सोशल मीडिया पर लखनऊ के कुकरैल नदी के किनारे स्थित अकबरनगर में एक मस्जिद को ध्वस्त करने का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ की सरकार मस्जिदों को तोड़ रही है। हालांकि पड़ताल में पता चलता है कि यह इलाका अवैध कब्जा है, साथ ही दूसरे धर्म स्थलों को भी तोडा गया है।
समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने एक्स पर वीडियो शेयर कर लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को असल चिढ़ तो मस्जिद से है जिसे देर रात जमींदोज कर दिया गया। काश मठ मंदिरों पर बुलडोजर चलता जो सरकारी जमीनों पर सड़कें घेर कर मुख्य मार्गो पर खड़े हैं।‘
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को असल चिढ़ तो मस्जिद से है जिसे देर रात जमींदोज कर दिया गया।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) June 19, 2024
काश मठ मंदिरों पर बुलडोजर चलता जो सरकारी जमीनों पर सड़कें घेर कर मुख्य मार्गो पर खड़े हैं। pic.twitter.com/X1AjSpnVgE
कविश अज़ीज़ ने लिखा, ‘लखनऊ। पूरा अकबरनगर मलबे में तब्दील हो चुका था सिर्फ यह मस्जिद बची थी देर रात यह भी शहीद हो गए और सिर्फ मलबा बचा‘
लखनऊ। पूरा अकबरनगर मलबे में तब्दील हो चुका था सिर्फ यह मस्जिद बची थी देर रात यह भी शहीद हो गए और सिर्फ मलबा बचा pic.twitter.com/oKMbrlY7tN
— Kavish Aziz (@azizkavish) June 19, 2024
सदफ अफरीन ने लिखा, ‘अकबर नगर में आखिरी बची मदरसे और मकबरे को देर रात ढहा दिया गया! यहां अब तक हज़ारों घरों पर भी बुलडोजर चला दिया गया है! हज़ारों परिवार बेघर कर दिए गए है!‘
उत्तर प्रदेश
— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) June 19, 2024
अकबर नगर में आखिरी बची मदरसे और मकबरे को देर रात ढहा दिया गया!
यहां अब तक हज़ारों घरों पर भी बुलडोजर चला दिया गया है!
हज़ारों परिवार बेघर कर दिए गए है! pic.twitter.com/GtsSeHrf0g
चरमपंथी अरसलान ने वीडियो शेयर कर लिखा, ‘अकबर नगर लखनऊ की यह मस्जिद जिसमें आज आखरी जुमे की नमाज़ पढ़ी गई अब यह मस्जिद शहीद का दी जाएगी। हमारी ख़ामोशी हमारी मस्जिदों की शहादत का जरिया है।‘
अकबर नगर लखनऊ की यह मस्जिद जिसमें आज आखरी जुमे की नमाज़ पढ़ी गई अब यह मस्जिद शहीद का दी जाएगी।
— Arslan (@Sahilkhan3915) June 14, 2024
हमारी ख़ामोशी हमारी मस्जिदों की शहादत का जरिया है। pic.twitter.com/x5uqLTMWyZ
आसिफ खान अलिमी ने लिखा, ‘यह मस्जिद लखनऊ के अकबर नगर में है, जहां आज आखिरी जुमे की नमाज अदा की गई थी, लेकिन अब इस मस्जिद को शहीद/ध्वस्त कर दिया जाएगा। हमारी ख़ामोशी ही हमारी मस्जिदों की शहादत का कारण है। हम इतने मजबूर हैं कि अपने इबादतगाहों को भी नहीं बचा सकते।‘
यह मस्जिद लखनऊ के अकबर नगर में है, जहां आज आखिरी जुमे की नमाज अदा की गई थी, लेकिन अब इस मस्जिद को शहीद/ध्वस्त कर दिया जाएगा.
