एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें दिखाया जा रहा है कि चर्च के अंदर पादरी पर कुछ लोगों ने हमला किया है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है की एक हिंदू भारतीय जनता पार्टी के नेता ने चर्च में प्रवेश करके पादरी पर हमला किया। इसके अलावा, वीडियो के साथ यह भी संदेश दिया जा रहा है कि भारत में ईसाई समुदाय के लोग सुरक्षित नहीं हैं। जबकि हमने पाया कि वायरल वीडियो 6 साल पुराना है और वायरल दावा भी भ्रामक है क्योंकि घटना में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है
क्रिश्चियन इमरजेंसी एलायंस ने X पर लिखा, ‘बैंगलोर में, एक ईसाई पादरी को उनकी चर्च सेवा के दौरान बाधित किया गया और हमला किया गया। हमलावर जानकारी के अनुसार, वह हिंदू भाजपा नेता था। यह ठीक नहीं है। भारत के ईसाई लोगों के लिए प्रार्थना करें।‘
Gabru Dsu ने लिखा, ‘बैंगलोर के सीएसआई चर्च में भाजपा नेता आयर ने पादरी को माइक्रोफोन छीनकर उसके सिर पर मारा। लोगों को इस चुनाव में अपनी अराजकता के लिए अच्छा निर्णय लेना चाहिए।‘
CSI Church Bangalore Video shows BJP leader Ayar snatching the microphone and hitting him on the head during a worship service. People should take a good decision for their anarchy in this election. pic.twitter.com/P3llmFG250
— gabru dsa (@gabriel270260) April 13, 2024
Imcurus ने X पर लिखा, ‘कन्याकुमारी में भगवाधारियों ने वोट के लिए पादरी को मारा।‘
கன்னியாகுமாரியில் வாக்கு சேகரிக்க சென்று பாதிரியாரை தாக்க்கும் காவி சங்கிகள்😡🤬 pic.twitter.com/QMKOWAHhfo
— லட்சுமண தேவர். (@imcurus) April 11, 2024
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फैक्ट चेक
दावे की पड़ताल करने के लिए वीडियो का की-फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया जिसके बाद हमें फेसबुक पर 27 मई 2018 को ఇప్పలి చిన్న द्वारा प्रकाशित पोस्ट मिला। फेसबुक पोस्ट में लिखा था, ‘भद्राचलम चर्च में ईसाइयों ने ही पादरी को चप्पलों से मारा।‘
पोस्ट में आगे लिखा है, ‘सुबह की प्रार्थना के दौरान भद्राचलम शहर के सीएसआई क्राइस्ट मंदिर में पास्टर आनंद राव पर माइक्रोफोन से हमला किया गया और उन्हें गंभीर चोटें आईं। चर्च कमेटी का इससे पहले कुछ लोगों से मतभेद हुआ था।अब आनंद राव ने चर्च पास्टर के रूप में कार्यभार संभाला है। अब फिर से बहिष्कृत सदस्य आते हैं और आपके पैसे का खा जाते हैं।… हम अगर खाते हैं तो गलत है। उनका मताधिकार को हक वापस लिया गया था और फिर उन्होंने पादरी के साथ मताधिकार को हक कितने साल और रद्द रहेगा इसपर बहस की, उसके बाद अपने माइक पादरी के सिर पर मार दिया। प्रार्थना में शामिल थे ईसाई भाई और बहन बस उस घटना को देखकर निःशब्द थे। इस बीच, अन्य सदस्यों ने बहिष्कृत सदस्यों को चर्च के बाहर ले जाकर पुलिस को शिकायत की। पुलिस ने आकर मोर्चा संभाला और दोनों गुटों के लोगों को थाने ले गई।‘
ఇప్పలి చిన్న के पोस्ट से हमें यह जानकारी मिलती है कि तेलंगाना राज्य के भद्राचलम शहर के एक चर्च में पादरी ने कुछ ईसाई लोगों को किसी कारण से चर्च से निकाल दिया और उनके मताधिकारों को छीन लिया। इस घटना के बाद, पादरी और अन्य ईसाई लोगों के बीच में विवाद हुआ। बाद में, मामला इतना बढ़ गया कि वे लोग पादरी को उनकी माइक लेकर हमला कर दिया। बाद में पुलिस आई और मामले को संभाला।
यह वीडियो इससे पहले साल 2018 में भी इन्हीं दावों के साथ वायरल हुई थी, तब boomlive ने फैक्ट चेक कर यह स्पष्ट किया था कि मई 2018 में ईसाईयों ने ही तेलंगाना में चर्च के अंदर पादरी के ऊपर हमला किया।
निष्कर्ष: चर्च के अंदर पादरी के हमले का मामला तेलंगाना का है। 2018 में भद्राचलम शहर के एक चर्च में, चर्च से ही जुड़े कुछ ईसाई लोगों ने निजी विवाद के कारण पादरी को माइक से हमला किया था, जिससे उनकी सिर पर चोट आई थी। घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है
दावा | हिंदू बीजेपी नेता ने पादरी को प्राथना के समय मारा |
दावेदार | सोशल मीडिया यूजर्स |
फैक्ट चेक | गलत |
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