सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कानपुर के व्यापारी पीयुष जैन के घर से साल 2021 में 23 किलो सोना और हजारों करोड़ रुपए बरामद हुआ था, उन्हें कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया है। हालाँकि हमारी पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा भ्रामक है।
इस्लामिक कट्टरपंथी अली सोहराब ने लिखा, ‘पीयूष जैन के पास से दिसंबर 2021 में छापेमारी के दौरान 23 किलो सोना समेत हज़ारों करोड़ कैश बरामद किया गया था। मामला कोर्ट में विचाराधीन था, अब संवैधानिक स्पेशल जज साहब ने पीयूष जैन दोषमुक्त कर दिया है।’
कविश अज़ीज़ ने लिखा, ‘पीयूष जैन याद हैं?? कानपुर के इत्र कारोबारी जिनके पास से दिसंबर 2021 में डीजीजीआई टीम ने छापेमारी के दौरान 23 किलो सोना बरामद किया गया था। मामला कोर्ट में विचाराधीन था। आज स्पेशल सीजीएम ने दोषमुक्त कर दिया।’
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सोशल मीडिया पर वायरल इस मामले की जाँच के लिए हमने मामले से संबंधित कीवर्ड को सर्च किया तो पत्रिका पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली, इसके मुताबिक डीजीजीआई की टीम ने पीयूष जैन के घर से छापेमारी के दौरान 23 किलो सोना बरामद किया था। पीयूष जैन की तरफ से ही सोने को जब्त कर उस पर पेनल्टी लगाने की बात कही गई थी, जिसके बाद मामला कोर्ट में चल रहा था। पीयूष जैन की ओर से कोर्ट की सभी शर्तें मान ली गईं, जिसके बाद कोर्ट ने उसे कस्टम के मामले में बरी कर दिया। शर्तों के मुताबिक, पीयूष जैन ने खुद 56 लाख की कंपाउंडिंग भरी है। इसके साथ ही जब्त हुए 23 किलो सोने पर भी अपना अधिकार छोड़ दिया है। पीयूष जैन 60 लाख पेनल्टी पहले ही जमा कर चुके हैं।
वहीं यूपी तक के मुताबिक पीयूष जैन के वकील ने बताया कि पीयूष का 23 किलो सोना कस्टम विभाग ने जब्त कर लिया था। पीयूष पर पेनाल्टी भी लगाई थी। पेनाल्टी जमा करने के बाद पीयूष ने लखनऊ में कस्टम कमिश्नर के यहां अपील दाखिल कर सोना रिलीज करने की मांग की थी। इसी बीच पीयूष ने मुख्य आयुक्त सीमा शुल्क (निवारक) प्रक्षेत्र पटना में अर्जी दी। पीयूष के खिलाफ जीएसटी चोरी और सोना तस्करी मामले में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे।’ यूपी तक ने आगे लिखा, ‘जीएसटी चोरी मामले में मुकदमा अभी भी चल रहा है। उसमे फिलहाल जैन को कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट नें इस मामले में अगली तारीख 15 मार्च तय की है।’
इस मामले पर दैनिक जागरण ने अपनी 13 मार्च की प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा, ‘विशेष लोक अभियोजक अम्ब्रीश टंडन ने बताया कि 196 करोड़ रुपये की बरामदगी के मुकदमे में 15 मार्च को सुनवाई होगी। डीजीजीआई की तरफ से दाखिल पूरक आरोप पत्र में पीयूष जैन के अलावा 13 और अभियुक्त बनाए गए थे। यह सभी अभियुक्त अभी तक हाजिर नहीं हुए हैं। कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर इन अभियुक्तों को कोर्ट में पेश कराने के लिए कहा है।‘
इसके अलावा, हमें X से पत्रकार दीप त्रिवेदी द्वारा शेयर की गई एक कॉपी मिली, जिसमें कस्टम विभाग द्वारा किए गए सोना मामले को लेकर छह शर्तों का उल्लेख किया गया है।
निष्कर्ष: कानपुर व्यापारी पीयूष जैन केवल सोना मामले में बरी हुए हैं, उनके ऊपर टैक्स चोरी का मामला अभी भी चल रहा है। जैन ने कस्टम विभाग द्वारा जब्त किए गए सभी सोना को कस्टम को सौंप दिया है और साथ ही 1 करोड़ 16 लाख का जुर्माना भी भरा है।
दावा | व्यापारी पीयूष जैन, जिनके घर से 2021 में 23 किलो सोना और हजारों करोड़ रुपए बरामद हुए थे, कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया है। |
दावेदार | अली सोहराब और कविश अज़ीज़ |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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