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कौशाम्बी में ऊँची जाति के लोगों द्वारा दलित बुजुर्ग को जूते की माला पहनाकर घूमाने का दावा भ्रामक है

सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग व्यक्ति के मुंह पर कालिख पोतकर और गले में चप्पलों की माला पहनाकर घुमाने का वीडियो वायरल है। दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में ऊँची जाति के लोगों ने छेड़खानी के आरोप में दलित बुजुर्ग के साथ दुर्व्यवहार किया है। उसको उसकी जाति की वजह से निशाना बनाया गया।

The Dalit Voice ने एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ’65 वर्षीय दलित को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जा रहा है, उसके गले में जूतों की माला डालकर उसे पूरे गांव में घुमाया जा रहा है, इस कृत्य के लिए ऊंची जाति के ग्राम प्रधान पति और उसके सहयोगी जिम्मेदार हैं, घटना यूपी के कौशाम्बी की है।’

सत्य प्रकाश भारती ने लिखा, ‘ग्राम प्रधान पति ने 65 वर्षीय बुजुर्ग दलित पर।छेड़खानी का आरोप लगाया, मुंह पर कालिख और गले मे चप्पलों की माला पहनाकर गांव में जुलूस निकाला” उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी के गांव बिरनेर थाना सराय आकिल में ग्राम प्रधान पति गुलाब चन्द्र गुप्ता ने प्रेमनरायन रैदास के साथ बर्बरता की।’

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अली सोहराब ने लिखा, ‘उत्तरप्रदेश: कौशाम्बी में छेड़छाड़ के आरोप में 65 साल के बुजुर्ग “प्रेमनारायण रैदास” के गले में जूतों क़ी माला डालकर और मुँह पर कालिख पोतकार घुमाया गया, पंचायत में प्रधान पति “गुलाब चंद गुप्ता” ने सुनाई ये फरमान…’

विनय रतन सिंह ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी के गांव बिरनेर थाना सराय आकिल में ग्राम प्रधान पति गुलाब चन्द्र गुप्ता द्वारा प्रेमनरायन रैदास जी के मुंह पर कालिख पोतकर , गले में चप्पल पहनाकर गाँव में घुमाने की तालिबानी घटना की जितनी भी निंदा की जाएं कम हैं। मैं @kaushambipolice से मांग करता हूं कि मामले को संज्ञान ले और शीघ्र व सख़्त कार्यवाही करें।

वहीं दलित दस्तक, सुषमा शर्मा और आंबेडकर मिशन ने भी इसी दावे के साथ शेयर किया है।

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमे दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, इस रिपोर्ट के मुताबिक कौशांबी के सराय अकिल थाना क्षेत्र के एक गांव में आशिक मिजाज बुजुर्ग की चप्पल माला पहनाकर बारात निकाली गई। आरोप है कि बुजुर्ग प्रेम कुमार गांव की महिलाओं पर बुरी नजर रखता था। गांव की एक महिला से अवैध संबंध उजागर होने और गाँव की महिलाओं द्वारा शिकायत किए जाने पर गाँव वालों ने बृहस्पतिवार को उसे घर से पकड़ लिया। गांव के बाहर निकाल महिलाओं ने चप्पल की माला पहनाई। इसके बाद गांव के पुरुषों ने चप्पल माला पहने प्रेम कुमार की चप्पल यात्रा गांव की गलियों में निकाली।

Source: Dainik Bhaskar

इसके बाद हमे कौशाम्बी पुलिस का एक्स पर पोस्ट मिला। कौशाम्बी पुलिस ने अपने पोस्ट में बताया है कि इस मामले में पुलिस ने भीमसेन, रामचंद्र, बसंत, सुंदर लाल, अजय कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है। इनके खिलाफ 323, 504, 352, 355, 341, 34 धाराओं समेत एसएसी एसटी एक्ट लगाया गया है।

पड़ताल में हमने थाना प्रभारी विनीत सिंह से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि प्रेम कुमार को महिलाओं पर बुरी नजर रखने के आरोप में प्रताड़ित किया गया। चूँकि पीड़ित एससी वर्ग से आता है इसीलिए एससी-एसटी एक्ट लगाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में एक आरोपी अजय कुमार गुप्ता जनरल कैटेगरी से है, अन्य आरोपी एससी कैटेगरी से आते हैं। इसीलिए सिर्फ अजय के खिलाफ खिलाफ यह एक्ट लगेगा।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि ऊँची जाति के लोगों द्वारा दलित बुजुर्ग को जूते की माला पहनाकर घूमाने का दावा भ्रामक है, इस मामले में 4 आरोपी एससी कैटेगरी से आते हैं। वहीं बुजुर्ग को उसकी जाति की वजह से नहीं, महिलाओं पर बुरी नजर रखने के आरोप में घुमाया गया था

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Tags: Fact Check Fake News Misleading कौशाम्बी दलित फैक्ट चैक

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