Home धर्म गोरखपुर के झिनकू दुबे की हत्या ब्राह्मण होने के वजह से नहीं हुई थी 
धर्म

गोरखपुर के झिनकू दुबे की हत्या ब्राह्मण होने के वजह से नहीं हुई थी 

Share
Share

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला सड़क किनारे पड़ी हुई नजर आ रही है। इस वीडियो को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार में ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहा है। दावे के अनुसार, गोरखपुर में स्कॉर्पियो सवार लोगों ने झिनकू दुबे और उनकी बहू को टक्कर मार दी। इसके बाद, झिनकू दुबे को लोहे की रॉड और लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस वीडियो के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, हमारी जांच में यह दावा भ्रामक साबित हुआ है।

सौरभ तिवारी ने लिखा, ‘यूपी में ब्राह्मणों पर अत्याचार जारी! गोरखपुर मे स्कॉर्पियो सवारों ने झिनकू दुबे और उनकी बहू को टक्कर मारी, गिरने के बाद झिनकू दुबे को लोहे की रॉड और लाठियों से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया, बहू ने खेत में भागकर बचाई जान। सवाल: क्या ब्राह्मणों की सुरक्षा का कोई मोल नहीं..?’

यह भी पढ़ें: शौचालय पर हिंदुओं द्वारा भगवा झंडा फहराने का दावा गलत

फैक्ट चेक

वायरल दावे की जांच के लिए हमने इस मामले से संबंधित कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। इसके बाद हमें दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित 14 दिसंबर 2024 की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, गोरखपुर में शुक्रवार को कोर्ट में बहू का बयान दर्ज कराने जा रहे बुजुर्ग की हत्या कर दी गई। परिवार का आरोप है कि गोला-कौड़ीराम मार्ग पर देवकली गांव के पास एक स्कॉर्पियो ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी और कुछ दूरी तक बाइक को घसीटते हुए ले गई। इसके बाद हमलावरों ने उन्हें लोहे की रॉड से पीटा और मरा समझकर भाग निकले। राहगीरों की मदद से बहू उन्हें मेडिकल कॉलेज लेकर गईं, लेकिन रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। इस मामले में मृतक की बहू की तहरीर पर ग्राम प्रधान सहित पांच लोगों पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का केस दर्ज किया गया है।

पड़ताल में हमें अमर उजाला की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, गोला इलाके के धौरहरा गांव में झिनकू दुबे की हत्या के आरोप में प्रधान रामेश्वर दुबे के भाई तारकेश्वर दुबे, परमेश्वर दुबे और एक अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साजिश रचने के आरोपी प्रधान रामेश्वर दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस टीम गुजरात भेजी गई है। पुलिस को प्रधान की लोकेशन गुजरात में मिली है।

Source- Amar Ujjala

रिपोर्ट में लिखा गया है कि झिनकू दुबे की बहन गुलाबी मिश्रा ने बताया कि परिवार में 70 वोट होने के कारण झिनकू को गांव में विशेष महत्व दिया जाता था। झिनकू सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े थे, जबकि प्रधान रामेश्वर दुबे दूसरी पार्टी के पक्ष में थे। विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों के बीच विवाद हुआ, जिससे दुश्मनी बढ़ गई। दिवाली के दिन प्रधान पक्ष ने झिनकू को पीटा था, और इसके कुछ समय बाद झिनकू ने प्रधान के पिता को पीट दिया। इसके बाद से दोनों पक्षों के बीच दुश्मनी और गहरी हो गई।

पड़ताल में आगे हमें हिंदुस्तान की 14 दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, घटना से संबंधित वायरल ऑडियो को पुलिस ने अपनी जांच में शामिल किया है। इस ऑडियो में ग्राम प्रधान रामेश्वर दुबे को यह कहते हुए सुना गया कि “झिनकू को पीटा जाएगा।” ऑडियो में रामेश्वर यह भी कह रहे हैं कि झिनकू ने उनके पिता को मारा, इसलिए उनके सभी भाई गुस्से में हैं। वह कहते हैं कि “अगर झिनकू की पिटाई में उनकी मौत भी हो जाए, तो चार भाइयों में से कोई एक जेल चला जाएगा, लेकिन उन्हें फर्क नहीं पड़ेगा।”

दावागोरखपुर के झिनकू दुबे की हत्या ब्राह्मण होने के वजह से हुई थी.
दावेदारसोशल मीडिया यूजर्स
निष्कर्षझिनकू दुबे की हत्या व्यक्तिगत दुश्मनी और चुनावी विवाद का परिणाम थी। 

Share