— Aasifkhan_alimi آصف علیمی (@Aasifkhan_Alimi) June 14, 2024
हमारी ख़ामोशी ही हमारी मस्जिदों की शहादत का कारण है। हम इतने मजबूर हैं कि अपने इबादतगाहों को भी नहीं बचा सकते।
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कांग्रेस कार्यकर्ता शफीक अहमद ने लिखा, ‘चुनाव के नतीजे आने के बाद उत्तर प्रदेश में मस्जिद की इमामो की हत्या हो जाती है। लखनऊ अकबर नगर में मुसलमान के घर ओर मस्जिद मदारिस को निशाना बनाया जा रहा है। क्या संघ ओर NDA परिवार मुसलमान से बदला ले रहा है?‘
चुनाव के नतीजे आने के बाद उत्तर प्रदेश में
— Shafiq Ahmad INC✋(भावी विघायक प्रत्याशी श्रावस्ती) (@ShafiqA80730195) June 13, 2024
मस्जिद की इमामो की हत्या हो जाती है।
लखनऊ अकबर नगर में मुसलमान के घर ओर मस्जिद मदारिस को निशाना बनाया जा रहा है
क्या संघ ओर NDA परिवार मुसलमान से बदला ले रहा है?@ShayarImran @Imranmasood_Inc @salman7khurshid @RahulGandhi@kharge
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फैक्ट चेक
दावे की पड़ताल करने के लिए हमने मामले से संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। हिंदुस्तान और दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की योगी सरकार लखनऊ की 27 सहायक नदियों में एक कुकरैल का मूल स्वरूप लौटना चाहती है। कुकरैल नदी प्राचीन है। यह सई नदी के पास से निकलती है। समय के साथ इसमें नाले खोल दिए गए। मूल नदी के तल में सिल्ट जमा होने से इसको जल देने वाले स्रोत बंद हो गए। लोग इसे नाला समझने लगे। अब सिल्ट सफाई कर इसकी मूल निर्मल जलधारा वापस लौटाई जाएगी। इसी कुकरैल नदी के किनारे लोगों के घर-दुकान बने हुए हैं। जिन्हें हटाया जा रहा है।
पड़ताल के दौरान हमें यह भी पता चला कि यूपी सरकार की कुकरैल रिवरफ्रंट परियोजना के खिलाफ अकबरनगर के लोग कोर्ट पहुंचे। नवभारत टाइम्स की 7 मार्च 2024 की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि ‘कुकरैल नदी के किनारे अवैध कब्जा कर मकान बनाने वाले लोग 31 मार्च तक खुद जगह खाली कर दें। हालांकि, वहां लंबे समय से रह रहे गरीब लोगों की समस्या को देखते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार और एलडीए से कहा है कि वहां रहने वाला जो भी व्यक्ति ईडब्ल्यूएस फ्लैट के लिए आवेदन करे, उसे फ्लैट दिया जाए।’ जस्टिस विवेक चौधरी एवं जस्टिस ओपी शुक्ला की बेंच ने यह आदेश राजू साहू सहित कई लोगों की ओर से दाखिल करीब छह दर्जन याचिकाओं को निस्तारित करते हुए पारित किया।
रिपोर्ट में आगे लिखा है कि ‘मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने माना कि वे सरकारी जमीन पर अवैध रूप से काबिज हैं। उनकी ओर से दलील दी गई कि उन्हें सरकार की पुनर्वास नीति के तहत ही वहां से हटाया जाए। एलडीए की ओर से विशेष अधिवक्ता सुदीप कुमार एवं अनुज ने कहा कि सरकार तो पहले ही इन लोगों के पुनर्वास की बात कह रही है। यह भी तर्क दिया गया कि यहां की सारी गंदगी गोमती में गिरती है। यह नदी 50 लाख से अधिक लखनऊवासियों के लिए पेयजल का स्रोत है। एनजीटी के दिशा-निर्देशों के तहत भी कुकरैल के निकट ऐसी झुग्गी बस्ती नहीं रह सकती।’
वहीं 10 मई 2024 को हिंदुस्तान पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक उच्चतम न्यायालय ने लखनऊ के अकबरनगर क्षेत्र में अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) द्वारा की जा रही तोड़फोड़ की कार्रवाई में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। तथ्यों से जाहिर है कि याचिकाकर्ताओं के पास उस जगह के मालिकाना हक को लेकर कोई दस्तावेज नहीं है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने साफ कर दिया कि किसी भी झुग्गीवासी को वैकल्पिक आवास दिए बिना बेदखल नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले में 11 मई 2024 को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कुकरैल नदी पर कब्जा करके अवैध रूप से बसाए गए अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के निर्माण को ध्वस्त करने पर रोक लगाने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एलडीए को सभी विस्थापितों को वैकल्पिक आवास आवंटित करने के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के ध्वस्तीकरण आदेश को बरकरार रखा है।
पड़ताल में आगे हमें नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित 19 जून 2024 की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक ‘पूरे अभियान में करीब 24.5 एकड़ जमीन पर बने 1200 से अधिक अवैध निर्माण जमींदोज किए गए। अब नगर निगम की टीम मलबा हटाने का काम शुरू करेगी और पूरे इलाके को समतल किया जाएगा। कार्रवाई के दौरान अकबरनगर में चार मंदिर, दो मस्जिद और दो मदरसे भी हटाए गए। इन्हें एक दिन पहले स्थानीय निवासियों की सहमति और जिला प्रशासन की निगरानी में खाली करवाया गया। भारी संख्या में अवैध निर्माण हटाए जाने के बाद अब पूरे इलाके को समतल करने की कार्रवाई शुरू की जा रही है।‘
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट होता है कि कुकरैल नदी के किनारे स्थित अकबरनगर में अवैध रूप से निर्माण किया गया था, जिसे कोर्ट और वहां के निवासियों ने भी स्वीकार किया है। योगी सरकार वहां सिर्फ मस्जिदों को नहीं तोड़ रही, अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया में चार मंदिर भी शामिल हैं।