ने तीन साल पुराना वीडियो आज के संदर्भ में साझा कर देश की शांति भंग करने का प्रयास किया है

दावाचरमपंथियों ने एक वीडियो साझा कर दावा किया कि स्वतंत्रता दिवस पर भारत में मुसलमानों का यह हाल है
दावेदार
अली सोहराब एवं अन्य कट्टरपंथी
फैक्ट चेकभ्रामक
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Tags: Delhi riots Islamist Misleading फैक्ट चैक

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