लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण शुक्रवार को खत्म हो गया है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हैं। दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम महिला को वोट नहीं डालने दिया गया। हालांकि पड़ताल में पता चलता है कि भ्रामक दावे के साथ वायरल यह वीडियो दो साल पुराना है।
आदिवासी समाचार ने एक्स पर इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, ‘पुलिसकर्मी महिला ने सरेआम लोगों के सामने महिला को मार थप्पड़। लोकतंत्र खतरे में’
मिस्टर कूल नाम के एक्स हैंडल ने लिखा, जाहिर तौर पर मुसलमानों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें आज वोट देने की अनुमति नहीं दी गई। क्या कोई पुलिस अधिकारी इन लड़कियों को थप्पड़ मार सकता है?’
सिकंदर ने लिखा, ‘पुलिसकर्मी महिला ने सरेआम लोगों के सामने महिला को मार थप्पड़ लोकतंत्र खतरे में’
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वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान यह वीडियो हमें मोहन नाम के फेसबुक अकाउंट पर 15 फरवरी 2022 को अपलोड मिला। वीडियो के टाइटल में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के रामपुर में पुलिस ने फर्जी वोट डालने वाली दो महिलाओं को पकड़ा है।
पड़ताल में आगे हमें Current TV News नाम के एक फेसबुक पेज पर दोनों महिलाओं की गिरफ्तारी का वीडियो भी मिला, जिसमें पुलिस दोनों को जीप में बैठकर पुलिस स्टेशन ले जा रही है। इसके कैप्शन में भी दोनों महिलाओं पर फर्जी वोट डालने का आरोप लगाया गया है।
इस जानकारी की मदद से हमने सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया तो हिन्दुस्तान की बेवसाईट पर इस मामले की एक रिपोर्ट मिली। 14 फरवरी 2022 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के रामपुर में यूपी विधानसभा चुनाव में जिलाधिकारी ने जीआरपीजी कॉलेज स्थित मतदेय स्थल पर दो बुर्कानशीं महिलाओं को फर्जी वोटिंग करते पकड़ लिया। जिला नर्विाचन अधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया कि दोनों मां-बेटी हैं और एक ने फर्जी वोट डाल भी दिया था। वहीं नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने पकड़ी गई महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि मुस्लिम महिला को वोट डालने से रोकने का दावा भ्रामक है। असल में यह घटना दो साल पुरनी है, जिसमें पुलिस ने बुर्कानशीं महिलाओं को फर्जी वोट डालते हुए पकड़ा था।
दावा | मुस्लिम महिला को वोट नहीं डालने दिया गया |
दावेदार | आदिवासी समाचार, सिकंदर व अन्य |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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