गोरखपुर में न्याय मांगने पर पुलिस द्वारा महिलाओं को पीटने का दावा गलत है
सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा महिलाओं की पिटाई का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का है, जहां न्याय मांगने पर पुलिस ने महिलाओं को लाठी-डंडों से पीटा। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ।
मंजीत सिंह नौटियाल ने एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश जिला गोरखपुर मे न्याय मांगना हो गया बहुत बड़ा पाप l महिलाओ को डंडो से पीटते हुए किसी को भी ये शर्म नहीं आई ये भी माँ बहने है l जनता का गुस्सा कुछ भी परिवर्तन कर देता है’
एकलव्य बौद्ध ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश जिला गोरखपुर मे न्याय मांगना हो गया बहुत बड़ा पाप l महिलाओ को डंडो से पीटते हुए किसी को भी ये शर्म नहीं आई ये भी माँ बहने है l जनता का गुस्सा कुछ भी परिवर्तन कर देता है’
वहीं दिया पल्लवी राज बौद्ध ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश जिला गोरखपुर मे न्याय मांगना हो गया बहुत बड़ा पाप. महिलाओ को डंडो से पीटते हुए किसी को भी ये शर्म नहीं आई ये भी माँ बहने है. जनता का गुस्सा कुछ भी परिवर्तन कर देता है’
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दावे की पड़ताल में हमने वीडियो के की-फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान यह वीडियो हमें 9 नवंबर 2022 को न्यूज़ तक के आधिकारिक यूट्यूब चैनल अपलोड मिला। न्यूज़ तक के मुताबिक यह वीडियो उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर का है जहां बाबासाहेब की प्रतिमा को तोड़ने के बाद यह घटना हुई।
पड़ताल में आगे हमें 7 नवंबर 2022 को प्रकाशित न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट भी मिली। जिसके मुताबिक, पुलिस ने अंबेडकर नगर जिले में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया था। दरअसल, जलालपुर थाना क्षेत्र के वाजिदपुर में कुछ बदमाशों ने बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के चेहरे पर काला रंग पोत दिया था। इसके बाद कुछ ही मिनटों में बड़ी संख्या में भीम आर्मी से जुड़ी महिलाएं मौके पर एकत्रित हो गईं और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया तथा दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगीं। वहीं पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने एक महिला कांस्टेबल पर हमला किया, जिसके कारण पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
दावा | गोरखपुर में न्याय मांगने पर पुलिस ने महिलाओं को लाठी-डंडों से पीटा। |
दावेदार | मंजीत सिंह नौटियाल, एकलव्य बौद्ध व अन्य |
निष्कर्ष | गोरखपुर में न्याय मांगने पर पुलिस द्वारा महिलाओं को पीटने का दावा गलत है। वायरल वीडियो 3 साल पुराना अंबेडकर का है। |
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