सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों का दावा है कि दिल्ली के महरौली में एक 700 साल पुरानी मस्जिद को रात के अँधेरे में ध्वस्त कर दिया गया। इसे मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई बताया जा रहा है। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।
कट्टरपंथी अली सोहरब ने लिखा, ‘संविधान व लोकतंत्र की खुबसूरती: संवैधानिक प्राधिकरण ने 30 जनवरी को नई दिल्ली के महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद को विध्वंस कर दिया…”बाकी सब खैरियत है”
संविधान व लोकतंत्र की खुबसूरती: संवैधानिक प्राधिकरण ने 30 जनवरी को नई दिल्ली के महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद को विध्वंस कर दिया…
— Ali Sohrab (@007AliSohrab) January 31, 2024
"बाकी सब खैरियत है"pic.twitter.com/XBKDrWL78J
हिंदूफोबिक एक्स हैंडल द मुस्लिम ने लिखा, ‘लोकेशन : दिल्ली, कुरान सहित हदीस की दीगर किताबे निकालने का नही दिया मौका मस्जिद सहित अन्य धार्मिक स्थल पर चलाया बुडोजर। महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद कब्रिस्तान मदरसा व एक मजार को भी DDA ने रात के अंधेरे में जमीन दोज कर दिया।’
लोकेशन : दिल्ली
— The Muslim (@TheMuslim786) January 31, 2024
कुरान सहित हदीस की दीगर किताबे निकालने का नही दिया मौका मस्जिद सहित अन्य धार्मिक स्थल पर चलाया बुडोजर।
महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद कब्रिस्तान मदरसा व एक मजार को भी DDA ने रात के अंधेरे में जमीन दोज कर दिया। pic.twitter.com/KXou2MSDN2
सदफ आफरीन ने लिखा ‘दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के अधिकारियों ने दिल्ली के महरौली में 600-700 साल पुरानी ऐतिहासिक मस्जिद को बिना किसी नोटिस के जमींदोज कर दिया! बस यही चल रहा देश में! एक वर्ग की आस्था को कुचला जा रहा है!
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के अधिकारियों ने दिल्ली के महरौली में 600-700 साल पुरानी ऐतिहासिक मस्जिद को बिना किसी नोटिस के जमींदोज कर दिया!
— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) February 1, 2024
बस यही चल रहा देश में!
एक वर्ग की आस्था को कुचला जा रहा है!pic.twitter.com/YgNGiAFguU
मकबूत मीडिया के एक्स हैंडल ने भी इस खबर को शेयर करते हुए लिखा, ‘दिल्ली के महरौली में मंगलवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 600 साल पुरानी मस्जिद को मनमाने ढंग से ढहा दिया। इमाम जाकिर हुसैन ने कहा कि मस्जिद अखोनजी, जिसमें मदरसा बहरूल उलूम और श्रद्धेय हस्तियों की कब्रें थी, जोकि पूरी तरह से नष्ट कर दी गईं।
In Mehrauli, Delhi, the Delhi Development Authority carried out an arbitrary demolition of a 600-year-old mosque on Tuesday.
— Maktoob (@MaktoobMedia) January 31, 2024
Imam Zakir Hussain stated that Masjid Akhonji, which housed Madrasa Bahrul Uloom and the graves of revered figures, was completely razed. pic.twitter.com/tjEWowUfQN
पत्रकार राणा अय्यूब ने लिखा, ‘लोगों को नष्ट करने का सबसे प्रभावी तरीका उनके इतिहास की अपनी समझ को नकारना और मिटाना है। -ऑरवेल’
The most effective way to destroy people is to deny and obliterate their own understanding of their history.
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) February 1, 2024
Orwell pic.twitter.com/tTKe8oWEi4
वाजिद खान ने लिखा, ‘भारत में यहुदी मोडल चलाया जा रहा है फलस्तीन कि तरह मस्जिदों को शहीद किया जा रहा है। महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद कब्रिस्तान मदरसा व एक मजार को भी DDA ने रात के अंधेरे में तोड़ दिया है ….!!’
#दिल्ली
— Wajidkhan (@realwajidkhan) January 31, 2024
भारत में यहुदी मोडल चलाया जा रहा है फलस्तीन कि तरह मस्जिदों को शहीद किया जा रहा है.
महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद कब्रिस्तान मदरसा व एक मजार को भी DDA ने रात के अंधेरे में तोड़ दिया है ….!! pic.twitter.com/BIZR0NXTOL
मोहम्मद तनवीर ने लिखा, ‘दिल्ली के महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद कब्रिस्तान मदरसा व एक मजार को भी DDA ने रात के अंधेरे में जमीन दोज कर दिया। सरकार का बुलडोजर रात के अंधेरे में चोरी छिपे चलता रहा है और मुसलमान सोते रहे। भारत के मुसलमानों पर आजादी के 75 साल बाद भी सरकार का जुल्म जारी है।’
दिल्ली के महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद कब्रिस्तान मदरसा व एक मजार को भी DDA ने रात के अंधेरे में जमीन दोज कर दिया।
— Muhammad Tanveer | تنوير (@Tanvirpost) January 30, 2024
सरकार का बुलडोजर रात के अंधेरे में चोरी छिपे चलता रहा है और मुसलमान सोते रहे।
भारत के मुसलमानों पर आजादी के 75 साल बाद भी सरकार का जुल्म जारी है। pic.twitter.com/qOybfNpLct
फैक्ट चेक
दावे की पड़ताल के लिए हमने सम्बंधित कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान जागरण की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक महरौली इलाके के संजय वन स्थित ज्वाला काली मंदिर और आशिक अल्लाह की दरगाह पर मंगलवार तड़के बुलडोजर चला। डीडीए और वन विभाग की संयुक्त टीम ने सरकारी जमीन पर बने दोनों धार्मिक स्थल को बुलडोजर से पूरी तरह ध्वस्त करा दिया।
वहीं रिपोर्ट में डीडीए की तरफ से बताया गया कि यह दोनों धार्मिक स्थल दिल्ली विकास प्राधिकरण व वन विभाग की जमीन पर बने थे, इसलिए इन्हें हटाया गया। वहीं इस कार्रवाई के संबंध में मंदिर और मस्जिद समिति को 27 जनवरी को सूचित कर दिया गया था।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि मस्जिद के साथ-साथ दशकों पुराने मंदिर को भी ध्वस्त किया गया है। मगर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा केवल मस्जिद को ध्वस्त करने का दावा भ्रामक रूप से शेयर किया जा रहा है।
दावा | महरौली में पुरानी मस्जिद को ध्वस्त किया गया। |
दावेदार | अली सोहराब, दी मुस्लिम, वाजिद खान व अन्य |
फैक्ट | भ्रामक |