भारत में एक बार फिर से चुनावी बिगुल बज चुका है। आने वाले कुछ महीनों के दौरान पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाला है। 2024 के मार्च- अप्रैल में लोकसभा चुनाव होने वाला है। यानी आने वाले छह महीने चुनावों का दौर होगा। प्रदेश और देश की राजनीति से लुप्त हो चुका विपक्ष एक बार फिर से सोशल मीडिया पर तैयारी करने लगा है। सोशल मीडिया पर माहौल बनाने के मकसद से विपक्ष और विपक्षी मानसिकता से ग्रस्त लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निजी हमला, और बेबुनियाद निजी आरोप लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि पीएम के ऊपर निजी हमला करने से नुकसान हमेशा विपक्ष को ही झेलना पड़ा है। और यह बात राहुल गांधी से अच्छे से कौन जनता होगा! खैर, एक बार से विपक्ष के हमले तेज हो गए है। इस बार आरोप है कि प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर जिन कारीगरों और शिल्पकारों से मिले वो महज एक पब्लिसिटी स्टंट था।
बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर पर ‘पीएम विश्वकर्मा’ नाम से एक नई योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत शिल्पकारों को 13 हजार करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा।
इस योजना से लाभान्वित होने वाले वर्ग होंगे- सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला, मोची जूता/जूता कारीगर,राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाडू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी इत्यादि। यह बात विपक्ष को हजम नहीं हुआ क्योंकि वो मनाते है कि यह वर्ग उनका पारंपरिक वोट बैंक है। इसी क्रम में विपक्ष सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के खिलाफ अभियान चलाने लगी।
समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के प्रशंसक सूर्या प्रताप सिंह ने लिखा, “ बहुत अच्छे!! जो मोची बना था,वही कुम्हार के रोल में प्रकट हो गया।कहां से सीखी ये बहरूपिया बाज़ी?”
कथित पत्रकार राजीव पांडेय ने लिखा, “ कहीँ “मोची” के साथ “लाल कार्पेट”, दूसरे में वही “मोची” बना “कुम्हार”.. !!!
“मोदी का सब काम डुप्लीकेट और झूठा”..!!!
जयहिंद।”
पत्रकारिता के आड़ में फेक न्यूज़ का कारोबार करने वाले अमरनाथ कुमार ने लिखा, “ ये तो कमाल हो गया!! जो मोची बना था,वही कुम्हार के रोल में प्रकट हो गया। मोदी जी इंडिया को कहां से कहां पहुंचा दिया, फाइव स्टार कुम्हार और फाइव स्टार मोची, दोनों एक ही आदमी। क्या कभी ऐसा मोची और कुम्हार देखा है आपने।मोदी है तो मुमकिन है, झूठ है फरेब है।”
इनके अलावा कांग्रेसी अजय कनोजिया और सारनाथ टीवी नामक हैंडल ने भी यह साझा किया।
दरअसल आरोप यह है कि प्रधानमंत्री ने असली मोची और कुम्हार से नहीं मिले है। विरोधियों के मुताबिक मोची और कुम्हार एक ही आदमी है। यह बेहद ही संगीन आरोप है; चलिए देखते है सच क्या है!
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वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने के उपरांत हमें यह न्यूज़ नेशनल मीडिया का यूट्यूब वीडियो मिला।
वीडियो में यह साफ दिख रहा है कि मोची और कुम्हार दोनों अलग अलग व्यक्ति है। मोची और कुम्हार दोनों के स्टॉल भी अलग अलग लगाया गया है।
वीडियो में आप यह भी देख सकते है कि मोची का काम करने वाला व्यक्ति अपना काम कर रहा है जबकि कुम्हार अपना काम कर रहा है।
न्यूज़ नेशन के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपनी यूट्यूब चैनल पर शिल्पकारों से मिलने की लाइव वीडियो साझा किया है।
नरेंद्र मोदी चैनल पर प्रसारित किया गया वीडियो करीबन 37 मिनट का है।
वीडियो के 10.05 के बाद प्रधानमंत्री जूता चप्पल बनाने वाले मोची से मिलते है और ठीक उसी के बाद 10. 19 मिनट पर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार से। नीचे स्क्रीन स्कॉट में आप दोनों तस्वीर को देख सकते है।
अगर हम मोची और कुम्हार की तस्वीरों को देखें तो दोनों के चेहरे बिल्कुल अलग है और साथ ही में मोची की मूछ साफ दिख रही है तो वहीं कुम्हार की मूछ हल्की है।
इस तस्वीर में दिख रहें तीन व्यक्ति है। पहला- मोची है। दूसरा और तीसरा कुम्हार है। यह तीनों अलग -अलग व्यक्ति है।
अंतः विपक्ष और विरोधियों के दावे भ्रामक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता हर तबके के लोगों के बीच देख कर विपक्षी दलों की नीचे से जमीन खिसक गई है। ऐसे में वो आम जनता को भ्रमित करने के मकसद सोशल मीडिया पर झूठ बोल रहें है।
दावा | विरोधियों ने दावा किया कि पीएम मोदी ने जिन दो शिल्पकार (मोची और कुम्हार) से मिले वो एक ही व्यक्ति है |
दावेदार | सूर्या प्रताप सिंह, राजीव पांडेय, अमरनाथ कुमार एवं अन्य |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
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