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रवि किशन ने निषादों के पसीने से बदबू आने की बात नहीं कही, सपा प्रत्याशी काजल ने बोला झूठ

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 1 जून को आखिरी चरण के लिए मतदान होना है। इस चरण में यूपी की गोरखपुर सीट पर मतदान होना है। यहां भाजपा से मौजूदा सांसद रवि किशन के खिलाफ सपा प्रत्याशी काजल निषाद चुनाव लड़ रही हैं। काजल निषाद ने चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में काजल ने भावुक अपील करते हुए कहा कि निषाद समाज का मान सम्मान बचाना है इसीलिए मुझे वोट दीजिए। काजल ने इस वीडियो में यह भी दावा किया कि भाजपा सांसद रवि किशन कहते हैं कि उन्हें निषादों के पसीने से बदबू आती है, गरीबों के पसीने से बदबू आती हैं, इस तरह से वो बात करते हैं।

काजल निषाद ने एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘हाथ जोड़ कर विनम्र निवेदन करती हूं मान सम्मान बचा लीजिए’

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने काजल निषाद के दावे की सच्चाई जानने के लिए इंटरनेट खंगाला तो पता चला बीते कुछ वर्षों से सोशल मीडिया में रवि किशन का एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो के साथ दावा है कि रवि किशन ने कहा था कि दलितों के पसीने से बदबू आती है। इस वीडियो को राहुल कुमार, रेखा, नेहा पासवान, सत्येन्द्र यादव, राहुल गुप्ता ने शेयर किया था

हमने इस वीडियो को ध्यान से सुना तो पता चला कि रवि किशन अपने साथ कार में सवार लोगों से बोल रहे हैं- कितने लोग बैठा दिए हैं। इसके जवाब में एक शख्स बोलता है, बाकी लोग बाद में आ गए, हम दो-तीन बंदे थे इसमें पहले से। वीडियो में आगे रवि किशन बोलते हैं, तुम लोग का पसीना ऐसा महक रहा है ना क्या बोलें? इसके जवाब में उनका एक साथी बोलता है, अब का बताएं रवि भैया, कन्हैया भैया के लिए दिन-रात दौड़ रहे हैं। इसके जवाब में रवि किशन कहते हैं, अरे तो हमई को पूरा सूंघवाई का? यानी हमें ही इन लोगों के बीच में पूरे गांव में टहलाओगे।

इस बातचीत यह स्पष्ट है कि रवि किशन पसीने वाली बात कार में मौजूद अपने समर्थकों से कह रहे हैं। वीडियो में कहीं पर भी किसी दलित या निषाद शब्द का जिक्र नहीं है। इसके बाद हमे हिंदुस्तान के यूट्यूब चैनल पर रवि किशन का बयान मिला। 17 मई 2020 को अपलोड इस वीडियो में दावे को खारिज करते हुए कहा था कि ये वीडियो 2017 चुनाव का है। उस दौरान गाड़ी में मैं अपने कार्यकर्ताओं के साथ था।

रवि किशन ने आगे कहा- मैं अपने कार्यकर्ताओं से मजाक करते हुए उनसे कहा था कि पसीना महक रहा है। महक का मतलब बदबू नहीं होता और अगर मुझे उनके पसीने से इतनी बदबू आती तो मैं उन्हें अपने साथ नहीं बैठाता।

निष्कर्ष: : पड़ताल में स्पष्ट है कि रवि किशन ने नहीं कहा कि उन्हें निषादों या दलितों के पसीने से बदबू आती है। काजल निषाद का दावा गलत है।

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Tags: Congress Fact Check Fake News Misleading दलितों के पसीने से बदबू फैक्ट चैक रवि किशन लोकसभा चुनाव 2024

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