Home अन्य दलित होने की वजह से जीतन राम मांझी को दूर से करने पड़े रामलला के दर्शन? जानिए इस दावे की हकीकत
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दलित होने की वजह से जीतन राम मांझी को दूर से करने पड़े रामलला के दर्शन? जानिए इस दावे की हकीकत

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अयोध्या के राम मंदिर में ‘राम लला’ की प्राण प्रतिष्ठा को दो महीने हो चुके हैं। मंदिर के उद्घाटन के बाद से ही लोग यहां बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया में लोग दावा कर रहे हैं कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दलित हैं इसीलिए उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर दूर से दर्शन करवाए गए। जबकि सपा के विधायक अभय सिंह ठाकुर हैं इसलिए उन्हें मंदिर के अंदर प्रवेश करने दिया गया।

आनंद प्रकाश ने लिखा, ‘अभय सिंह ठाकुर है और जीतन राम माँझी दलित है। अब अंतर देखो दलितों को मंदिर में जाने से हमेशा रोका जाता रहा है इसलिए अब जब माँझी रामलला के दर्शन करने गये तो वहाँ उनको स्टील के बैरीकेटिंग कर के रोका गया जबकि अभय सिंह उसके अंदर की तरफ़ खड़े है। भगवान तो सब के है भगवान तो भेदभाव नहीं करते है लेकिन ये भाजपा के नेता भगवान राम को अपनी जागीर समझ रहे है इसलिए एक दलित को रोका गया। यह दलितों का अपमान है।’

RJD समर्थक प्रतीक पटेल ने लिखा, ‘मांझी और सिंह होने में यही अंतर है। आप की मंदिर में एक सीमा है आप उसे लांघ नहीं सकतें हैं। चाहे आप सिर्फ हिंदू हो या फिर भाजपाई हिंदू। आपकी जाति एक सच्चाई है। आपके लिए जय श्री राम नहीं जय भीम बना है।’

RJD समर्थक प्रियांशु कुशवाहा ने एक्स पर लिखा, ‘माँझी जी राम मंदिर में अपमान करवा के आ गए। यही बैरिकेट इस समाज की कुरूप सच्चाई है। जय श्री राम बोलने के बावजूद आप एक अछूत दलित ही रहेंगे, हिंदू नहीं बन पायेंगे।’

दलित समाज ची ने लिखा, ‘दलित समुदाय से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बैरिकेड्स के पीछे खड़े हैं जबकि एक सवर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश कर सकता है। राम राज्य’

दिलीप मंड ने लिखा, ‘अयोध्या के राममंदिर में कुछ लोग मूर्ति के पास जा सकते हैं, कुछ लोग नहीं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय जीतन राम मांझी बेरिकेड के पीछे से दर्शन करते हैं, जबकि वे ज्यादा शिक्षित हैं. यही बात हिंदू धर्म को कमजोर कर देती है. हमलावरों के लिए ये पसंदीदा देश यूं ही नहीं रहा है’

वेद ने लिखा, ‘अयोध्या के राम मंदिर में माँझी साहब की बेइज्जति हुई, अच्छा हुआ। अब हमें हमारे लोगों को समझाने में आसानी होगी’

नितिन कुमार याद ने लिखा, ‘जीतन राम माँझी जी आज़ राम मंदिर के दर्शन करने अयोध्या पहुँचे थे.. आख़िर इतनी दूर से क्यों, दर्शन कर रहे हैं, मंदिर के अन्दर बैरिकेटिंग क्यों लगाई गई..? क्या इनकी जाति रुकावट बन रही है..?’

