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मंदिर में मुस्लिम महिलाओं ने पढ़ी नमाज, बीमारी से निजात के लिए मंदिर में प्रार्थना करने का दवा झूठा

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मंदिर हो मस्जिद हो गुरुद्वारा हो या फिर गिरजाघर हो, सभी पवित्र स्थल हैं और सबकी अपनी-अपनी पवित्रता है। हर धर्म के लोगों को अपने पवित्र स्थल से एक खास लगाव होता है। यह लगाव आस्था से जुड़ा हुआ होता है। मंदिर-मस्जिद में किसी गैर धर्म के लोगों के घुसने में कोई मनाही नहीं होती, लेकिन यह तभी तक है जबतक आप उनके धर्म का अपमान नहीं करते। जब किसी के आस्था पर चोंट पहुंचती है तो वह क्रोधित हो जाता है। इसीलिए हमेशा कहा जाता है कि कभी किसी के आस्था को चोंट नहीं पहुंचानी चाहिए। मगर आजकल देशभर से ऐसे कई मामले आ रहे हैं। ताजा मामला यूपी के बरेली का है, जहां बताया जा है कि बरेली में बीमारी से छुटकारा पाने के लिए मंदिर में पूजा करने गई दो मुस्लिम महिलों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

मन्नू नाम की एक ट्विटर यूजर ने दो तस्वीरें पोस्ट कर हुए लिखा, “दो राज्य, दो कहानियां…यूपी के बरेली में बीमारी से निजात पाने के लिए मंदिर में प्रार्थना करने गईं दो मुस्लिम महिलाओं सजीना और सबीना (मां-बेटी) को मौलवी चमन शाह के साथ रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं तमिलनाडु में मुस्लिम गणेश चतुर्थी मना रहे हैं।”

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फैक्ट चेक

इस मामले की पड़ताल के दौरान सबसे पहले हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें ‘The Indian Express‘ की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, “उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पुलिस ने शिव मंदिर में नमाज पढ़ने के आरोप में एक मुस्लिम महिला और उसकी बेटी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मंदिर में नमाज पढ़ने के लिए उकसाने के आरोप में एक मौलवी को भी अरेस्ट किया है। यह पूरा मामला जिले के भुता पुलिस थाना क्षेत्र के केसरपुर गांव का है।”

वहीं ABP की रिपोर्ट में क्षेत्र के सर्कल अधिकारी (सीओ) गौरव सिंह ने कहा कि महिला और उसकी बेटी ने कथित तौर पर एक मौलवी की सलाह पर मंदिर में नमाज पढ़ी। सीओ ने बताया, ”हमने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में 38 साल की नजीर, उसकी 19 साल की बेटी सबीना और मौलवी चमन शाह मियां को हिरासत में लिया है।” पुलिस ने एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, “तीनों को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।”

अपनी पड़ताल में आगे हमें बरेली पुलिस एक ट्वीट भी मिला, जिसमें पुलिस ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर पूरे मामले की जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक मंदिर में नमाज पढ़कर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही थी।

 

हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि मंदिर में नमाज पढ़कर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही थी, न कि वहां प्रार्थना की जा रही थी। ऊपर दिए गए सभी तथ्यों को देखकर यह कहना उचित होगा कि यह दावा भ्रामक है।  

दावामंदिर में प्रार्थना करने गईं दो मुस्लिम महिलाओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार  
दावेदारमन्नू
फैक्ट चेकभ्रामक

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