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स्कूल में बच्चे की पिटाई पर संकेत उपाध्याय ने NDTV पर चलाई भ्रामक खबर

गुरुवार को सोशल मीडिया पर मुजफ्फरनगर के एक स्कूल का वीडियो वायरल होने के बाद गुरु-शिष्य परंपरा और देश में मुस्लिम समाज के प्रति बढ़ रही नफरत को लेकर बहस छिड़ गई। इस वीडियो में स्कूल की टीचर मुस्लिम बच्चे को क्लास के दूसरे बच्चों से पिटवा रही है। बताया जा रहा है कि मुस्लिम स्टूडेंट ने अपना होमवर्क नहीं किया था। जिसकी वजह से महिला टीचर ने उसे क्लास के दूसरे बच्चों से बेरहमी से पिटवाया। वीडियो वायरल होते ही यह एक बड़ा मुद्दा बन गया। पत्रकारों और नेताओं से लेकर आम जनता तक इसपर अपनी राय रखने लगी।

इसी क्रम में NDTV के पत्रकार और न्यूज़ एंकर ‘संकेत उपध्याय’ ने इस वीडियो को अपने शो में इसे एक “नफरती प्रयोग बताया” और हिंदू-मुस्लिम के एंगल से खबर चलाई। अपने शो में संकेत ने कहा, “यह नफरती प्रयोग का परिणाम नहीं है तो क्या है? एक टीचर भरी क्लास में एक मुस्लिम बच्चे को दूसरे बच्चों से पीटने को कह रही, बच्चों को बच्चों के खिलाफ खड़ा कर रही… आपने इस नफरत के चपेट में बच्चों तक को ला दिया है… बच्चे को पीटते हुए इसकी हसीं निकल रही है।” 

Source-Youtube

संकेत ने अपने इस पूरे शो को ट्वीट करते हुए लिखा। “हिंसा और नफरत के खिलाफ एक राष्ट्र एकजुट है।” 

संकेत ने अपने इस शो में गैर जिम्मेदाराना तरह से खबर को पेश किया, जिससे यह खबर एक टीचर की क्रूरता की बजाय सीधे साम्प्रदायिक बन गई। हम इस फैक्ट चेक रिपोर्ट में इन्हीं गलतियों को उजागर करेंगे। 

संकेत उपाध्याय ने अपने शो के दौरान आरोपी टीचर के बयान को दिखाया, नीचे दिए स्क्रीन शॉट में आप टीचर का बयान देख सकते हैं, जिसमें लिखा है “मैंने तो डिक्लेयर कर दिया जितने भी मोहम्डन बच्चे हैं इनको मार खिलाऊं।”

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फैक्ट चेक

इस घटना में हमे मुज्जफरनगर पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण प्रजापत का वीडियो मिला। जिसमे उन्होंने बताया है कि वायरल वीडियो में आपत्तिजनक टिप्पणी के सम्बन्ध में जाँच की गयी तो पता चला कि महिला टीचर द्वारा ये डिक्लेयर किया गया कि जिन मोमडन बच्चों की मां पढाई पर ध्यान नहीं देती हैं, उन बच्चों की पढाई का नाश हो जाता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वीडियो बनाने वाले शख्स ने भी इस बात की पुष्टि की है। पुलिस के इस बयान से साफ़ होता है कि टीचर ने कोई साम्प्रदायिक बातें नहीं की. 

वहीं अपने शो में 3:30 मिनट पर संकेत इस वीडियो को रिकॉर्ड करने वाले के बारे में कहते हैं कि “पीटते हुए छात्र को देख वीडियो बनाने वाले का कोई रिएक्शन ही नहीं है. वह मजे से हस रहा है।”

इसके बाद ट्विटर पर हमें तृप्ति त्यागी का वीडियो रिकॉर्ड करने वाले नदीम का एक वीडियो मिला। नदीम पीड़ित छात्र का चचेरा भाई है। वीडियो में नदीम ने सांप्रदायिक पहलू से इनकार किया है। उसने कहा,  “टीचर ने कोई मुस्लिम विरोधी टिप्पणी नहीं की। मैं वहां था और वीडियो रिकॉर्ड किया और वह उन मुस्लिम महिलाओं के बारे में शिकायत कर रही थी जो अपने बच्चों की पढ़ाई की परवाह नहीं करतीं। 

पत्रकार पियूष राय ने भी नदीम का एक इंटरव्यू ट्वीट किया है, जिसमें एक बार फिर नदीम ने सांप्रदायिक दावे को खारिज किया है। 

नदीम के इस बयान की पुष्टि के लिए नदीम से फोन पर भी बात की गई। नदीम ने कबूल किया कि यह वीडियो उन्होंने ही बनाई। नदीम से सवाल किया गया कि यह वीडियो हिंदू मुस्लिम एंगल से शेयर की जा रही है। इसपर नदीम ने कहा “यह गलत बात है, मैडम ने कहा था कि जितने भी मुस्लिम बच्चे हैं उनकी माएं मायकें चली जाती हैं, तो पढ़ाई बच्चों की खराब हो जाती है।”

आगे ANI की रिपोर्ट में पीड़ित छात्र के पिता ने भी इस बात को कबूल किया है कि…यह हिंदू-मुस्लिम मामला नहीं है। हम चाहते हैं कि कानून अपना काम करे।’

नदीम के बयान पर दैनिक जागरण में भी रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसमे उसने कहा है, ‘वह स्कूल में किसी काम से गया था, तभी उसके चचेरे भाई को दूसरे छात्र थप्पड़ मार रहे थे, लेकिन शिक्षिका कह रही थी कि मुस्लिम महिलाएं अपने मायके चली जाती हैं, बच्चों का ध्यान नहीं रखती, जिस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। लड़के का कहना है कि उसकी वीडियो का गलत अर्थ निकालते हुए इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया है।’

अंत ने यह स्पष्ट हो गया कि NDTV के पत्रकार संकेत उपाध्याय ने इस घटना पर अपने शो में गलत और भ्रामक दावे किये। हिंदू बच्चों से मुस्लिम बच्चे को पिटवाने का दावा गलत है। संकेत ने महिला टीचर को क्रूरता क खबर को हिंदू-मुस्लिम एंगल से चलाया

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Tags: Fact Check Fake News Misleading NDTV फैक्ट चैक मुजफ्फरनगर संकेत स्कूल

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