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महाराष्ट्र के दहिसर में एमएनएस उम्मीदवार को अपने क्षेत्र से सिर्फ दो वोट मिलने का दावा गलत है

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुती गठबंधन की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद विपक्षी दल ईवीएम हैकिंग से लेकर चुनाव में हेराफेरी तक के अजीबोगरीब दावे कर रहे हैं। इसी बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें यह दावा किया गया है कि महाराष्ट्र के दहिसर विधानसभा क्षेत्र (153) से एमएनएस उम्मीदवार राजेश येरुंकर जिस क्षेत्र से वे उम्मीदवार हैं, वहां एमएनएस को सिर्फ 2 वोट मिले। ईवीएम की बैटरी 99% थी लेकिन फॉर्म नंबर 17सी और ईवीएम का सीरियल नंबर आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। हालाकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक पाया गया है।

वर्षा वर्मा ने लिखा, ‘महाराष्ट्र:~(153 दहिसर विधानसभा)MNS उम्मीदवार राजेश येरुंकर कह रहे हैं कि जिस हिस्से मैं उम्मीदवार हूं, वहां एमएनएस को सिर्फ 2 वोट मिले हैं. यह संभव नहीं है कि मेरी मां, मेरी पत्नी, मेरी बेटी ने भी मुझे वोट नहीं दिया हो,EVM की बैटरी 99% थी, फॉर्म नंबर 17सी और ईवीएम सीरियल नंबर‘

डाक्टर जितेंद्र ने लिखा, ‘दहिसर विधानसभा क्षेत्र (153) से एमएनएस उम्मीदवार राजेश येरुंकर का कहना है कि जिस हिस्से में मैं उम्मीदवार हूं, वहां एमएनएस को केवल 2 वोट मिले हैं। यह संभव नहीं है कि मेरी मां, पत्नी और बेटी ने भी मुझे वोट न दिया हो। ईवीएम की बैटरी 99% तक भरी हुई थी, लेकिन फॉर्म नंबर 17सी और ईवीएम का सीरियल नंबर मेल नहीं खा रहे हैं। यह लोकतंत्र की हत्या है।’

इसके अलावा इस दावे को विकास बंसल, अनुराग वर्मा, कृष्णा कांत, सलीम शेख, वी के पाटिल, महेश दीक्षित, संतोष देवाते और रवीश कुमार पैरोडी ने किया।

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र के तलनेर गांव में कुल मतदान से डबल वोट निकलने का दावा गलत है

फैक्ट चेक

वायरल दावे की पड़ताल में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा इस मामले पर एक स्पष्टिकरण जारी किया गया है। बीएमसी के अनुसार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के तहत उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र में स्थित 153 – दहिसर विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार श्री राजेश गंगाराम येरुंकर ने मतगणना को लेकर सोशल मीडिया पर कई आरोप लगाए हैं। बीएमसी ने इन आरोपों को तथ्यहीन बताते हुए उनकी वास्तविक स्थिति स्पष्ट की है:

1. फॉर्म 17सी और ईवीएम का मेल

फॉर्म 17सी और ईवीएम मशीन में दर्ज कुल मतदान का आंकड़ा और मशीन का क्रमांक पूरी तरह मेल खाते हैं। फॉर्म 17सी की एक प्रति मतदान वाले दिन सभी उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों को दी गई थी। इसके अलावा, मतदान के दिन या मतगणना के समय दहिसर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में इस संबंध में कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की गई।

2. कंट्रोल यूनिट की 99% बैटरी का कारण

भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जारी FAQ नंबर 34 में कंट्रोल यूनिट की 99% बैटरी से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई है।

• प्रश्न: पूरे दिन मतदान के बाद भी कुछ कंट्रोल यूनिट में बैटरी का स्टेटस 99% क्यों दिखता है?

• उत्तर: ईवीएम की बैटरी को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह 4 बैलेट यूनिट और 1 कंट्रोल यूनिट के साथ 2000 वोट दर्ज कर सके। जब करंट लोड कम होता है (जैसे एक बैलेट यूनिट के साथ 1000 से कम वोट), तो बैटरी की खपत भी कम होती है और वोल्टेज 7.4V से नीचे नहीं गिरता। इस वजह से बैटरी 99% दिखती है।

3. कैरिंग केस पर सील

कैरिंग केस पर सील सही तरीके से लगाई गई थी। सील हटाने के बाद भी फॉर्म 17सी और ईवीएम के मतदान आंकड़े पूरी तरह मेल खाते हैं।

4. परिवार के सदस्यों की संख्या और वोटों की वास्तविकता

उम्मीदवार और उनके परिवार के सदस्य मतदाता सूची के भाग संख्या 163 में दर्ज हैं। फॉर्म 17सी (भाग 2) के अनुसार मतदान के दिन उम्मीदवार को वास्तविक रूप से 53 वोट प्राप्त हुए। इससे स्पष्ट होता है कि आरोपों में कोई भी तथ्य नहीं है।

दावाएमएनएस उम्मीदवार राजेश गंगाराम येरुंकर  को अपने क्षेत्र से सिर्फ दो वोट मिले।
दावेदारविपक्ष एवं सोशल मीडिया यूजर्स
निष्कर्षसंबंधित मतदान केंद्र पर उम्मीदवार को केवल 2 वोट मिलने का दावा पूरी तरह निराधार है।

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