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गोरखपुर में सपा समर्थकों को चुनाव प्रचार से रोकने के लिए गिरफ्तार करने का दावा गलत है

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सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने का वीडियो वायरल है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन प्रचार करने से रोक रही और जबरदस्ती गिरफ्तार कर रही है। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।

ब्रिज श्याम मिश्रा ने एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘खबर गोरखपुर से :- गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओ को पुलिस प्रशासन प्रचार करने से रोक रही और जबरदस्ती गिरफ्तार कर रही है… यूपी के CM योगी जी के संसदीय क्षेत्र मे प्रशासन की तानाशाही साफ देखने को मिल रही…’

ए.के. स्टालिन ने लिखा, ‘गोरखपुर में सपा के कार्यकर्त्ता को गिरफ्तार किया जा रहा है। बाबा दम है तो बिना प्रशासन का दुरूपयोग किए चुनाव लड़ लो….’

गौरव यादव ने लिखा, ‘गोरखपुर में पुलिस सपा कार्यकताओ को जबरजस्ती गिरफ्तार कर रही है!’

एस.पी.विद्रोही ने लिखा, ‘गोरखपुर में सपा के कार्यकर्त्ता को गिरफ्तार किया जा रहा है। बिना प्रशासन का दुरूपयोग किए चुनाव लड़ने के लिए कलेजा चाहिए !’

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमें एक्स पर ऐसे ही एक दावे के रिप्लाई में गोरखपुर पुलिस का रिप्लाई मिला। पुलिस ने बताया कि यह मामला गोरखपुर के ग्राम जैतपुर थाना गीडा का है। वीडियो में पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गये व्यक्ति पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है, जिसकी वजह से उसे गिरफ्तार किया गया।

पड़ताल में हमे इस मामले से सम्बंधित FIR कॉपी भी मिली। इसमें पीड़ित राजन सिंह ने बताया है कि आरोपी विजयनाथ यादव समेत 10-12 अज्ञात लोगों ने उन पर हमला किया था।

हमने सम्बंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च करने पर हमें 24 मई 2024 को प्रकाशित अमर उजाला की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक गीडा क्षेत्र के नंदापार में भाजपा के चुनाव कार्यालय में घुसकर मारपीट करने वाले सपा समर्थक विजयनाथ यादव और रितेश यादव को पुलिस ने को गिरफ्तार किया है। भाजपा कार्यालय प्रभारी राजन सिंह ने बताया कि आरोपी विजयनाथ यादव अपने एक दर्जन समर्थकों के साथ कार्यालय में घुस गया और उन्हें मारने पीटने लगा। उसने गला दबाकर कर जान से मारने की भी कोशिश की।

निष्कर्ष: पड़ताल में स्पष्ट है कि सपा कार्यकर्ता को हत्या के प्रयास के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चुनाव प्रचार करने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा सपा कार्यकर्ताओ की गिरफ्तारी का दावा भ्रामक है।

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