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दिल्ली के महरौली में सिर्फ मस्जिद ही नहीं, मंदिर को भी ध्वस्त किया गया

सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों का दावा है कि दिल्ली के महरौली में एक 700 साल पुरानी मस्जिद को रात के अँधेरे में ध्वस्त कर दिया गया। इसे मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई बताया जा रहा है। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।

कट्टरपंथी अली सोहरब ने लिखा, ‘संविधान व लोकतंत्र की खुबसूरती: संवैधानिक प्राधिकरण ने 30 जनवरी को नई दिल्ली के महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद को विध्वंस कर दिया…”बाकी सब खैरियत है”

हिंदूफोबिक एक्स हैंडल द मुस्लिम ने लिखा, ‘लोकेशन : दिल्ली,  कुरान सहित हदीस की दीगर किताबे निकालने का नही दिया मौका मस्जिद सहित अन्य धार्मिक स्थल पर चलाया बुडोजर। महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद कब्रिस्तान मदरसा व एक मजार को भी DDA ने रात के अंधेरे में जमीन दोज कर दिया।’ 

सदफ आफरीन ने लिखा ‘दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के अधिकारियों ने दिल्ली के महरौली में 600-700 साल पुरानी ऐतिहासिक मस्जिद को बिना किसी नोटिस के जमींदोज कर दिया! बस यही चल रहा देश में! एक वर्ग की आस्था को कुचला जा रहा है!

मकबूत मीडिया के एक्स हैंडल ने भी इस खबर को शेयर करते हुए लिखा, ‘दिल्ली के महरौली में मंगलवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 600 साल पुरानी मस्जिद को मनमाने ढंग से ढहा दिया। इमाम जाकिर हुसैन ने कहा कि मस्जिद अखोनजी, जिसमें मदरसा बहरूल उलूम और श्रद्धेय हस्तियों की कब्रें थी, जोकि पूरी तरह से नष्ट कर दी गईं।

पत्रकार राणा अय्यूब ने लिखा, ‘लोगों को नष्ट करने का सबसे प्रभावी तरीका उनके इतिहास की अपनी समझ को नकारना और मिटाना है। -ऑरवेल’

वाजिद खान ने लिखा, ‘भारत में यहुदी मोडल चलाया जा रहा है‌ फलस्तीन कि तरह मस्जिदों को शहीद किया जा रहा है। महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद कब्रिस्तान मदरसा व एक मजार को भी DDA ने रात के अंधेरे में तोड़ दिया है ….!!’ 

मोहम्मद तनवीर ने लिखा, ‘दिल्ली के महरौली में 700 साल पुरानी मस्जिद कब्रिस्तान मदरसा व एक मजार को भी DDA ने रात के अंधेरे में जमीन दोज कर दिया। सरकार का बुलडोजर रात के अंधेरे में चोरी छिपे चलता रहा है और मुसलमान सोते रहे। भारत के मुसलमानों पर आजादी के 75 साल बाद भी सरकार का जुल्म जारी है।’ 

फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल के लिए हमने सम्बंधित कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान जागरण की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक महरौली इलाके के संजय वन स्थित ज्वाला काली मंदिर और आशिक अल्लाह की दरगाह पर मंगलवार तड़के बुलडोजर चला। डीडीए और वन विभाग की संयुक्त टीम ने सरकारी जमीन पर बने दोनों धार्मिक स्थल को बुलडोजर से पूरी तरह ध्वस्त करा दिया। 

वहीं रिपोर्ट में डीडीए की तरफ से बताया गया कि यह दोनों धार्मिक स्थल दिल्ली विकास प्राधिकरण व वन विभाग की जमीन पर बने थे, इसलिए इन्हें हटाया गया। वहीं इस कार्रवाई के संबंध में मंदिर और मस्जिद समिति को 27 जनवरी को सूचित कर दिया गया था।

Source- Jagaran

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि मस्जिद के साथ-साथ दशकों पुराने मंदिर को भी ध्वस्त किया गया है। मगर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा केवल मस्जिद को ध्वस्त करने का दावा भ्रामक रूप से शेयर किया जा रहा है।

दावामहरौली में पुरानी मस्जिद को ध्वस्त किया गया।
दावेदारअली सोहराब, दी मुस्लिम, वाजिद खान व अन्य
फैक्टभ्रामक
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Tags: 700 year old mosque demolished 700 साल पुरानी मस्जिद Fact Check Fake News Islamist Misleading मंदिर मस्जिद महरौली

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