नन्दलाल शर्मा, चेंगिंग इंडिया और एके स्टॅलिन, समेत कई लोगों ने यही दावा किया है।

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फैक्ट चेक

इस दावे की पड़ताल में हमने अन्य राजनेताओं के मंदिर दर्शन की तस्वीरों को खंगाला। बीजेपी नेता सुनील बंसल ने 11 मार्च को रामलला के दर्शन किए गए थे। सुनील बंसल ने इसकी तस्वीर अपने एक्स हैंडल पर शेयर की थीम इस तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि सुनील बंसल भी जीतन राम मांझी के तरह बैरिकेडिंग के पीछे खड़े हैं।

पड़ताल में आगे हमें राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की फेसबुक प्रोफाइल पर भी राम जन्म भूमि दर्शन की मिली। 11 मार्च 2024 को शेयर की गयी इन तस्वीरों में भी साफ देखा जा सकता है कि राधा मोहन सिंह ने भी बैरिकेडिंग के पीछे खड़े होकर रामलला के दर्शन किए।

वहीं 11 फरवरी 2024 को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ भगवान राम के दर्शन करने पहुंचे थे। उन्होंने ने अपने एक्स हैंडल से इसका एक वीडियो भी शेयर किया है। इस वीडियो में भी साफ देखा जा सकता है कि सीएम योगी समेत तमाम विधायक बैरिकेडिंग के पीछे बैठकर दर्शन कर रहे हैं।

अपनी पड़ताल में हमने बीजेपी नेता रीता बहुगुणा जोशी, मनोज तिवारी, मधु पाठक, अवनीश पाठक, विजय बहादुर पाठक, साधना सिंह, भूपेश चौबे, अनूप गुप्ता, पंडित दीपक, मनीष परीक, जितेन्द्र सिंह सेंगर समेत कई राजनेताओं की रामलला दर्शन की तस्वीरें मिली। इन तस्वीरों में तमाम राजनेता बैरिकेडिंग के पीछे ही नजर आ रहे हैं। साथ ही हमे जोगराम पटेल के एक्स हैंडल पर एक वीडियो भी मिला। इस वीडियो में तमाम लोग बैरिकेडिंग में लगकर ही राम लला के दर्शन कर रहे हैं।

इसके बाद हमने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की हेल्प डेस्क से सम्पर्क किया। उन्होंने हमे बताया कि ‘राम लला’ की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गयी। किसी को अलग से विशेष व्यवस्था नहीं की जाती और न ही किसी को बैरिकेडिंग लगाकर रोका जाता है। सभी को बैरिकेडिंग में लाईन में लगकर दर्शन होते हैं। इसके बाद हमने अभय सिंह की तस्वीर के सम्बन्ध में भी पूछा तो उन्होंने बताया कि जब श्रद्धालुओं की संख्या कम होती है तो लोग प्रतिमा के सामने आकर तस्वीर क्लिक कर लेते हैं। हालाँकि अभय सिंह भी राम लला के गर्भगृह के बाहर ही खड़े हुए हैं, ये नियम सभी के लिए समान है।

ट्रस्ट की ओर से हमे बताया गया है कि मंदिर में रोजाना प्रात काल: 4 बजकर 30 मिनट से 5 बजे तक मंगला आरती होती है। इसके बाद सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर श्रृंगार आरती होती है। वहीं दोपहर 12 बजे भोग आरती की जाती है। भोग आरती के बाद शाम में 7 बजकर 30 मिनट पर संध्या आरती की जाती है। आरती के वक्त बैरिकेडिंग को हटा दिया जाता है। इसके बाद हमने अयोध्या के गोशाईगंज से विधायक अभय सिंह से सम्पर्क किया। हमने उनसे पूछा कि आपने राम मंदिर के दर्शन किस तारीख और समय पर किया था। उन्होंने हमे बताया कि वो दो मार्च को राम लला के दर्शन के लिए पहुंचे थे। अभय सिंह ने बताया कि उन्होंने सुबह करीबन 6 बजे रामलला के दर्शन किए थे।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए किसी के साथ जातिगत भेदभाव नहीं होता है। ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य जाति के लोग भी बैरिकेडिंग के पीछे से दर्शन करते हैं। साथ ही आरती के समय बैरिकेडिंग को हटा दिया जाता है, इस वजह से लोग राम लला की प्रतिमा के सामने आकर फोटो ले लेते हैं।

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