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पीएम मोदी ने नहीं कहा कि हिंदुत्व चुनावी खेल के लिए ताश का पत्ता, वायरल वीडियो एडिटेड है

सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक इंटरव्यू वायरल हो है। इस वीडियो के साथ दावा है कि पीएम ने कहा कि हिंदुत्व चुनावी खेल खेलने के लिए ताश का पत्ता है। इस वीडियो को शेयर कर कुछ लोग प्रधानमंत्री मोदी को हिंदू विरोधी साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि पड़ताल में पता चला कि पीएम मोदी का वीडियो एडिटेड है।

नेहा सिंह राठौर ने लिखा, ‘अंधभक्त आहत न हों…सालों पहले एक बार उनके मुँह से सच निकल गया था. “हिंदुत्व चुनावी खेल खेलने के लिये एक ताश का पत्ता है”

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कांग्रेस नेता मोहम्मद वसीम ने लिखा, ‘हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि चुनावी खेल खेलने के लिए ताश का पत्ता है ? क्या यह वीडियो सही है? क्या मोदी जी ने ऐसा बोला है?‘

कांग्रेस समर्थक मनीषा चौबे ने लिखा, ‘हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि चुनावी खेल खेलने के लिए ताश का पत्ता है , नरेंद्र मोडी जी  ,,इस वीडियो को देखकर समझ सकते हैं की किस प्रकार धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है।‘

कांग्रेस नेता ललन कुमार ने लिखा, ‘ज़रूर सुने मोदी जी कुछ बोल रहे। “हिंदुत्व चुनावी खेल खेलने के लिये एक ताश का पत्ता है”‘

कांग्रेस नेता मोहम्मद शमीम खान ने लिखा, ‘हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि चुनावी खेल खेलने के लिए ताश का पत्ता है- नरेंद्र मोडी जी, इस वीडियो को देखकर समझ सकते हैं की किस प्रकार धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है।‘

कांग्रेस समर्थक अंकित सिंह ने लिखा, ‘”हिंदुत्व हमारे लिए चुनावी खेल खेलने के लिए एक ताश का पत्ता रहा है।”  – नरेंद्र मोदी। नरेंद्र मोदी हिंदुओं की भावनाओं से खेलकर चुनाव जीतना जानते हैं, उनको हिंदुओं की आस्था आहत होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। जागो हिन्दुओं जागो!‘

इसके अलावा, यह दावा राहुल ठकर सेन, हरी चरांग, इंदरजीत बराक, वेस्ट उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवादल, और चूरू कांग्रेस ने भी किया है।

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फैक्ट चेक

हमने अपनी पड़ताल की शुरुआत वीडियो के एक फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च करके की, जिसके बाद हमें Zee News की 17 सितंबर 2022 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट का शीर्षक था, “देशहित: देखें पीएम मोदी का 24 साल पुराना इंटरव्यू। जब प्रधानमंत्री 2022 में 72 साल के हुए, तो Zee News ने नरेंद्र मोदी का 24 साल पुराना इंटरव्यू प्रसारित किया, जो उन्होंने Zee News के शो “आपकी अदालत, आपका फैसला” में दिया था। रिपोर्ट में 19 मिनट और 31 सेकंड का इंटरव्यू भी शामिल है। यह इंटरव्यू मूल रूप से 22 मार्च 1998 को प्रसारित हुआ था।

हमने 19 मिनट का इंटरव्यू देखा। वीडियो के 10:04 मिनट पर इंटरव्यूअर मोदी से पूछते हैं कि क्या उनकी पार्टी धर्म का उपयोग एक चाल के रूप में कर रही है। इंटरव्यूअर पूचा कि आपका हिंदुत्व का नारा था, जिससे कि 1984 में लोकसभा में दो सीटें मिलीं और वहां से आप 1998 में सरकार बनाने तक पहुंच गए। अब आपका हिंदुत्व का नारा भी फेल हो गया। इस चुनाव में, आपने अपने चुनावी प्रचार में फिर से वंदे मातरम और सरस्वती वंदना की बात की, लेकिन लोग समझ गए कि आप चुनाव के समय केवल वोट लेने के लिए भावनात्मक मुद्दे उठाते हैं।

जिसके जवाब में पीएम मोदी कहते हैं, ”हिंदुत्व भारतीय जनता पार्टी का कभी चुनावी नारा नहीं रहा है। हिंदुत्व हमारे लिए आस्था का विषय है। यह चुनावी खेल खेलने के लिए ताश का पत्ता नहीं है। यह मुद्दा कभी था ही नहीं। इतनी सरकारें आईं, सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम हुए थे और ये सोनिया वंदना में लगे हुए लोग सरस्वती वंदना को भूल गए।’

निष्कर्ष: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्च 1998 में दिए गए इंटरव्यू को एडिट कर वायरल किया जा रहा है। पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि हिंदुत्व उनके लिए आस्था का मामला है, न कि चुनावी खेल खेलने के लिए ताश का पत्ता।

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