बीते दिनों यूपी के लखनऊ की छात्रा आयुषी पटेल ने आरोप लगाया कि उसने नीट की परीक्षा दी थी लेकिन उसका रिजल्ट नहीं खुल रहा था। बाद में एनटीए ने ई-मेल कर उसे बताया कि उसकी ओएमआर शीट फटी हुई है। आयुषी ने कहा कि ‘नीट ओएमआर की फोटो जो एनटीए ने मुझे भेजी है, उसमें सारे बबल क्लीयरली विजिबल हैं। जब हमने इसे चेक किया तो मुझे 715 नंबर मिल रहे थे। आयुषी पटेल ने इस बारे में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच में अर्जी भी दी थी। आयुषी के इस दावे को विपक्षी नेताओं ने बढ़ावा दिया।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘NEET जैसी परीक्षाओं में लाखों बच्चे मेहनत से तैयारी करते हैं और अपनी जिंदगी के सबसे कीमती पल इस तैयारी में लगाते हैं। पूरा परिवार इस प्रयास में अपनी श्रद्धा और शक्ति डालता है। लेकिन साल दर साल इन परीक्षाओं में पेपर लीक, रिजल्ट से जुड़ी गड़बड़ियाँ सामने आई हैं। क्या परीक्षा कराने वाली एजेंसियों की जवाबदेही तय नहीं होनी चाहिए? क्या सरकार को लापरवाही वाला रवैया छोड़ परीक्षा प्रणाली पर गंभीरता से विचार नहीं करना चाहिए? हम अपने युवा साथियों के सपनों को यूँ बिखरते हुए नहीं देख सकते। उनकी मेहनत के साथ सिस्टम द्वारा किया जा रहा ये अन्याय रुकना चाहिए। सरकार को गंभीरता से इन गड़बड़ियों को सुधारने के लिए कदम उठाने होंगे।’
डॉ.मनमोहन सिंह सटायर ने लिखा, ‘NEET जैसी परीक्षाओं में लाखों बच्चे मेहनत से तैयारी करते हैं और अपनी जिंदगी के सबसे कीमती पल इस तैयारी में लगाते हैं। लेकिन साल दर साल इन परीक्षाओं में पेपर लीक, रिजल्ट से जुड़ी गड़बड़ियाँ सामने आई हैं। हम अपने युवा साथियों के सपनों को यूँ बिखरते हुए नहीं देख सकते। उनकी मेहनत के साथ सिस्टम द्वारा किया जा रहा ये अन्याय रुकना चाहिए। सरकार को गंभीरता से इन गड़बड़ियों को सुधारने के लिए कदम उठाने होंगे-‘
कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंवदा ने लिखा, ‘इस युवती ने नीट परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन उसका रिजल्ट नहीं दिखा, उसके अंक नहीं आए और ओएमआर शीट फटी हुई मिली। लाखों बच्चे नीट जैसी परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और अपनी जिंदगी के सबसे कीमती पल इस तैयारी में बिताते हैं। पूरा परिवार इस प्रयास में अपनी आस्था और ताकत लगाता है। लेकिन साल दर साल इन परीक्षाओं में पेपर लीक और रिजल्ट संबंधी अनियमितताएं सामने आती रही हैं।’
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पड़ताल में हमने इस सम्बन्ध में गूगल सर्च किया 10 जून 2024 को NBT पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक आयुषी कह रही हैं- ‘मैंने नीट 2024 एग्जाम दिया था। मेरे साथ बहुत बड़ा स्कैम हुआ है। नीट का रिजल्ट जिस दिन आया, मेरा रिजल्ट नहीं खुल रहा था।NTA का ईमेल आता है कि- योर रिजल्ट कैननॉट बी जेनेरेटेड। क्योंकि उनको मेरी ओएमएर फटी हुई और डैमेज मिली है। इतना सुनने के बाद मैं और मेरी फैमिली पूरे शॉक में चले गए। तुरंत हमने इस पर एक्शन लेने का सोचा। मेरे मामा हाईकोर्ट में वकील हैं। रात ही हम उनके घर गए। हमने एनटीए को ईमेल भेजा कि अगर बच्चे का OMR फटा है तो उन्हें कम से कम उनका ओएमआर दिखाता तो जाए। ये रजिस्टर हुआ और 24 घंटे के अंदर मेरा NEET OMR मुझे मिल गया। फोटो देखकर ऐसा लग रहा है जैसे जानबूझकर फाड़ा गया हो।’
