महाराष्ट्र के नासिक जिले में सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गांव में एक धार्मिक आयोजन के दौरान रामगिरी महाराज ने पैग़म्बर मुहम्मद और इस्लाम के सम्बन्ध में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बाद से देश के अलग अलग हिस्सों में मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रामगिरी महाराज के खिलाफ कई पुलिस थानों में मुकदमा दर्ज हुआ है हालाँकि इसके बावजूद भी मुस्लिम समुदाय के लोग पुलिस-अदालतों की बजाए सड़क पर इंसाफ चाहते हैं। इन विरोध प्रदर्शनों में मुसलमान भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं, सर तन से जुदा के नारें लगाये जा रहे हैं। इससे पहले भी सर तन से जुदा के नारे के नाम पर कन्हैया लाल और उमेश कोल्हे समेत कई हिन्दू समुदाय के लोगों का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था।
पुणे के जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर ‘सर तन से जुदा’ का नारा
महाराष्ट्र के पुणे में चंद्रशेखर रावण की पार्टी आजाद समाज पक्ष की तरफ से पुणे कलेक्टर कार्यालय पर विशाल मोर्चा निकाला गया था। यह मोर्चा महंत रामगिरी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर निकाला गया था। जैसे ही यह मोर्चा कलेक्टर कार्यालय पहुंचा तब मोर्चे में शामिल लोगों ने ‘गुस्ताख ए रसूल की एक ही सजा, सर तन से जुदा’ का नारा लगाया।
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नागपुर में रामगिरी महराज का ‘सर तन से जुदा’ का नारा
महाराष्ट्र के नागपुर में मुस्लिम समुदाय की भारी भीड़ जमा हुई। इस दौरान माइक से ‘सर तन से जुदा, रामगिरी महाराज की एक सजा सर तन से जुदा का नारा लगाया गया। इस प्रदर्शन में नाबालिग बच्चों को भी शामिल किया गया। जिसे लेकर NCPCR ने थाणे के पुलिस कमिश्नर आशुतोष डुंबारे को विरोध प्रदर्शनों में बच्चों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर पत्र लिखा।
कोल्हापुर में नाबालिग बच्चों ने लगाया नारा
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मुस्लिम समुदाय के भीड़ प्रदर्शन में नाबालिग बच्चे गुस्ताखे ए नबी रामगिरी महाराज का सर मांगते हुए नजर आए। बच्चों ने सर तन से जुदा करने की मांग भी की।
वहीं उत्तराखंड के देहरादून और हरिद्वार में मुसलमानों ने रामगिरी महाराज के बयान के खिलाफ प्रदर्शन किया। वीडियो में एक मौलवी स्टेज से कहता नजर आया, ‘नबी की शान में गुस्ताखी करने वाले की एक ही जगह है, वो है जहन्नुम। उसे जन्नत नसीब नहीं हो सकती। जिसने नबी और ऐशा की शान में गुस्ताखी की है, वो कभी चैन से नहीं बैठ सकता। यह अल्लाह का फैसला है। जिसने भी यह गुस्ताखी की है, उसके साथ हमे क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए, यह देख लो भाई…..’
80 करोड़ हों… जूतें की नोक पर रखेंगे
कर्नाटक में कर्नाटक के मुधोल शहर में सजाद हुसैन अशर्फी ने कहा, ‘पार्लियामेंट में एक मुजाहिद ने कहा था, वो 80,000 हों, 80 लाख हों या 80 करोड़ हों, अगर हमारे पैग़म्बर मुहम्मद पर बात आई तो 80 करोड़ को जूते की नोक पर रखना।’
हम जान लेने के लिए भी तैयार हैं…
कर्नाटक के बागलकोट में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने हिंसक नारेबाजी की। लोगों ने कहा कि याद रखो, अगर नबी की शान में गुस्ताखी करोगे, तो जब तक हमारे शरीर में खून की आखिरी बूंद बाकी है, हम तुम्हारे सीने पर चढ़कर बोलेंगे…’ मौलवी आगे कहता है, ‘मुफ्ती सलमान अज़हरी ने कहा इन कुत्तों के बारे में कहा था.. अगर दम है तो सामने आकर बोलो, चौराहे पर आकर बोलो… फिर या तो हम रहगें या आशिकाने रसूल रहेंगे…
कर्नाटक में ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा’ का नारा गूंजा
कर्नाटक के बैलहोंगल में मुस्लिम समुदाय ने महंत रामगिरी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा, ‘जो हमारा नारा है, गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा… इसलिए हम कह रहे हैं कि हमें कानून हाथ में न लेने दिया जाए।’
‘हम महंत रामगिरी को मौत के घाट उतार देंगे’
कर्नाटक के भीड़ ने कानून को अपने हाथ में लेने की धमकी देते हुए कहा, ‘हम महंत रामगिरी को मौत के घाट उतार देंगे।’
कर्नाटक के कलबुर्गी में इस्लामिस्टों ने ‘गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सज़ा, फांसी की सज़ा’ के नारे लगाए’
‘जो नबी के बारे में बोलेगा… उसे काट डालेंगे…’
कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक के कुदाची में एक मौलवी ने जहर उगलते हुए कहा, ‘तुम कभी नबी के खिलाफ बोलोगे, हम काट डालेंगे…..’
