सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो तेजी से वायरल है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि भाजपा नेता नितिन गडकरी लोकतंत्र के समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ब्यान दे रहे हैं। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।
MN Times नाम के एक्स अकाउंट ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘भाजपा के नेता नितिन गडकरी जी का पहली बार लोकतंत्र के समर्थन में मोदी जी के खिलाफ ब्यान। हमारे देश को ऐसे नेताओं की सख्त जरूरत है। समाजवादी विचारधारा के नेता किसी भी पार्टी में हो, ऐसे लोगों का समर्थन करना चाहिए।’
खुद को समजवादी पार्टी का नेता बताने वाले ज्ञान प्रकाश यादव ने लिखा, ‘भाजपा के नेता नितिन गडकरी जी का पहली बार लोकतंत्र के समर्थन में मोदी जी के खिलाफ ब्यान। हमारे देश को ऐसे नेताओं की सख्त जरूरत है। समाजवादी विचारधारा के नेता किसी भी पार्टी में हो, ऐसे लोगों का समर्थन करना चाहिए।’
वहीं अविनाश सिंह यादव ने एक्स पर इस वीडियो को शेयर कर वही बातें दोहराई हैं।
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इस दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान यह वीडियो हमें बीजेपी के ऑफिशल यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो को 16 अगस्त 2011 को अपलोड किया गया है। पूरा वीडियो चार मिनट का है, जिसमें नितिन गडकरी उस समय के तत्काल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना कर रहे हैं।
इस मामले में हमे 16 अगस्त 2011 को इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर भी मिली जिसके मुताबिक अन्ना हजारे के अनशन पर सरकार द्वारा शर्तें लगाए जाने के बाद भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके रूख पर ‘आत्मनिरीक्षण’ करने को कहा। इसको लोकतंत्र के खिलाफ बताया गया। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर आत्ममंथन करना चाहिए। अगर आप आंदोलन का विरोध करेंगे तो हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। जिस तरह से यह सरकार काम कर रही है और प्रधानमंत्री ने जो बयान दिया है, वह पूरी तरह से लोकतंत्र के खिलाफ है। आपको बता दें कि सरकार ने अन्ना हजारे से आमरण अनशन पर भीड़ की संख्या को 5,000 तक सीमित करने और इसे तीन दिन में समाप्त करने को कहा है।
15 अगस्त 2011 को हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, अन्ना हजारे की भूख-हड़ताल 16 अगस्त को शुरू होने वाली थी। इससे पहले 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 65वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भूख-हड़ताल की निंदा करते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए वह प्रतिबद्ध हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं है।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि नितिन गडकरी का प्रधानमंत्री की आलेचना करने वाला वीडियो अगस्त 2011 का है, इस दौरान यूपीए की सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे यानि नितिन गडकरी नरेंद्र मोदी की नहीं मनमोहन सिंह की आलोचना कर रहे हैं
दावा | केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की पीएम मोदी की अलोचना |
दावेदार | MN Times, अविनाश सिंह यादव और ज्ञान प्रकाश यादव |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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