आयुषी ने कहा कि ‘नीट ओएमआर की फोटो जो एनटीए ने मुझे भेजी है, उसमें सारे बबल क्लीयरली विजिबल हैं। जब हमने इसे चेक किया तो मुझे 715 नंबर मिल रहे थे। मेरा नीट का फाइनल स्कोर भी यही था, जब मैंने एनटीए नीट आंसर-की से चेक किया था। तो अगले दिन हमने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी।’
इस मामले में 18 जून को दैनिक भास्कर पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने नीट- 2024 की परीक्षा परिणाम को लेकर दायर आयुषी पटेल की याचिका खारिज कर दी है। न्यायालय ने पाया कि छात्रा ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर याचिका दाखिल की है। NTA ने याची का ओरिजिनल ओएमआर शीट, स्कोर कार्ड और अटेंडेंसशीट कोर्ट में पेश किया। NTA ने कोर्ट को बताया कि दस्तावेज में याची का एप्लीकेशन नंबर 240411340741 है जिसपर हस्ताक्षरित किया गया है। NTA ने कोर्ट को बताया कि याची 240411840741 अप्लीकेशन नम्बर से ई-मेल भेज रही थी। जो गलत था।
कोर्ट की तरफ से मूल दस्तावेज की मांग पर एनटीए के डिप्टी डायरेक्टर संदीप शर्मा ने शपथ पत्र के साथ छात्रा के मूल दस्तावेज न्यायालय में पेश किए। याची के अधिवक्ता ने जब कोर्ट में दस्तावेज देखा तो कहा कि अब इस मामले में उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। लिहाजा याचिका को वापस लिए जाने की अनुमति दी जाए। सुनवाई के दौरान एनटीए की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि याची छात्रा के विरुद्ध विधिक कार्रवाई का निर्णय एनटीए द्वारा लिया जा चुका है। न्यायालय ने कहा कि याची द्वारा कूटरचित दस्तावेज दाखिल किए गए हैं ऐसी स्थिति में यह कोर्ट एनटीए को छात्रा के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने से नहीं रोक सकती।
वही हिंदुस्तान की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि एनटीए की ओर से याची की असली ओएमआर शीट, स्कोर कार्ड और अटेंडेंस शीट प्रस्तुत करते हुए कहा कि दस्तावेजों में याची का अप्लीकेशन नंबर 240411340741 जिसे स्वयं याची द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है। यह समझना मुश्किल है कि याची क्यों 240411840741 अप्लीकेशन नम्बर से ई-मेल भेज रही थी।
एनटीए के डिप्टी डायरेक्टर संदीप शर्मा ने शपथ पत्र के साथ छात्रा के मूल दस्तावेज प्रस्तुत किए जिसे देखने के पश्चात स्वयं याची के अधिवक्ता ने कहा कि अब इस मामले में उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है लिहाजा याचिका को वापस लिए जाने की अनुमति दी जाए। जबकि एनटीए की ओर से न्यायालय को बताया गया कि याची छात्रा के विरुद्ध विधिक कार्रवाई का निर्णय एनटीए द्वारा लिया जा चुका है। न्यायालय ने कहा कि याची द्वारा कूटरचित दस्तावेज दाखिल किए गए हैं ऐसी स्थिति में यह कोर्ट एनटीए को छात्रा के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने से नहीं रोक सकती।
निष्कर्ष: आयुषी पटेल के सभी आरोप कोर्ट में झूठे साबित हुए हैं। आयुषी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर NTA पर यह आरोप लगाए थे। वहीं कोर्ट ने NTA को आयुषी पटेल के खिलाफ नियमानुसार एक्शन लेने की छूट दी है।
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