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लखनऊ के अकबरनगर में मुसलमानों के घरों पर चला बुलडोजर? जानिए सच

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लखनऊ के अकबर नगर इलाके में एक साथ कई घरों पर बुलडोजर चलने का वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों द्वारा दावा किया जा रहा है कि अकबरनगर में सरकारी बुलडोजर ने कई मुस्लिम परिवार को बेघर कर दिया। वहीं हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।

काशिफ अरसलान ने इस घटना का विडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘रमजान से पहले फिर से मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़र, उत्तर प्रदेश – अकबर नगर लखनऊ सरकारी बुलडोजर ने ने छिना कई अश्याने, हिन्दू तुष्टिकरण कर BJP सत्ता में दुबारा आने की तैयारी।’

चांदनी ने लिखा, ‘रमजान से पहले फिर से मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़र. उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अकबर नगर में सरकारी बुलडोजर ने कई मुस्लिम परिवार को बेघर किया. मक़सद क्या है आप सब जानते हैं’

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने लिखा, ‘रमजान से पहले फिर से मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़र. उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अकबर नगर में सरकारी बुलडोजर ने कई मुस्लिम परिवार को बेघर किया. मक़सद क्या है आप सब जानते हैं हिन्दू तुष्टिकरण कर BJP सत्ता में दुबारा आने की तैयारी।’

शब्बीर ने लिखा, ‘रमजान से पहले फिर से मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़र. उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अकबर नगर में सरकारी बुलडोजर ने कई मुस्लिम परिवार को बेघर किया. मक़सद क्या है आप सब जानते हैं’

हारून खान ने लिखा, ‘आज सुबह लखनऊ के अकबरनगर में बुलडोजर पहुंच गया है. अकबरनगर में लगभग 22000 घर हैं जहां दर्जनों स्कूल, मस्जिद/मंदिर मौजूद हैं। यहां के लोगों ने 45 साल पुराने गृहकर और जलकर के बिल दिखाए हैं।’

सय्यद उज़मा परवीन ने लिखा, ‘यूपी की राजधानी लखनऊ अकबर नगर में 40हज़ार मुसलमानो की बस्ती को आज उजाड़ा जा रहा हैं आज जब हमने पहुंच कर बुलडोज़र को रोकने की कोशिश करी तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दी’

इसके अलावा शम्स तबरेज, द मुस्लिम और रूही ने भी इसी प्रकार का दावा किया है।

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने सबसे पहले मामले से सम्बंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें 21 फरवरी 2024 को प्रकाशित दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिकराजधानी लखनऊ के अकबर नगर में मकानों को गिराने के मामले में कोर्ट ने आदेश दिया है। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि अकबर नगर के रहने वालों में जिन लोगों ने कोर्ट में मुकदमा नहीं किया है या हस्तक्षेप प्रार्थना पत्र नही दिए है, उनके खिलाफ एलडीए कार्रवाई कर सकती है।

Source- Dainik bhaskar

वहीं इस मामले में 21 दिसंबर 2023 को प्रकाशित जागरण की रिपोर्ट में कोर्ट ने पीड़ितों को राहत देते हुए अकबरनगर में ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी थी और प्रशासन द्वारा लोगों को पुनर्वास का आवेदन करने के लिए चार सप्ताह का समय देने और उन्हें पुनर्वास दिए जाने के बाद हटाये जाने का आदेश दिया था। इसके साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि याची अपना स्वामित्व साबित करने में सफल नहीं हुए हैं। वहीं राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह और एलडीए की ओर अधिवक्ता रत्नेश चंद्रा ने दलील दी कि याची विवादित संपत्तियों पर अपना स्वामित्व नहीं सिद्ध कर सके हैं। कहा गया कि वहां के लोगों के पुनर्वास की भी व्यवस्था की गई है, जिसके लिए 70-80 लोगों ने पंजीकरण भी कराया है।

इस मामले की और ज्यादा तहकीकात करने पर पता चलता है कि कुकरैल नदी के क्षेत्र में मुसलमानों के साथ साथ हिंदुओ की बड़ी आबादी रहती है। असल में प्रदेश की सरकार लखनऊ की 27 सहायक नदियों में एक कुकरैल का मूल स्वरूप लौटना चाहती है। कुकरैल नदी प्राचीन है। यह सई नदी के पास से निकलती है। समय के साथ इसमें नाले खोल दिए गए। मूल नदी के तल में सिल्ट जमा होने से इसको जल देने वाले स्रोत बंद हो गए। लोग इसे नाला समझने लगे। अब सिल्ट सफाई कर इसकी मूल निर्मल जलधारा वापस लौटाई जाएगी। इसीलिए यहाँ से अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। साथ ही यूपी सरकार अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के कुकरैल नदी के विस्थापितों को उचित मुआवजा भी दे रही है। 10 दिसम्बर 2023 को हिंदुस्तान पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक आवास के लिए विशेष पंजीकरण शिविर में 82 लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के फार्म लिये। इसमें अकबरनगर प्रथम की हसीन जहां, कुतुबुद्दीन बेग, लतीफ खान, अकबरनगर द्वितीय के मो. शफीक, मधु सोनकर, राम खिलावन, राजेश शिल्पकार, रमेश कुमार ने दस्तावेजों के साथ 5 हजार रुपये जमा कर आवास पंजीकरण कराया। कैम्प में आए 21 विस्थापितों ने डूडा आसरा आवास के लिए पंजीकरण कराया।

वहीं 20 दिसंबर 2023 को प्रकाशित अमर उजाला कि रिपोर्ट में बताया गया है कि अकबर नगर में कुकरैल रिवरफ्रंट के भीतर घुसकर अवैध तरीके से घर बनाने वालों में से 50 से अधिक परिवार पूर्व में ही प्रधानमंत्री आवास योजना में एलडीए से सस्ते में घर ले चुके हैं। इसके बाद भी अवैध रूप से बनाए घर खाली नहीं कर रहे। जिसके बाद आरोपियों के खिआफ एक्शन लिया गया।

इसके अलावा NBT की रिपोर्ट में बताया गया है कि लखनऊ के अकबरनगर में राजनीतिक दलों से जुड़े कई रसूखदार लोगों ने नदी किनारे जमीन कब्जा कर पक्के मकान बनाए और किराए पर उठा दिया। कब्जा कर यहां इमारत बनाने वाले खुद महानगर, गोमतीनगर और गोमतीनगर विस्तार में रहते हैं और इन अवैध इमारतों से हर महीना किराया वसूल रहे हैं। यही नहीं, अवैध तरीके से बनी दुकानों से भी हर साल लाखों कमा रहे हैं। यह खुलासा नगर निगम के सर्वे में हुआ है।

निष्कर्ष:  पड़ताल से स्पष्ट है कि अकबरनगर में मुस्लिमों के घरों पर बुलडोजर चलाने का दावा भ्रामक है। इस इलाके में हिंदू आबादी भी रहती है, यह इलाका पूरी तरह अवैध कब्जा है। अदालत ने अपने आदेश में भी माना है कि लोग अपना स्वामित्व साबित नहीं कर पाए हैं। साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से लोगों को आवास भी मुहैया करवाए जा रहे हैं।

दावा अकबरनगर में मुस्लिमों के घरों पर चला बुलडोजर
दावेदार द मुस्लिम, हारून खान, रूही व अन्य
फैक्ट चेक भ्रामक

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