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फुटबॉलर सुनील छेत्री ने मणिपुर को लेकर कोई विवादित बयान नहीं दिया है; आर जे सायमा, नीमो यादव और रोशन राय के दावे निकले फर्जी।

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देश का उत्तर पूर्वी का एक हिस्सा हिंसा, दंगे और आगजनी के चपेट में है। यह ऐसा वक्त है कि देश के हर वर्ग और हर मजहब के लोगों को साथ मिलकर मणिपुर के लोगों के जख्मों को भरने की कोशिश करें, लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि ऐसी परिस्थिति में भी वामपंथी, इस्लामिस्ट या इंटेलेक्चुअल का नाकब ओढ़े कट्टरपंथी अपनी एजेंडा की राजनीति करने से पीछे नहीं हटते। हाल ही में भारत ने साउथ एशिया फुटबॉल फेडरेशन चैंपियनशिप का खिताब इस्लामिक मुल्क कुवैत को हराकर जीता। इस जीत के मौके पर राष्ट्र विरोधी तत्वों ने फुटबॉल चैंपियनशिप जीत को मणिपुर में हो रहें हिंसा को जोड़कर ट्वीट किया।

ट्विटर अकाउंट PTI News OfficiaT के द्वारा भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री द्वारा दिया गया बयान साझा किया गया था। सुनील छेत्री कथित तौर पर कहते है, “आधा से ज्यादा हमारे खिलाड़ी मणिपुर से आते उत्तरपूर्वी से आते हैं। मणिपुर जल रहा है और कोई भी मणिपुर का हाल देखने के लिए नहीं जाता है और ना ही कोई शांति की अपील करता है।” 

हालांकि यह ट्विटर अकाउंट फिलहाल ट्विटर से सस्पेंड कर दिया गया है। 

मणिपुर पर सुनील छेत्री के बयान पर पीटीआई का अकाउंट निलंबित
Source- Twitter

कुख्यात हिंदू फोबिक आर जे सायमा ने PTI News OfficalT के ट्वीट को हवाला देते हुए लिखा, “सुनील छेत्री के लिए मन में बहुत इज्जत है।” 

मणिपुर पर सुनील छेत्री के बयान पर आरजे सायमा ने पीटीआई अकाउंट से किए ट्वीट को रीट्वीट किया
Source- Twitter

आर जे सायमा के आलावा कुछ अन्य लोगों ने भी शेयर किया है।

कांग्रेस सपोर्टर ने भी इस ट्वीट को साझा किया।

इस वायरल ट्वीट के साथ एक और ट्वीट को वायरल किया जा रहा है। दोनों ट्वीट सुनील छेत्री के कथित बयान का हवाला देकर दिया गया है। दूसरे ट्वीट में सुनील छेत्री कहते है, “ यह जीत मैं मणिपुर के लोगों को समर्पित करता हूं। वहां जो हो रहा है वो बेहद दुखद है। मेरी इच्छा है कि पूरा मणिपुर मिलकर यह जीत का मनाएं।”

फुटबॉलर सुनील छेत्री के बयान को फर्जी और भ्रामक प्रचार करने में  माहिर, ट्रॉल अकाउंट निमो यादव ने साझा किया। 

आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के समर्थक रोशन राय ने भी सुनील छेत्री के कथित बयान को साझा किया। हालांकि रोशन ने अब ट्वीट को डिलीट कर दिया है।

मणिपुर पर सुनील छेत्री के कथित बयान पर आप समर्थक रोशन राय ने ट्वीट किया
Source- Twitter

नीमो यादव और रोशन राय के आलावा और भी लोगों ने सुनील छेत्री के कथित बयान को साझा किया है। आप इसे यहां, यहां और यहां भी देख सकते हैं।

भारत ने साउथ एशिया फुटबॉल फेडरेशन चैंपियनशिप में इस्लामिक मुल्क कुवैत को पेनाल्टी शूटआउट में हराकर इतिहास रच दिया है, लेकिन ट्विटर पर चल रहें आलोचनात्मक तर्क इस जीत की खुशी को फिका कर रहीं हैं। इस फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में हम यह देखेंगे कि क्या सच में मणिपुर हिंसा को लेकर भारतीय फुटबॉल कप्तान ने देश और केंद्र की आलोचना की है?

