कल यानी 24 जुलाई, दिन सोमवार से ट्विटर पर एक खबर आग की तरह वायरल हो रही है। वायरल करने में आमतौर पर कट्टरपंथी जिहादी है। कट्टरपंथियों का दावा है कि नोएडा पुलिस ने एक मुस्लिम समुदाय के आदमी को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया क्योंकि उसने एक चूहे को मार डाला है!
यह न्यूज़ ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया नेटवर्क पर सनसनी फैला दी है। नतीजन कुछ घंटों के भीतर कट्टरपंथियों का समूह ने मानव अधिकार से लेकर मुस्लिम उत्पीड़न का रोना रोने लगे।
कुख्यात कट्टरपंथी काशिफ अरसलान ने लिखा, “वीडियो नोएडा में चूहे को मरने पर बिरयानी शॉप का मालिक जैनुद्दीन की गिरफ़्तारी कर ली गई है।
दूसरी तस्वीर नासिर और जुनैद के क़त्ल का आरोपी मोनू मानेसर है जिस पर कितने ही लोगों को मरने पीटने जान व लेने तक का आरोप है, मगर इस की आज तक गिरफ़्तारी नहीं हुईं।”
हालांकि अरसलान ने अब यह ट्वीट डिलीट कर दिया है।
खैर, अरसलान अकेले नहीं हैं। हिंदूफॉबिक तनवीर अंसारी ने लिखा “ भारत में पुलिस ने एक मुस्लिम व्यक्ति ज़ैनुद्दीन को सड़क पर एक चूहे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस तरह से “धर्मनिरपेक्ष” लोकतंत्र भारत में मुसलमान प्रतिदिन संघर्ष का जीवन जी रहे हैं। या तो राज्य द्वारा उत्पीड़ित हो रहे हैं या हिंदू बहुसंख्यक समाज द्वारा नरसंहार के प्रयास से बच रहे हैं।
ट्विटर पर हिन्दुओं के खिलाफ ज़हर घोलने वाला ट्विटर हैंडल मुस्लिम स्पेस ने लिखा, “ आज के भारत में चूहे की जान की कीमत एक मुस्लिम से ज्यादा है। नोएडा उत्तरप्रदेश का ज़ैनुद्दीन, एक बिरयानी की दुकान का मालिक को गिरफ्तार इसलिए किया गया क्योंकि उसने अपने मोटरसाइकिल से एक चूहे को कुचलकर मार डाला।”
सीरियल फेक न्यूज़ पेडलर सदफ अफरीन ने लिखा, “उत्तरप्रदेश, नोएडा
बिरयानी शॉप के मालिक जैनुद्दीन ने एक चूहे को बाइक से कुचल कर मार दिया! वीडियो वायरल होने के बाद, उत्तरप्रदेश की फुर्तीली पुलिस ने चूहा के हत्या मामले मे जैनुद्दीन को गिरफ्तार कर, जेल में डाल दिया!
एक चूहे की हत्या करना देश में बहुत बड़ा क्राइम है! अगर आप भी चूहा की हत्या करते है, तो सावधान रहे, पुलिस आपको भी गिरफ्तार कर सकती है!”
बता दें कि सदफ अफरीन ने भी अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है।
जहां भारत में एक समय पर मुस्लिम अपराधी बड़े से बड़ा अपराध करके वोट बैंक के पीछे खड़ा होकर बच जाता था, क्या आज उसी भारत में मुसलमानों को चूहे मारने के लिए जेल जाना पड़ रहा है? चलिए देखते हैं इस मामले की सच्चाई!
इस खबर की पड़ताल की शुरुआत हमने इस मामले से संबंधित कीवर्डस सर्च कर किया। इसके उपरांत हमें दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट मिली जहां इस वायरल न्यूज़ का खंडन किया है।
जागरण की रिपोर्ट में हेडलाइन है, “नोएडा पुलिस का बयान, चूहे को मारने को लेकर नहीं हुई जैनरुद्दीन की गिरफ्तारी; सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाह”
रिपोर्ट में दैनिक जागरण ने नोएडा पुलिस का हवाला देते हुए लिखा, “नोएडा पुलिस ने ट्विटर पर पोस्ट कर बताया कि आरोपी बिरयानी की दुकान चलाता है। दुकान में पैसे के लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद शांतिभंग के आरोप में शख्स को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि दुकान में हुए विवाद के बाद आरोपी को समझाया गया था, लेकिन वह नहीं माना। आखिर में पुलिस को उसे गिरफ्तार ही करना पड़ा। इस घटना को चूहे के मारने से लेकर नहीं जोड़ना चाहिए।”
जागरण की यह रिपोर्ट कट्टरपंथी इस्लामिस्टों के मुंह पर तमाचा है जो आम मुस्लिमों तक फर्जी खबर पहुंचा कर देश और प्रदेश में आराजकता का माहौल पैदा करना चाहते हैं।
हमने अपनी पड़ताल को पुख्ता करने के लिए नोएडा पुलिस द्वारा शेयर किया बयान कि पुष्टि की।
नोएडा पुलिस ने ट्विटर पर पूरे प्रकरण का विवरण साझा करते हुए चूहे को कुचलकर मारने के लिए गिरफ्तारी की अफवाहों का खंडन किया।
नोएडा पुलिस ने अपने बयान में कहा “आज दिनांक 24.07.2023 को थाना फेस 3 पुलिस द्वारा गश्त के दौरान पाया गया कि जैनलाध्दीन पुत्र मतलूब अहमद निवासी गली नंबर-5, मामूरा, नोएडा अपनी बिरयानी की दुकान पर ग्राहकों से पैसों को लेकर आमदा-फसाद हो रहा था, जिस पर मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा जैनलाध्दीन उपरोक्त और अधिक उत्तेजित होकर आमदा-फसाद करने लगा, जिस पर जैनलाध्दीन को अंतर्गत धारा-151 सीआरपीसी में गिरफ्तार कर चालान की कार्रवाई की गई। उक्त गिरफ्तारी को सोशल मीडिया पर चूहे के प्रकरण से जोड़कर प्रसारित किया जा रहा है। कृपया चूहे से संबंधित वायरल वीडियो का इस गिरफ्तारी से कोई संबंध नहीं है”
गौरतलब है कि नोएडा पुलिस ने जैनरुद्दीन को आईपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया है। धारा 151 कहता है कि तितर-बितर का आदेश होने के बाद जानबूझकर पांच या अधिक व्यक्तियों की सभा में शामिल होना या वहां बने रहना अपराध है। ऐसे में अगर इस्लामिस्टों की दावों में सच्चाई होती तो नोएडा पुलिस जैनरुद्दीन को धारा 151 नहीं बल्कि धारा 429 के तहत गिरफ्तार करती।
अतः इस मामले में मीडिया रिपोर्ट और नोएडा पुलिस द्वारा दिए गए बयान से यह सिद्ध होता है कि नोएडा निवासी जैनरुद्दीन को पुलिस ने चूहे मारने के लिए नहीं बल्कि पुलिस द्वारा माना करने के बौजुद पांच से ज्यादा लोगों की भीड़ इकठ्ठा कर शांतिभंग करने के आरोप में लिए गिरफ्तार किया है।
दावा | कट्टरपंथियों ने दावा किया कि जैनरुद्दीन को चूहे मारने के लिए गिरफ्तार किया गया है। |
दावेदार | सदफ अफरीन, काशिफ अरसलान, तनवीर अंसारी एवं अन्य इस्लामिस्ट |
फैक्ट चेक | भ्रामक और फर्जी |
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