सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का एक वीडियो वायरल है। वीडियो में पीएम मोदी कह रहे हैं कि मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और ख़ास कर नौकरी में आरक्षण को तो कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी फैसले के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी किसी भी प्रकार के आरक्षण के खिलाफ हैं। हालांकि हमारी पड़ताल में यह वीडियो एडिटेड निकला।
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने लिखा, ‘मोदी जी क्या कह रहे हैं? “ये किसी भी प्रकार के आरक्षण के ख़िलाफ़ हैं? नौकरी में तो बिलकुल नहीं”? क्या हो रहा है भाजपा में?’
ओम प्रकाश यादव ने भी इसी दावे के साथ वीडियो को शेयर किया है।
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दावे की पड़ताल में कुछ कीवर्ड की मदद से हमनें गूगल पर पीएम मोदी के इस वीडियो को सर्च किया। इस दौरान यह वीडियो हमें एक्स पर न्यूज़ एजेंसी ANI के द्वारा शेयर की गई मिली। ANI के मुताबिक, इस पूरे वीडियो में राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन पीएम स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र पढ़ा। वह कहते हैं, ”…मैं इसका अनुवाद पढ़ रहा हूं – ”मुझे किसी भी तरह का आरक्षण नापसंद है, खासकर सेवाओं में। मैं ऐसी किसी भी चीज के सख्त खिलाफ हूं जो अकुशलता और दोयम दर्जे के मानकों की ओर ले जाती है…” इसीलिए मैं कहता हूं कि वे जन्म से ही इसके (आरक्षण) खिलाफ हैं… क्या सरकार ने उस समय भर्ती की थी और उन्हें समय-समय पर पदोन्नत किया था, वे आज यहां होते।”
मामले की पुष्टि के लिए हमनें पीएम मोदी के यूट्यूब चैनल पर राजयसभा की रिकॉर्डिंग भी देखी। इस वीडियो में 3:55 से 4:25 मिनट के बीच वायरल क्लिप को देखा जा सकता है। इस वीडियो को देखने के बाद हमने यही चीज पाई जो ANI के ट्वीट में बताई गई है। पीएम मोदी सच में नेहरू का पत्र पढ़ रहे थे।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि पीएम मोदी ने किसी भी प्रकार से आरक्षण का विरोध नहीं किया है। असल में वह जवाहरलाल नेहरू द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्रियों को लिखे गए पत्र पढ़ रहे थे।
दावा | पीएम मोदी ने किया आरक्षण का विरोध |
दावेदार | सुरेन्द्र राजपूत व ओम प्रकाश यादव |
फैक्ट चेक | भ्रामक व एडिटेड |
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