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फैक्ट चेक

इस पड़ताल की शुरुआत हमने सुनील छेत्री के कथित मणिपुर बयान को सर्च कर किया। सर्च के उपरांत हमें एक भी सुनील छेत्री का एक भी बयान नहीं मिला जो मणिपुर के वर्तमान समय को दर्शाता हो। 

इसके बाद हमने यूट्यूब पर जाकर साउथ एशिया फुटबॉल फेडरेशन चैंपियनशिप फाइनल मैच का हाइलाइट्स देखा। वहां भी हमें सुनील छेत्री का कोई बयान नहीं मिला, जो मणिपुर हिंसा से संबंधित हो।

सुनील छेत्री का कथित बयान कहीं भी मुख्यधारा मीडिया या किसी भी सत्यापित सूत्र पर ना मिलने के अभाव में हमने SAFF और मणिपुर कीवर्डस डालकर गूगल सर्च किया। सर्च के उपरांत हमें भारतीय फुटबॉल टीम का एक खिलाड़ी, जैकसन सिंह का एक विवाद मिला। बता दें कि जैकसन सिंह मणिपुर राज्य से आते है।

दरअसल बात यह है कि जैकसन सिंह मैच के पश्चात मणिपुर हिंसा से पीड़ित मैतेई सुमदाय का सतरंगी झंडा अपने कंधे पर रखकर मैदान में उतरे। हालांकि जैकसन सिंह ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट से उठ रहें विवाद के ऊपर विराम लगा दिया। 

जैकसन सिंह ने कहा कि “मैतेई समुदाय के झंडे से मैं किसी को दुःखी नहीं करना चाहता था। मैं चाहता था कि लोगों का ध्यान मणिपुर में हो रहें हिंसा के तरफ आए। मैं यह जीत पूरे भारत को समर्पित करता हूं। मैं यह भी चाहता हूं कि जल्द से जल्द मणिपुर में शांति आएं।”

Source- Instagram

हमने अपनी तहक़ीकात को आगे बढ़ाने हेतु इस मामले से संबंधित और भी रिपोर्ट देखें। द ब्रिज नामक एक वेबसाइट ने भी भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री के कथित बयानों को खंडित करते हुए लिखा है, “SAFF फाइनल मैच के बाद सुनील छेत्री मीडिया से रूबरू नहीं हुए, मणिपुर मामले पर बोलना तो बहुत दूर की बात है। एक भी पत्रकार आगे आकर सुनील छेत्री के वायरल कथित बयान को सत्यापित नहीं किया है।”

Source- The Bridge

ऊपर उल्लेख किए गए सबूतों के आधार पर यह कहना उचित होगा कि ट्विटर पर वायरल सुनील छेत्री का कथित बयान फर्जी है। कप्तान छेत्री ने फाइनल मैच के बाद किसी मीडिया से बातचीत नहीं की

एक बार फिर से वामपंथियों और विद्रोही विचारधारा के लोगों ने देश की अखंडता को चोट पहुंचाने की कोशिश की है। इस्लामिक देश कुवैत पर भारत की जीत से, इस्लामिस्ट सोच रखने वालों को बेशक असुखद महसूस कर रहें है। यही कारण है कि चैंपियनशिप जीतने के बाद जश्न मनाने की जगह एजेंडा की आग को फैला रहें है।

दावाआर जे सायमा, नीमो यादव , रोशन राय एवं अन्य ट्विटर यूजर्स ने सुनील छेत्री का कथित बयान को ट्वीट कर दावा किया कि मणिपुर हिंसा पर सुनील छेत्री ने सरकार के खिलाफ बयान दिया है।
दावेदारआर जे सायमा, नीमो यादव , रोशन राय  एवं अन्य ट्विटर यूजर्स
फैक्ट चैकफर्जी
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