Home अन्य अखिलेश यादव ने मंदिर में पूजा पाठ की इसीलिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसे धोया? यह दावा गलत है
अन्यधर्मराजनीतिलोकसभा चुनाव 2024हिंदी

अखिलेश यादव ने मंदिर में पूजा पाठ की इसीलिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसे धोया? यह दावा गलत है

Share
Share

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों का चुनावी प्रचार उत्साहपूर्वक जारी है। इसी क्रम में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज लोकसभा प्रत्याशी अखिलेश यादव सोमवार को कन्नौज के बाबा गौरी शंकर मंदिर में दर्शन करने गए थे। अखिलेश यादव के मंदिर दर्शन के बाद कुछ युवकों ने मंदिर को साफ किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के मंदिर जाने के बाद मंदिर को गंगाजल से साफ किया, जिससे बीजेपी की पिछड़े, दलित और आदिवासी समाज के प्रति भेदभाव का पता लगता है।

सपा नेता लाल जी वर्मा ने X पर लिखा, ‘कन्नौज के जिस मंदिर में आज राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने पूजा पाठ किया था BJP कार्यकर्ताओं ने उस मंदिर परिसर को गंगाजल से किया साफ किया है। क्या भाजपा ये मानती है कि पिछड़े,दलित लोगों को हिंदू धर्म में मन्दिर में पूजा करने का आधिकार नहीं है? इस बार यही पिछड़े, दलित मिलकर भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएंगे।‘

सपा कार्यकर्ता पंडित आकाश शंखधार ने लिखा, ‘आज अखिलेश यादव जी मन्दिर गए थे, मन्दिर मै बिधि बिधान से पूजा पाठ किया दर्शन किए! उसके उपरान्त भाजपा कार्यकर्त्ता बहा पहुचे और उन्होंने बहा सफाई की और कह रहे अखिलेश यादव जी के आने से मन्दिर अशुद्ध हो गया था।क्यूँ इतनी नफरत है भाई एक पिछड़े समाज के नेता से क्यूँ? अब मन्दिर मै भी आप बताएंगे कौन जाएगा कौन नहीं अब भगावनो पर भी तुम्हारा अधिकार हो गया है?‘

सपा नेता परमिंदर अम्बर ने लिखा, ‘पिछड़ों और दलित भाई आप सब देख लीजिए… नेताजी खुद मुख्यमंत्री, रक्षामंत्री थे. उनके बेटे आदरणीय अखिलेश जी पूर्व मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनके मंदिर में जाने पर गंगाजल से मंदिर धोया जा रहा है। तुम्हारा यह लोग क्या सम्मान करेंगे? इसलिए समय रहते ही सजग हो जाइए। हम सबको यह अपमान अब नहीं सहना है।‘

कांग्रेस नेता डाक्टर अरुणेश कुमार यादव ने लिखा, ‘कन्नौज शहर में आज अखिलेश यादव जी एक मंदिर में दर्शन करने आए थे , इस दृश्य को देखिए कैसे भाजपा के कार्यकर्ता इस मंदिर को साफ कर रहे हैं!! साफ संकेत दिया जा रहा है कि पिछड़े या दलित की मंदिर में कोई जगह नहीं है!! हम लोग कुछ बोल देंगे तो इन मनुवादी विचारधारा वाले लोगों को मिर्च लगने लगेगी!‘

चरमपंथी निगर परवीन ने लिखा, ‘ये वीडियो कन्नौज का है। जिस मंदिर से यूपी के पूर्व CM अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार शुरुआत की, उसे भाजपा कार्यकर्ता गंगाजल से धुल रहे हैं। सोचिए इनकी नफरत सिर्फ मुसलमानों से नहीं है, दलित-पिछड़ों से भी है!‘

मनराज मीणा ने लिखा, ‘कन्नौज के जिस मंदिर में आज सपा अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने पूजा पाठ किया, BJP कार्यकर्ताओं ने उस मंदिर परिसर को गंगाजल से किया साफ किया। क्या भाजपा ये मानती है कि पिछड़े, आदिवासी, दलित लोगों को हिंदू धर्म में मन्दिर में पूजा करने का आधिकार नहीं है???इस बार यही पिछड़े, आदिवासी, दलित मिलकर भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएंगे।‘

सपा नेता ज्योति देव अग्रवाल ने लिखा, ‘आ. अखिलेश यादव जी के पूजा करने के बाद मंदिर को धोकर सामंतवाद ने बहुजनों के स्वाभिमान को चुनौती दी है! बहुजन समाज इस चुनौती का उत्तर केवल कन्नौज ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश से भाजपा का सफाया करके देगा‘

