सोशल मीडिया में एक वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यूपी के मुरादाबाद में मुस्लिम बहुल इलाके में अवैध तरीके से हो रहे मंदिर के निर्माण का विरोध करने पर पुलिस ने मुसलमानों को पीटा। मंदिर की जमीन के कागजात भी नहीं दिखाए जा रहे है और जबरन निर्माण किया जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने मुस्लिम समुदाय पर एकतरफा कार्रवाई की। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा गलत निकला।
कट्टरपंथी मोहम्मद तनवीर ने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘उत्तरप्रदेश मुरादाबाद डरावना दृश्य। अवैध तरीके से मुस्लिम बहुल इलाके में मंदिर का निर्माण करवा रही भीड़ का बस विरोध किया और जमीन के कागजात मांगने पर। पुलिस ने मुस्लिम महिलाओं और नौजवान को दौरा दौरा कर पीटा। पीड़ित पक्षों के अनुसार पुलिस ने मुस्लिम समुदाय पर एकतरफा कार्रवाई की। जबकि मंदिर की जमीन के कागजात भी नही दिखाए जा रहे है और जबरन निर्माण किया जा रहा है।
हिंदूफोबिक अकाउंट दी मुस्लिम ने लिखा, ‘लोकेशन : मुरादाबाद, यूपी। मुस्लिम महिलाओं के साथ पुलिस ने की मारपीट और किया आपत्तिजनक शब्दो का इस्तेमाल। अवैध निर्माण के खिलाफ मुस्लिम महिला कर रही थी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन लेकिन पुलिस द्वारा बर्बरता करते हुए एकतरफा कार्यवाही का आरोप’
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पड़ताल में हमने सबसे पहले मामले से सम्बंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें 20 दिसंबर को प्रकाशित अमर उजाला की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक मूंढापांडे थाना क्षेत्र के रौंडा गांव में को कुछ लोग चामुंडा मंदिर की चहारदीवारी का निर्माण करा रहे थे। इसी दौरान मुस्लिम समुदाय की महिलाएं और पुरुष आ गए। उन्होंने निर्माण का विरोध शुरू कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। इसी दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग कहने लगे कि चामुंडा मंदिर की चहारदीवारी का निर्माण नहीं रुका तो वह भी गांव में धार्मिक निर्माण कराएंगे। इससे गांव में तनाव बढ़ गया और दूसरे पक्ष के लोग भी आ गए। पुलिस ने हंगामा करने वाले लोगों को रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने अब्दुल्ला, रहीस समेत 34 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर नापतौल की थी। इसके बाद ही निर्माण कार्य कराया जा रहा था।
वहीं पड़ताल में आगे हमें tv9 भारतवर्ष की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया है कि अवैध तरीके से मंदिर बनाने वाली बात झूठी है। एसपी सिटी अखिलेश भदोरिया ने बताया कि पुलिस ने इस बात को वेरीफाई किया था कि जिस जमीन पर निर्माण हो रहा है वह ठीक है।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि ग्रामीण अवैध मंदिर का निर्माण नहीं कर रहे थे। पुलिस और राजस्व विभाग ने जमीन का वेरिफिकेशन किया था। जिसके बाद मंदिर की चहारदीवारी निर्माण का काम चल रहा था। वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध किया जिसके बाद पुलिस ने एक्शन लिया।
दावा | मुरादाबाद में अवैध मंदिर का निर्माण चल रहा था |
दावेदार | मोहम्मद तनवीर |
फैक्ट | भ्रामक |
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