ट्विटर पर कुछ इस्लामिक तत्व पत्रकार का चोला पहन कर हिंदू धर्म के खिलाफ भ्रामक प्रचार कर अपना दुकान चलाते हैं। यह अपने मोडस ऑपरेंडी में भयावह वीडियो या फोटो साझा करते हैं और उसे हिंदू धर्म से जोड़ कर साझा करते है। हाल ही में ट्विटर पर कट्टरपंथी पत्रकार अली सोहराब ने दो वीडियो वायरल किया, दोनों वीडियो में पुरुष महिला को बुरी तरह से मार रहें हैं। इन वीडियो के जरिए हिंदू धर्म पर निशाना साधा जा रहा है और दावा किया जा रहा है हिंदू धर्म में औरतों का सम्मान नहीं होता है।
कट्टरपंथी अली सोहराब ने वीडियो पोस्ट कर लिखा, “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः”
हिंदुफोबिक गुरु पाजीत नामक ट्विटर यूजर ने लिखा, “ सनातन धर्म की यही ख़ूबसूरती है। हम अपनी महिलाओं को देवी की तरह पूजते हैं।”
कट्टरपंथी अमीर मिर्जा ने लिखा, “ मिस्टर बाइडेन, यह देखिए आपके सामने दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, जिसकी आप प्रशंसा करते थकते नहीं है। एक देश जहां महिलाओं को बेरहमी से उनके जाति के लिए मारा जाता है और पुलिस और पब्लिक मौन रहता है। आप इन्हें भी अपने बधाई में जोड़ दीजिए।”
सतीश चन्द्र बौद्ध ने लिखा, “क्या बता सकते हो ये वीडियो किस जगह की हे जो नारी पर राक्षस प्रहार किया जा रहा है क्या गलती की इन्होंने जो क्रूरता बर्षा रहे हो
महोदय सज्ञान में ले ओर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए इन लोगो पर”
इस दर्दनाक वीडियो देखने के बाद मन में कई प्रश्न उत्पन्न हो रहें हैं। पहला कि क्या यह वीडियो ताजा है? दूसरा क्या यह वीडियो में पुरुष महिलाओं को उनकी जाति के कारण मार रहें है जैसे कि कट्टरपंथी दावा कर रहें है? और तीसरा यह की इस मामले में पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की?
नीचे हम इस वीडियो और इस प्रकरण का फैक्ट चेक कर सच सामने लाएंगे।
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वीडियो नंबर 1
कट्टरपंथी अली सोहराब द्वारा शेयर किया पहला वीडियो का कीफ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च करने के पश्चात हमें 2022 का दैनिक जागरण का एक न्यूज़ रिपोर्ट मिला, जो एक साल पुराना है।
दैनिक जागरण के मुताबिक, “थाना क्षेत्र की माली पंचायत के डुमरी गांव में प्रेम प्रसंग को लेकर स्वजनों द्वारा लड़की, उसकी सहेली और सहेली की मां को खूंटे में रस्सी से बांधकर जमकर पिटाई किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस बाबत पिटाई का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस भी हरकत में आ गई। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गुरुवार को लड़की के भाई अंगद सहनी एवं उसकी मां बुधिया देवी को गिरफ्तार कर लिया है।”
दैनिक भास्कर ने भी इस खबर को जून 2022 में छापा था। भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, “घटना सुगौली थाना क्षेत्र के डुमरी वार्ड नंबर तीन की है। मामले को लेकर बताया जा रहा कि दो लड़कियों में से एक (17 साल की नाबालिग) का गांव के ही एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसलिए वो घर से भाग गई थी। उसे ग्रामीणों ने पकड़ लिया और रस्सी से बांधकर उसकी जमकर पिटाई की।
