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बुलंदशहर में मुस्लिम युवकों की पिटाई में सांप्रदायिक एंगल नहीं है

सोशल मीडिया में दो युवकों की पिटाई का वीडियो वायरल है। इस वीडियो के साथ युवकों के धर्म का उल्लेख करते हुए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो मुस्लिम भाइयों को भीड़ ने पीटा। आरोप है कि मुस्लिम युवकों की मॉब लींचिंग की गई। सोशल मीडिया पर इस मामले में सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।

कट्टरपंथी अंसार इमरान ने एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘नफरत का ज़हर समाज में पूरी तरह घुल चुका है! जानवरों के प्रति हमदर्दी रखने वाली भीड़ कब इंसान का खून कर देती है किसी को पता भी नहीं चलता। ताजा मामला यूपी के बुलंदशहर का है जहां मुस्लिम लड़के तंजीम और फैजान को वहां की हिंसक भीड़ ने बहुत बुरी तरीके से मारा पीटा है। मोब लिंचिंग का पूर्ण प्रयास किया गया है। सबसे हैरानीजनक बात यह है कि उस हिंसक भीड़ पर एक्शन की जगह पुलिस ने उल्टा शांति भंग के आरोप में उन दोनों को ही गिरफ्तार कर लिया है।’

पायल गुप्ता ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो मुस्लिम भाइयों को भीड़ ने पीटा, जब वे कुछ सामान बदलने के लिए एक दुकान पर गए थे। पीड़ित फैजान और तंजीम ने दुकान द्वारा सामान बदलने से मना करने पर विरोध किया। मारपीट में वे घायल हो गए। पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में उल्टा पीड़ितों को ही CRPC-151 के तहत गिरफ्तार किया।’

आफिय खान ने लिखा, ‘बुलंदशहर मे तंजीम और फैजान को मॉबलींचिंग संतलाल की दुकान पर कार्बोनेट को बदलने गए थे। दुकानदार ने मना कर दिया विरोध पर भीड़ ने दोनों भाइयों को खूब पीटा भीड़ पर एक्शन नहीं उल्टा पिटने वाले मुस्लिम भाई अरेस्ट हुए कया देश मे कानून नहीं हैं या मुस्लिमों की जान की कोई किमत नहीं हैं’

अर्सलन ने लिखा, ‘मुस्लिम नाम सुनते ही भीड़ हिंसक हो जाती है। तंजीम और फैजान कार्बोनेट को बदलने संतलाल की दुकान पर गए थे। वहां दुकानदार ने मना कर दिया। विरोध पर भीड़ ने दोनों भाइयों को खूब पीटा।’

वहीं दरब फारुकी ने लिखा, ‘क्या आपने उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में दो मुस्लिम भाइयों फैज़ान और तंज़ीम की भीड़ द्वारा पिटाई का वीडियो देखा है? क्या आप जानते हैं पुलिस ने किसे गिरफ्तार किया? फैज़ान और तनज़ीम को. आप सोच रहे होंगे कि क्यों। मेरे पास कोई सीधा जवाब नहीं है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह उनका मुस्लिम होना हो सकती है. उनके मुस्लिम होने ने हिंदू भीड़ को अपराध करने के लिए उकसाया और उस भीड़ को खुले तौर पर अपनी नफरत प्रदर्शित करने के लिए मजबूर किया.’

हेट डिटेक्टर और शम्स तबरेज ने इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया है।

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमें बुलंदशहर पुलिस के आधिकारिक एक्स हैंडल पर पुलिस का बयान मिला। सीओ सिकन्द्राबाद ने बताया कि 30 जून को थाना गुलावठी क्षेत्रान्तर्गत युवक व दुकानदार के मध्य सामान के लेन देन को लेकर हुए विवाद के बाद युवक द्वारा अपने अन्य तीन साथियों को बुलाकर दुकानदार के साथ मारपीट की गयी। इस पर आस पास के दुकानदारों द्वारा युवकों के साथ मारपीट की गयी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस संबध में दोनों पक्षों से प्राप्त तहरीर के अनुसार मुकदमा दर्ज कर किया गया है।

इसके बाद हमें तंजीम द्वारा पुलिस को दी गई FIR की कॉपी भी मिली। पुलिस ने तंजीम की शिकायत पर 7 नामजद लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। तंजीम ने पुलिस को बताया कि 30 जून को वो संत किराना स्टोर से रद्दी और आम पकाने के लिए पुड़िया खरीदने गया था लेकिन दुकानदार ने पुड़िया की जगह कार्बोरेट दे दिया। वहीं पिता के कहने पर कार्बोरेट वापस करने गया तो दुकानदार रिंकू ने उसे वापस लेने से मना कर दिया और गाली गलौज करने लगा। इसके बाद उनके साथ मारपीट की गयी।

निष्कर्ष: पड़ताल में स्पष्ट है कि दुकान पर सामान को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद लोगों ने फैजान और तंजीम को पीटा था। तंजीम ने अपनी शिकायत में कहीं इस बात का उल्लेख नहीं किया गया कि उसे उसके नाम या धर्म की वजह से पीटा गया, इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

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Tags: Fact Check Fake News Misleading बुलंदशहर मुस्लिम युवकों की पिटाई सांप्रदायिक

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