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सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया, सोशल मीडिया पर फैल रहें है भ्रामक दावे

देश के कई राज्यों में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो चुकी है। दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक एयर क्वालिटी बेहद खराब दर्ज की जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो इन दिनों आसमान में केवल स्मॉग ही नजर आ रहा है। इस बीच सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में पटाखों पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।

पत्रकार पवन त्यागी ने ट्वीट कर लिखा, ‘सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश। सभी राज्यों में पटाखे होंगे बैन। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार पटाखों से प्रदूषण बढ़ेगा , मामला दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का था , आदेश पूरे देश पर थोप दिया : –  गजब न्याय की मूर्ति हैं, कल को सर्दी कश्मीर में बढ़ गई तो क्या इस आधार पर केरल में कंबल ओढ़ने का आदेश दिया जा सकता है ? उत्तर है नहीं। तब दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए हिन्दुओं के त्यौहार पर खुशियों पर पहरा क्यू ? दिपावली पर मिठाई में मिलावट पर ज्ञान। होली पर पानी का वेस्टेज पर ज्ञान। दिपावली पर दियों में तेल खर्च पर ज्ञान। आपको नहीं लगता कि भारतीय न्याय व्यवस्था में विदेशी पढ़ाई का कब्जा है । और भारतीय संस्कृति का अकाल है।’

इस्लामिक चरमपंथी वाजिद खान ने कहा, ‘मोदी राज में हिंदू त्योहार भी नहीं मना सकते।’

रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एम नगेश्वरा राव ने लिखा, ‘पिछले दस से फर्जी हिंदुत्व वाली आरएसएस- बीजेपी की सरकार ने यह सुनिश्चित किया की दीवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लग जाए।’

विकास सिंह परमार ने लिखा, ‘दिवाली से पहले पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, ‘सिर्फ दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, पूरे देश में लगे बैन।’

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने वायरल दावों से सम्बन्धित कीवर्ड्स को को गूगल पर सर्च किया तो हिंदुस्तान पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। 7 नवम्बर 2023 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश हर राज्य पर लागू होता है और यह केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे पटाखों का हानिकारक असर तो पूरे देश में होगा।

इसके बाद हमे अदालती मामलों को कवर करने वाली बेवसाईट बार एंड बैंच की एक रिपोर्ट मिली जिसके मुताबिक अक्टूबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को यह दिशा में सख्ती से पालन करने के लिए निर्देश दिया कि बेरियम के साथ बने पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए। वहीं एनडीटीवी के मुताबिक साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पटाखों के पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं है लेकिन जिनमें बेरियम साल्ट है, वे प्रतिबंधित हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस फैसले का खुलकर उल्लंघित किया जा रहा है और ऐसे में  शीर्ष अधिकारियों को चेतावनी दी कि किसी भी कमी के लिए “व्यक्तिगत रूप” से जिम्मेदार होंगे।

Source- NDTV

पड़ताल में डीएनए की एक रिपोर्ट मिली जिसके मुताबिक भारत में वर्ष 2019 में बेरियम/बेरियम लवण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बावजूद इन रसायनों का उपयोग पटाखों में किया जा रहा है। बेरियम और इसके सभी यौगिक जहरीले होते हैं। बेरियम नाइट्रेट चमकीली हरी रोशनी के साथ जलता है और पटाखों में इसका उपयोग सिग्नल फ्लेयर (Used as Signal Flyer in Firecrackers) के रुप में किया जाता है। पटाखों में इसका उपयोग प्रोपेलेंट यानि फेंकने की क्षमता से लैस कराने के लिए किया जाता है। बेरियम सॉल्ट से श्वांस संबंधी दिक्कतें आती है। इससे फेफड़ों में शिकायत आ सकती है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर फैल रही खबर में भ्रामक है। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के पूरे प्रतिबंध की बात नहीं की है, बल्कि केवल बेरियम साल्ट्स का प्रयोग करने वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय दिया है। यह फैसला साल 2021 में लिया गया था।

दावासुप्रीम कोर्ट ने देश भर में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है
दावेदारवाजिद खान, पवन त्यागी एवं अन्य
फैक्टसुप्रीम कोर्ट ने 2021 में ही केवल बेरियम साल्ट्स का प्रयोग करने वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था।

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Tags: Misleading फैक्ट चैक

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