वहीं, दूसरी लड़की (16 साल) और पीड़ित महिला पर लड़की को घर से भगाने का आरोप लगाया गया। जिसके बाद उन दोनों की भी जमकर पिटाई की। इधर, मामले की सूचना पुलिस को मिलते ही पिटाई करनेवाले वहां से फरार हो गए। पुलिस ने तीनों घायलों को सुगौली PHC में भर्ती कराया। फिलहाल इस मामले में एक आरोपी महिला और युवक की गिरफ्तारी हुई है।“
इसके अलावा 16 जून 2022 को पत्रकार प्रकाश कुमार द्वारा यह वीडियो शेयर किया गया था। जिसके जवाब में मोतिहारी पुलिस ने कहा, “पीड़िता लड़की (लाल कपड़ा पहने) को उसके दो बड़े सहोदर भाई, ४ दिन पहले बगल के एक लड़के के साथ भागने & दो अन्य ग्रामीण महिलाओं को उसकी बहन को भगाने में सहयोग के आरोपों में उसके परिवार द्वारा पिटाई की गई। आरोपी भाई अंगद सहनी & एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। आगे कार्रवाई की जा रही है।”
ऊपर उल्लेख किए गए दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर और मोतिहारी पुलिस के बयान के बाद यह साबित होता है कि कट्टरपंथी अली सोहराब एवं अन्य कट्टर तत्वों द्वारा साझा किया पहला वीडियो एक साल पुराना बिहार राज्य का है। यह मामला पारिवारिक है, इसमें जाति का कोई लेना देना नहीं है। जैसे कि पुलिस ने कहा कि पीटने वाला लड़की का भाई है। और इस प्रकरण में पुलिस पहले ही कार्यवाही कर चुकी है।
वीडियो नंबर 2
पहले वीडियो की तरह दूसरे वीडियो का भी कीफ्रेम रिवर्स इमेज सर्च करने के पश्चात हमें यह जानकारी मिली कि यह वीडियो साल 2019 मध्यप्रदेश का है।
द हिंदू के रिपोर्ट के अनुसार, “21 साल की आदिवासी युवती को उसके परिवारवालों ने लाठी और पत्थर से बेरहमी से मारा है क्योंकि वो एक दलित लड़के के साथ भाग गई थी। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया है।
पुलिस अफसर ने आगे जानकारी दी कि, “युवती के परिवारवाले गतबोरी गांव के निवासी है, जो धार से 90 किलोमीटर दूर है। युवती के परिवारवाले उसके प्रेम संबंध से नाराज़ थे। हाल ही में लड़की घर छोड़कर भाग गई थी, लेकिन आपस आ गई।”
द हिंदू के अलावा हमें एनडीटीवी की रिपोर्ट मिली। एनडीटीवी के मुताबिक, “ वीडियो में दिख रही महिला के परिवारवाले उस इसलिए मार रहें हैं क्योंकि उसका प्रेम संबंध दलित पुरुष से था, जबकि महिला आदिवासी समाज से आती है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया है और सात लोगों को इस प्रकरण में नामजद किया है।”
अतः अली सोहराब और उसके साथी कट्टरपंथियों द्वारा शेयर किया गया वीडियो चार साल पुराना है। इस मामले में भी पुलिस कार्यवाही कर चुकी है। और इसमें भी महिला के साथ अत्याचार करने वाले उसके परिवार के लोग है यानी आदिवासी समाज के है।
इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा साझा किया गया दोनों वीडियो भ्रामक है। दोनों वीडियो को साझा करने के पीछे हिंदू धर्म को नीचा दिखाने का थे। कट्टरपंथियों द्वारा शेयर किया पुराना वीडियो यही दर्शाता है कि यह सनातन संस्कृति के खिलाफ ज़हर उगलने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है।
दावा | हिंदू धर्म में महिलाओं के साथ मारपीट किया जाता है तथा उनके ऊपर अत्याचार किया जाता है। |
दावेदार | अली सोहराब गुरु पजीत एवं अन्य कट्टरपंथी |
फैक्ट चैक | भ्रामक |
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