लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और अंतिम चरण की जंग बची है जिसमें 8 राज्यों की 57 सीटों मतदान होना है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है, इस वीडियो के साथ दावा है कि उन्होंने सिखों के दसवे गुरु गुरु गोविन्द सिंह के पंच प्यारों में से एक को अपना चाचा बताया है हालांकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा पूरी तरह गलत है।
कांग्रेस समर्थक रविन्द्र कपूर ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘आगामी लोकसभा चुनाव हारने के डर ने नरेंद्र मोदी के “मानसिक स्वास्थ्य” पर भारी असर डाला है। नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि गुरु गोबिंद सिंह के “पंच प्यारे” में से एक उनके चाचा थे’
जसपिंदर कौर ने लिखा, ‘मोदी का सिख धर्म पर सीधा हमला पटियाला में एक भाषण में मोदी ने झूठा और अपमानजनक दावा किया कि गुरु गोबिंद सिंह जी के पांच प्यारों में से एक उनके चाचा थे। कल मोदी ने कहा था कि वह पैदा नहीं हुए बल्कि भगवान ने सीधे धरती पर भेजा है. अपनी हार देखकर ये आदमी पागल हो गया है.’
कांग्रेस नेता अनुमा आचार्य ने लिखा, ‘मनोज झा जी PM के समूचे स्वास्थ्य की चिंता करने लगे हैं. मैं भी तो तीन साल से कह रही हूँ कि संविधान में ऐसा प्रावधान डाला जाये कि शीर्ष नेतृत्व के असंतुलित व्यवहार की परख करने का ऑप्शन हो, क्योंकि संविधान में साफ़ लिखा है कि कोई भी पागल या दिवालिया व्यक्ति भारत के प्रधानमंत्री के पद के योग्य नहीं. इस लिये व्यावहारिक विश्लेषण और मानसिक स्वास्थ्य की जाँच हर वर्ष कराई जाना चाहिये!’
कांग्रेस नेता विकास बंसल ने लिखा, ‘मोदी चुनावी रैलियों में तमाम अनाप-शनाप बोलने के क्रम में पटियाला में सिखों को छेड़ आए !गुरु गोविंद सिंह के पंच प्यारों में से एक को अपना चाचा बताया, झूठे दावे पर सिख समुदाय में है आक्रोश मोदी ने कहा -“प्रधानमंत्री की बात छोड़ दीजिए, मेरा तो आपसे ख़ून का नाता है…गुरु गोविंद सिंह के पहले जो पंच प्यारे थे उनमें मेरे भी एक चाचा थे (छाती पीटते हुए)”!’
आम आदमी पार्टी समर्थक नीर कौर ने लिखा, ‘मोदी का सिख धर्म को अपमानित करने वाला बयान गुरु गोबिंद सिंह के पांच प्यारों में से एक उनके चाचा थे।’
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस वीडियो को शेयर किया है।
आम आदमी पार्टी समर्थक जितेन्द्र सिंह ने लिखा, ‘मोदी का सिख धर्म पर सीधा हमला पटियाला में एक भाषण में मोदी ने झूठा और अपमानजनक दावा किया कि गुरु गोबिंद सिंह के पांच प्यारों में से एक उनके चाचा थे।’
कांग्रेस नेता एसके शर्मा ने लिखा, ‘मोदी ने कहा -“प्रधानमंत्री की बात छोड़ दीजिए, मेरा तो आपसे ख़ून का नाता है…गुरु गोविंद सिंह के पहले जो पंच प्यारे थे उनमें मेरे भी एक चाचा थे (छाती पीटते हुए)”! अब ये या तो उम्र का तकाज़ा है या फिर गर्मी दिमाग़ पर असर कर गई है।’
पड़ताल में हमने सम्बंधित कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया तो हमे 23 मई को अमर उजाला पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने सिखों से जुड़े कई मुद्दों को एक एक कर उठाया। मोदी ने कहा कि मेरा पंजाब से खून का नाता है। गुरु गोबिंद सिंह के पहले पांच प्यारों में से एक द्वारका से थे।
इस रिपोर्ट से पता चलता है कि वायरल वीडियो पंजाब के पटियाला की चुनावी सभा का है। इसके बाद हमे पीएम के यूट्यूब चैनल पर इस सभा का वीडियो मिला। इस वीडियो में 36:42 मिनट पर पीएम ने कहा, ‘साथियों ये प्रधानमंत्री की बात छोड़ दीजिये, मेरा तो आपसे खून का नाता है। गुरु गोविन्द सिंह जी के जो पहले पंच प्यारे थे। उसमे मेरे द्वारका का पंच प्यारा था, मेरा आपसे खून का रिश्ता है।’
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जामनगर में सबसे बड़ा अस्पताल गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम पर है। जामनगर जिले में ही द्वारका आता है। उन्होंने लोगों से कहा कि कभी फुर्सत मिले तो लखपत जाकर आना। गुरु नानक देव जी ने वहां विश्राम किया था। वो गुरुद्वारा भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था। तब मैं सीएम था। मैंने कहा कि मुझे वैसा ही गुरुद्वारा बनाना है। उसे बनाने के लिए मैं देश भर में घूमा, मिट्टी लाया। गुरुद्वारा बनाने वाले कारीगरों को लाया। आज कच्छ के रेगिस्तान में गांव लखपत में मैंने वैसा ही गुरुद्वारा बनवा दिया जैसा पहले था। वहां कोई वोट नहीं है। मोदी का सिर गुरुओं के प्रति झुकता है, इसलिए ऐसा किया। सबका साथ सबका विकास भाजपा और एनडीए की पहचान है।
पड़ताल में हमने ‘पंच प्यारों’ के सम्बन्ध में जानने के लिए गूगल सर्च किया तो NDTV और पंजाब केसरी पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इन रिपोर्ट के मुताबिक सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की और खालसा पंथ के पांच ऐसे वीर जो पहले तो अलग-अलग जाति के थे उन्हें ‘सिंह’ की उपाधि देकर सिख बनाया इसके साथ ही उन्हें भाई की उपाधि भी दी गई। वह ‘पंच प्यारे’ भाई दया सिंह, भाई धर्म सिंह, भाई हिम्मत सिंह, भाई मोहकम सिंह और भाई साहब सिंह के नाम से जाने जाते हैं। नगर कीर्तन के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के आगे इन ‘पांच प्यारों’ को जगह दी जाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक भाई मोहकम सिंह का जन्म सन् 1663 ईस्वी में द्वारिका गुजरात में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री तीरथ चंद था। वह सन् 1685 ईस्वी में श्री आनंदपुर साहिब आए और फिर यहीं के होकर रह गए। भाई साहिब निरंतर सेवा कार्यों में जुटे रहते। युद्ध कला इन्हें विशेष रूप से प्रिय थी इसलिए वह एक महान योद्धा के रूप में उभरे। दशमेश पिता के नेतृत्व में जितनी भी लड़ाइयां लड़ी गईं, उन सबमें भाई मोहकम सिंह ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और अपनी बहादुरी के कारनामे दिखाए।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंच प्यारों में से एक को अपना चाचा नहीं बताया था। पीएम ने कहा पंच प्यारों में से एक गुजरात के द्वारका से थे। उन्होंने कहीं भी चाचा शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। सिख समुदाय को भड़काने की नियत से भ्रामक दावे के साथ वीडियो वायरल किया गया है।
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