देश में लोकसभा चुनाव 2024 का प्रथम चरण का मतदान हो चुका है। इस चुनाव में राजनैतिक दल अपने प्रतिद्वंदी नेताओं के खिलाफ झूठ भी फैला रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रत्येक व्यक्ति के अकाउंट में 15 लाख रुपए और हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा न निभाने का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं।
कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल ने प्रियंका गांधी का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में प्रियंका गाँधी ने कहा कि, ‘PM मोदी ने कहा था- हम सभी के खाते में 15 लाख रुपए डालेंगे, युवाओं को दो करोड़ रोजगार देंगे। न लोगों के खाते में 15 लाख रुपए आए और न युवाओं को नौकरी मिली। PM मोदी ने वादे तो बहुत किए, लेकिन पूरा एक भी नहीं किया। वहीं कांग्रेस ने कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ में जो भी वादे किए थे, सारे पूरे कर दिखाए हैं। PM मोदी की पुरानी आदत है, वे कुछ भी बोल देते हैं। फिर उनके मंत्री इसे ‘चुनावी जुमला’ बता देते हैं।’
इसी तरह का दावा सुप्रिया श्रीनेत, सुरेन्द्र राजपूत ने भी किया है।
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अपनी पड़ताल में हमने सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी के 2014 और 2019 के मेनिफेस्टो को खंगाला, यहाँ हर साल दो करोड़ रोजगार देने का कोई जिक्र नहीं है। इसके बाद हमे नवम्बर 2013 को फर्स्टपोस्ट और इकोनॉमिक टाइम्स की बेबसाईट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। भाजपा के उस वक्त के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की यूपी के आगरा रैली के बाद यह प्रकाशित हुई थी। इस खबर में दावा किया गया कि पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आगरा में एक रैली में एक करोड़ रोजगार देने का वादा किया है।
इसके बाद हमने पीएम मोदी की आगरा रैली के वीडियो को खंगाला, यह वीडियो हमें 22 नवंबर 2013 को भाजपा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। आगरा में आयोजित इस रैली के वीडियो में 18 मिनट पर पीएम मोदी ने रोजगार का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, ”दिल्ली में बैठी हुई कांग्रेस की सरकार ने वादा किया था कि सरकार बनेगी तो वे हर वर्ष एक करोड़ नौजवानों को रोजगार देंगे। भाइयों-बहनों आप मुझे जवाब देंगे, मैं आपसे सवाल पूछूं, आप जवाब देंगे। कांग्रेस ने लोकसभा के चुनाव में वादा किया था कि अगर हम सत्ता में आएंगे तो एक करोड़ लोगों को रोजगार देंगे। वादा किया था, पूरे ताकत से बोलो वादा किया था, कांग्रेस ने वादा किया था, वादा निभाया? आपमें कोई है भाई जिसको दिल्ली सरकार ने नौकरी दी हो। आपमें कोई है जिसको दिल्ली सरकार ने रोजगार दिया हो।
पड़ताल में हमे यह भी पता चला कि कांग्रेस ने 2004 लोकसभा चुनाव के दौरान अपने मेनिफेस्टो में ‘एक करोड़ रोजगार हर साल’ देने का वादा किया था। नरेंद्र मोदी ने इसी को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा था, न कि उन्होंने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था।
15 लाख रुपए देने की सच्चाई: 15 लाख रुपए देने की सच्चाई जानने के लिए भी हमने भाजपा के 2014 के चुनावी घोषणा पत्र को खंगाला लेकिन यहां हमें प्रत्येक भारतीय के खाते में 15-15 लाख रुपये डलवाने के वादे का कोई उल्लेख नहीं मिला। पड़ताल में आगे हमें छत्तीसगढ़ के कांकेर में 7 नवंबर, 2013, को नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक रैली में ’15 लाख’ का सबसे पहला उल्लेख मिला। नरेन्द्र मोदी ने मंच से बोलते हुए (वीडियो में 17:55 से 19:05 मिनट तक) कहा कि, ‘पूरी दुनिया कहती है कि भारत में सभी चोर-लुटेरे अपना पैसा विदेशों में बैंकों में जमा करते हैं। विदेशों के बैंकों में काला धन जमा है। कांकेर के मेरे भाईयों और बहनों, मुझे बताओ, यह चोरी का पैसा वापस आना चाहिए या नहीं? यह काला धन वापस आना चाहिए या नहीं? क्या हम इन बदमाशों द्वारा जमा किए गए हर पैसे को वापस लेना चाहिए या नहीं? क्या इस धन पर जनता का अधिकार नहीं है? क्या इस धन का उपयोग जनता के लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए? अगर एक बार भी, विदेशों में बैंकों में इन चोर-लुटेरों द्वारा जमा किया गया धन, भले ही हम केवल वही वापस लाते हैं, तो हर गरीब भारतीय को 15-20 लाख रुपये मुफ्त में यूहीं मिल जाए। इतने रुपये हैं।
पड़ताल से स्पष्ट है है उनके उनके भाषण में उक्त राशि विदेशों में जमा काले धन की मात्रा का संदर्भ है, न कि 15 लाख रुपये हर खाते में जमा करवाने का चुनावी वादा है। खास बात यह भी है कि चुनाव में पैसा बांटना अपराध है, ऐसे में अगर नरेंद्र मोदी चुनावी रैली में इस तरह से 15-20 लाख रुपए बांटने का वादा करते तो चुनाव आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई करता। साथ ही विपक्षी राजनैतिक दलों ने भी इस रैली या उसके बाद से आज तक मोदी पर चुनाव में रुपए बांटने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत नहीं की है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी का दावा गलत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने और हर एक को 15 लाख देने का वादा नहीं किया था।
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