वामपंथी हैंडल चेंजिंग इंडिया ने लिखा, ‘कन्नौज की आज की घटना ने पूरी तरह से हिला के रख दिया, जिस भेदभाव के बारे में बड़ों से सुना था या किताबों में पढ़ा था आज वैसा ही होते देखा है। जब देश के सबसे ताकतवर प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री, 3 बार के सांसद, 3 बार के मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री के पुत्र के साथ अगर ऐसा व्यवहार हो सकता है तो सोचिए एक आम ओबीसी या दलित व्यक्ति के साथ क्या नहीं हो सकता।‘

प्रशांत कनौजिया ने लिखा, ‘जिस मंदिर में @yadavakhilesh जी ने पूजा की उसे गंगाजल से धुलाया गया। यही जातिवाद भाजपा मानसिकता के लोग देश में लागू करना चाहते हैं। इन जातिवादियों को सबक़ सिखाना होगा।‘

वामपंथी पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा, ‘क्या कन्नौज में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जिन्होंने @yadavakhilesh के दौरे के बाद मंदिर को गंगाजल से ‘शुद्ध’ किया? एक पूर्व मुख्यमंत्री, तीन बार के सांसद और राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता अभी भी इस तरह के घिनौने, अपराधी, जातिवाद का सामना करना पड़ता है। यह शर्मनाक है जो शब्दों से परे है।‘

सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, ‘पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को लेकर BJP की सोच किसी बजबजाते नाले से बदतर है. यह है इनकी सड़ी मानसिकता का एक और प्रमाण👇 यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, आज शंकर जी के एक मंदिर में पूजा करने गए. उनके मंदिर से जाने के बाद BJP के नेताओं ने गंगा जल से मंदिर को धोया. क्यों? क्योंकि वो पिछड़ा वर्ग से आते हैं. पिछड़ा वर्ग के लिए BJP की ये घृणित सोच है.’

यह भी पढ़ें: अखिलेश-डिम्पल ने महाराणा प्रताप की मूर्ति पर माल्यार्पण किया इसीलिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने मूर्ति को धोया? यह दावा भ्रामक है

फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल हमने मामले से संबंधित की-वर्ड्स की मदद से न्यूज़ रिपोर्ट सर्च की, जिसमें हमें न्यूज ट्रैक की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक अखिलेश यादव द्वारा मंदिर दर्शन के बाद भाजपा समर्थकों ने सिद्धपीठ बाबा गौरीशंकर मंदिर पहुंचकर पहले तो पूरे मंदिर की साफ–सफाई की। भाजपा समर्थकों ने लगाते हुए कहा कि मंदिर में गैर सनातन धर्म के लोगों को प्रवेश निषेध है और अखिलेश के साथ कई मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जूते–चप्पल पहनकर मंदिर में प्रवेश किया‚ जो सनातन धर्म के विरूद्ध कार्य किया गया है। भाजपा नगर अध्यक्ष शिवेन्द्र कुमार ने बताया कि आज सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यहां दोपहर में आये थे और कुछ मुस्लिम युवकों के साथ यहां पर आये थे। चूंकि मुस्लिम युवक यहां पर जूते –चप्पल पहन कर आये और यहां मंदिर परिसर में उन्होंने थूका भी, तो क्या हमारे मंदिर ही उनको अपवित्र करने को मिलते हैं। क्या किसी दरगाह या मस्जिद में वह जूते–चप्पल पहनकर जा सकते हैं‚ नहीं जा सकते है।

इसके अलावा अमर उजाला और दैनिक जागरण की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि अखिलेश यादव के साथ दूसरे समुदाय के लोग मंदिर में पहुंचे थे इसीलिए मंदिर को धोया गया। भाजपा के नगर अध्यक्ष शिवेंद्र कुमार ने बताया कितने बाबा गौरी शंकर मंदिर में गैर सनातनियों का प्रवेश प्रतिबंधित है। इसका बोर्ड भी लगा हुआ है। लेकिन अखिलेश यादव के साथ कई गैर सनातनी मंदिर पहुंचा थे, इससे हमारी आस्था को चोट पहुंची है। इसीलिए गंगा जल से सफाई करके मंदिर को पवित्र किया गया है।

इसके अलावा हमे एक वीडियो मिला। इस वीडियो में जिमी बाल्मीकि ने बताया, ‘मंदिर के बाहर लिखा है कि गैर सनातनी लोगों का मंदिर आना मना है। इसके बावजूद अखिलेश यादव अपने साथ मुसलमानों को लेकर आए थे। जूते-चप्पल पहनकर आए थे।’

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि अखिलेश यादव की जाति कि वजह से मंदिर को साफ़ नहीं किया गया था। उनके साथ दूसरे समुदाय के लोग मौजूद थे इसीलिए मंदिर को धोया गया था।

दावा बीजेपी  पिछड़े, दलित और आदिवासी के खिलाफ मानसिकता के कारण कन्नौज के मंदिर को साफ किया।
दावेदारINDI गठबंधन के नेता
फैक्ट चेकभ्रामक

यह भी पढ़ें: NEET एग्जाम का पेपर लीक होने का दावा फर्जी है

Share