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नहीं, उत्तर-प्रदेश के निकाय चुनावों में OBC आरक्षण हटाने का फैसला योगी सरकार का नहीं है  

27 दिसंबर 2022 को लेखक अशोक कुमार पाण्डेय ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट कर दावा किया कि उत्तर-प्रदेश के OBC समुदाय के लोगों ने BJP को भर भर के वोट दिए थे बदले में, योगी सरकार द्वारा निकाय चुनावों में OBC आरक्षण को खत्म कर दिया गया है।

सामाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने भी मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि BJP सरकार पिछड़ो का हक़ छीन रही है।

स्त्रोत – यूट्यूब

फैक्ट चैक 

आरक्षण को लेकर योगी सरकार पर लगे आरोपों की पड़ताल के लिए इंटरनेट पर कुछ कीवर्ड्स जैसे योगी आदित्यनाथ, उत्तर-प्रदेश, निकाय चुनाव, आरक्षण आदि सर्च करने पर टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 27 दिसंबर 2022 की रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार इलाहबाद उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ ने, मंगलवार को शहरी स्थानीय निकाय (ULB) चुनावों पर राज्य सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द कर दिया तथा OBC आरक्षण के बिना चुनाव करने का आदेश दिया। 

उत्तर-प्रदेश सरकार द्वारा 5 दिसंबर 2022 को शहरी स्थानीय निकाय (ULB) चुनावों में OBC आरक्षण के लिए यह मसौदा जारी किया गया था।   

स्त्रोत – टाइम्स ऑफ़ इंडिया

इलाहबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि, “अदालत, 5 दिसंबर 2022 को उत्तर-प्रदेश सरकार द्वारा जारी मसौदे को धारा 9-A (5)(3) के तहत रद्द करती है।”  

स्त्रोत – इलाहबाद उच्च न्यायालय

इलाहबाद उच्च न्यायालय के अनुसार न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि, जब तक राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनिवार्य “ट्रिपल टेस्ट/शर्तें” पूरी नहीं हो जाती, तब तक पिछड़े वर्ग के नागरिकों के लिए, स्थानीय निकाय चुनावों में कोई आरक्षण प्रदान नहीं किया जाएगा।

स्त्रोत – इलाहबाद उच्च न्यायालय

बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्विट कर आरक्षण को लेकर अपना पक्ष साफ़ कर दिया। योगी ने कहा, “उत्तर- प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर OBC के नागरिको को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके उपरांत ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को संपन्न कराया जायेगा।” 

इसके अलावा उत्तर-प्रदेश सरकार के सुचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई जिसमे सरकार का आरक्षण के पक्ष में रुख स्पष्ट है। 

स्त्रोत -सरकार के सुचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उत्तर-प्रदेश

हमारी पड़ताल के बाद साफ़ है कि उत्तर-प्रदेश शहरी निकाय चुनावों में OBC आरक्षण हटाने का फैसला योगी सरकार का नहीं है बल्कि इलाहबाद उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ का है तथा योगी सरकार निकाय चुनावों में OBC आरक्षण के पक्ष में है यानि सरकार OBC विरोधी नहीं है।   

दावायोगी सरकार ने उत्तर-प्रदेश शहरी निकाय चुनावों में OBC आरक्षण को हटा दिया है तथा योगी सरकार OBC विरोधी है।
दावेदारअशोक कुमार पाण्डेय
फैक्ट चैकभ्रामक, OBC आरक्षण हटाने का फैसला इलाहबाद उच्च न्यायालय का है

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