‘गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सज़ा, फांसी की सज़ा’ के नारे लगाए
इस्लामिस्टों के बीच महंत रामगिरी के खिलाफ बदले की आग बिहार तक पहुंच गई है, जिसमें नाबालिग बच्चों ने भी हिस्सा लिया है। इसके अलावा, ठाकुरगंज, बिहार में चरमपंथियों ने हिंदुओं को धमकी देते हुए कहा कि अगर मेरे नबी की शान में किसी कुत्ते ने भौंका, तो उसकी जुबान खींच ली जाएगी। हम अपनी जान दे देंगे, अपनी औलादें लुटा देंगे, लेकिन नबी की शान में कोई गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
X (ट्विटर) पर इस्लामिक कट्टरपंथी हैंडल मोहम्मद इमरान खान ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें दिखाया गया है कि महंत रामगिरी का सिर तलवार से काट दिया जाता है। इस वीभत्स वीडियो को साझा कर कट्टरपंथी हिंदुओं के मन में डर का माहौल पैदा करना चाहते हैं।
एक्स पर यूजर चांदनी ने एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में रामगिरी महाराज की फोटो लगाई गयी। वीडियो में मुस्लिम समुदाय के लोग ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा’ नारे लगा रहे हैं। वीडियो साझा करते हुए चांदनी ने लिखा, ‘नबी की शान में गुस्ताख़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’
प्रदर्शन में पुलिस थाने पर पथराव
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के छतरपुर में मुस्लिम समुदाय लोगों ने रामगिरी महाराज के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान पथराव और उपद्रव में वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। डीआईजी ने बताया कि पथराव के कारण कोतवाली थाना प्रभारी अनिल कुजूर के हाथ और सिर में गंभीर चोटें आई हैं। उनका इलाज चल रहा है। आरक्षक भूपेंद्र प्रजापति भी घायल हुए हैं। मामले में छतरपुर कोतवाली थाने में पथराव करने और उपद्रव में शामिल 150 लोगों पर केस दर्ज किया गया है, जिसमें 50 नामजद और 100 अन्य लोग शामिल हैं।
दो साल पहले सर तन से जुदा के नारे के नाम पर हत्याएं
साल 2022 में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा के विवादास्पद बयान के बाद, देशभर में कट्टरपंथी इस्लामिस्टों ने दंगे और हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। ‘सर तन से जुदा’ नारे लगाए गए। इस दौरान कई लोगों की हत्याएं हुईं, उन पर हमले हुए, धमकियाँ दी गयीं।
नूपुर शर्मा ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी लेकिन इसके बावजूद देश में हिंसक प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे थे। जून 2022 में कानपुर में जुमे की नमाज़ के बाद इस्लामिस्टों ने हिंसक प्रदर्शन किया। कानपुर के बाद यूपी में प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद और रामपुर में भी जुमे की नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन हुआ। इसके बाद रांची, झारखंड में भी जुम्मे की नमाज़ के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए, जिनमें दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में भी जुम्मे की नमाज़ के बाद कट्टरपंथियों ने रेल की पटरियों को अवरुद्ध कर दिया। महाराष्ट्र के भिवंडी में मुस्लिम युवक साद अंसारी ने नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसके बाद उग्र भीड़ ने उस पर जानलेवा हमला किया।
धार्मिक कार्यक्रमों में भी लगा रहे हैं सर तन से जुदा का नारा
किसी भी धर्म और उसकी मान्यताओं का अपमान करना निश्चित तौर पर ही गलत है। आरोपी के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन हैरानी की बात कि नुपुर शर्मा या रामगिरी महराज के बयान जैसे मामलों में ही नहीं, मुस्लिम समुदाय अपने धार्मिक त्योहारों में भी यह नारा लगा रहा है।
पाकिस्तान के नारे को भारत के मुसलमानों ने अपनाया
गुस्ताख ए रसूल की एक ही सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा। गुस्ताख का मतलब होता है अपमान और रसूल का मतलब है पैगंबर मोहम्मद साहब यानी पैगंबर मोहम्मद साहब का जो भी अपमान करेगा उसका सिर धड़ से अलग कर दिया जाएगा। यह नारा भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान से आया है। साल 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या कर दी गई थी। सलमान तासीर ने पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून की आलोचना की थी। जिसके बाद उन्हीं के बॉडीगार्ड मुमताज कादिरी ने सलमान तासीर को गोली मार दी।
इसके बाद खादिम हुसैन रिजवी के कट्टरपंथी संगठन तहरीक ए लब्बैक ने हत्यारे मुमताज को गाजी की उपाधि दी। खादिम ने पूरे पाकिस्तान में मुमताज के समर्थन में लोगों को इकट्ठा किया। हालांकि 2016 में मुमताज कादरी को सलमान तासीर की हत्या के अपराध में फांसी दे दी गयी। मुमताज कादरी के नमाज ए जनाजा में एक लाख से अधिक लोग आये थे। इसी दौर से दो नारे निकले थे। पहला- लब्बैक रसूल अल्लाह और दूसरा गुस्ताख ए नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा। वहीं अब इस नारे को भारत के मुसलमानों ने अपनाना शुरू किया। यह नारा भारत में बेरहमी से हत्या का एजेंडा बन चुका है।
निष्कर्ष: महंत रामगिरी महाराज के बयान के बाद मुस्लिम समुदाय पुलिस-अदालतों से न्याय की बजाए सड़को पर इंसाफ करना चाहता है। ऐसे इन धमकी भरे बयानों को नजरअंदाज नही किया जा रहा सकता। ठीक ऐसा ही नुपुर शर्मा के मामले में भी यह हुआ था, बाद में कई हिंदुओ को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। वहीं कईओं पर जानलेवा हमले हुए।
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