उत्तर प्रदेश में एससी-एसटी छात्रों को निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था खत्म करने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल है। अमर उजाला के अखबार में छपी एक खबर को शेयर कर दावा किया जा रहा है उत्तर प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थाओं में अब से SC-ST छात्रों को निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। हालांकि हामारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।
इजहार आलम ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘क्या अमर उजाला की ये ख़बर सत्य है अगर सत्य है तो SC, BC, ST, ब OBC समाज के बच्चे पढ़ाई कहां करेंगे ये सोचने वाली बात है’
पत्रकार यश कुमार ने लिखा, ‘यह चमार , पासी , भंगी , धोबी ….SC.ST के बच्चे पढ़ लिख गए तो हम ठाकुरों के खेतों में काम कौन करेगा …. ? इसलिए ख़त्म करो इनके सारे अधिकार’
साड्डा हक येथे रख नाम के एक्स हैंडल ने लिखा, ‘हिंदुओं सिर्फ चुनाव के वक्त तक ही तुम हिंदू हो बाकी चुनाव बाद तो तुम चमार, पासी, भंगी, धोबी से ज़्यादा और कुछ नहीं हो। याद रखना ये सरकार मुस्लिमों को मिटाने का झुनझुना तुम्हें थमा कर तुम्हारे सारे अधिकारों को खत्म कर रही है। हम सब्र वाले हैं तुम्हारा क्या होगा वो सोचो।’
यह भी पढ़ें: ओडिशा में मस्जिद के पास हिंदू आतंकवादी द्वारा ब्लास्ट का दावा भ्रामक है
दावे की पड़ताल में हमने सम्बंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सच किया। इस दौरान इस मामले से जुडी एक खबर हमें 6 अक्टूबर 2019 को अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में बताया गया है कि, अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को निजी शिक्षण संस्थानों में अब निशुल्क प्रवेश (जीरो फी) नहीं मिलेगा। प्रदेश सरकार ने शुल्क भरपाई योजना में गड़बड़ियों की शिकायतों को देखते हुए निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था खत्म करने का फैसला किया है। अब ये छात्र निजी शिक्षण संस्थानों में फीस देकर एडमिशन लेंगे। बाद में शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि सरकार उनके खातों में भेजेगी। वहीं, सरकारी और सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में इन दोनों ही वर्गों के सभी विद्यार्थियों को निशुल्क प्रवेश मिलेगा।
वहीं asianetnews की रिपोर्ट में बताया गया है कि, सरकार के पास निशुल्क प्रवेध से संबंधित कई शिकायतें पहुंची थीं। इनमें कहा गया था कि शुल्क भरपाई की रकम हड़पने के लिए संस्थान फर्जी एडमिशन दिखाते हैं। कई संस्थानों की जांच में 50 फीसदी तक छात्र फर्जी मिले। इनमें स्थानीय सरकारी अधिकारियों की भी मिलीभगत सामने आई। छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। दोनों वर्गों के छात्र पहले फीस भरकर पढ़ाई करेंगे। उसके बाद उनके द्वारा भरी गई फीस की भरपाई की जाएगी। ये राशि सीधे उनके खातों में भेजी जाएगी।
निष्कर्ष: पड़ताल में स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार ने शुल्क भरपाई योजना में गड़बड़ियों की शिकायतों को देखते हुए निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था खत्म करने का फैसला किया है। दोनों वर्गों के छात्र पहले फीस भरकर पढ़ाई करेंगे। उसके बाद उनके द्वारा भरी गई फीस की भरपाई की जाएगी।
दावा | यूपी में निजी शिक्षण संस्थाओं में एससी-एसटी को निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था खत्म |
दावेदार | इजहार आलम, यश कुमार व अन्य |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
This website uses cookies.