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‘भारत श्रीलंका को और आर्थिक सहायता नहीं देगा’ वाली रिपोर्ट भ्रामक, जानें रॉयटर्स के दावे का सच

अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने 15 सितंबर 2022 को एक रिपोर्ट प्रकाशित किया जिसमें दावा किया कि भारत की श्रीलंका के लिए कोई और फंडिंग की योजना नहीं है क्योंकि आईएमएफ से बातचीत चल रही है।

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इसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कई भारतीय व विदेशी मीडिया संस्थानों ने भी न्यूज आर्टिकल प्रकाशित किए जिसमें पंजाब केसरी, वन इंडिया, DW शामिल हैं। वन इंडिया ने तो दावा किया कि भारत का यह कथित फैसला चीन के साथ मिलकर ‘दगाबाजी’ करने की सजा है।

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हालांकि रॉयटर्स के दावे जब हमनें पड़ताल की सच्चाई कुछ और ही मिली।

अपनी पड़ताल के लिए हमनें सबसे पहले आधिकारिक स्त्रोत जानने की कोशिश की। इस दौरान हमें श्रीलंका में स्थित भारतीय उच्चायोग के प्रवक्ता द्वारा जारी किया गया एक बयान मिल गया जिसमें कथित रिपोर्ट का तथ्यात्मक रूप से खंडन किया गया था।

दरअसल 20 सितंबर 2022 को किए गए एक ट्वीट में उच्चायोग की ओर से कहा गया कि हमने भारत की ओर से और वित्तीय सहायता नहीं देने के संबंध में मीडिया रिपोर्टों को देखा है। हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि भारत ने श्रीलंका के लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए इस वर्ष लगभग 4 बिलियन अमरीकी डालर की अभूतपूर्व द्विपक्षीय मदद मुहैया कराई है। भारत ने अन्य द्विपक्षीय और बहुपक्षीय भागीदारों की भी वकालत की है जो श्रीलंका की मौजूदा आर्थिक कठिनाइयों में तेजी से समर्थन कर रहे हैं।

उच्चायोग के प्रवक्ता ने आगे कहा कि हमने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और श्रीलंका सरकार के बीच एक कर्मचारी स्तरीय समझौते के निष्कर्ष को भी नोट किया है। आईएमएफ के भीतर इसकी आगे की मंजूरी, अन्य बातों के साथ, श्रीलंका की ऋण स्थिरता पर निर्भर है। हम हर संभव तरीके से श्रीलंका का समर्थन करना जारी रखेंगे। विशेष रूप से श्रीलंका के प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में भारत की ओर से दीर्घावधि निवेश को बढ़ावा देकर इसके शीघ्र आर्थिक सुधार और विकास के लिए प्रयास करेंगे।

“इसके अलावा श्रीलंका में हमारी द्विपक्षीय विकास सहयोग परियोजनाएं चल रही हैं। जो कुल मिलाकर लगभग 3.5 बिलियन डॉलर की हैं। श्रीलंकाई छात्र प्रमुख भारतीय संस्थानों में उच्च शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए छात्रवृत्ति का लाभ उठा रहे हैं।”

प्रवक्ता ने अंत में जोड़ा कि श्रीलंका के साथ हमारे घनिष्ठ और दीर्घकालिक सहयोग के ये पहलू भी श्रीलंका की वर्तमान आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के प्रयासों में योगदान करते हैं।

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इसके अलावा हमारी पड़ताल में यह भी मालूम हुआ कि श्रीलंका सरकार के हालिया अनुरोध के जवाब में कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने श्रीलंका सरकार के साथ द्विपक्षीय ऋण के पुनर्गठन पर कोलंबो में 16 सितंबर, 2022 को पहले दौर की चर्चा की थी। यह जानकारी खुद भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी।

बयान के मुताबिक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई यह चर्चा श्रीलंका के लिए एक उपयुक्त अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) कार्यक्रम के शीघ्र निष्कर्ष और अनुमोदन के लिए भारत के समर्थन का प्रतीक है। इसके लिए श्रीलंका के ऋण को टिकाऊ बनाने के लिए ऋणदाताओं से वित्तीय आश्वासन की आवश्यकता है।

भारत ने साफ तौर पर कहा कि वह प्रासंगिक श्रीलंकाई हितधारकों के साथ निकटता से जुड़ा रहेगा।

इस प्रकार से भारतीय दूतावास के प्रवक्ता के आधिकारिक बयान से स्पष्ट हो जाता है कि रॉयटर्स द्वारा किया गया दावा कि, भारत श्रीलंका की और आर्थिक सहायता नहीं करेगा, पूरी तरह से भ्रामक है।

Claimभारत की श्रीलंका के लिए कोई और फंडिंग की योजना नहीं है क्योंकि आईएमएफ से बातचीत चल रही है।
Claimed byरॉयटर्स
Fact Checkदावा भ्रामक है, भारत ने 2022 में ही श्रीलंका को 4 बिलियन अमरीकी डालर की मदद मुहैया कराई है और कहा है कि हम हर संभव तरीके से इसका समर्थन करना जारी रखेंगे।

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जय हिन्द। 

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Tags: Fact Check Reuters Report India Srilanka Financial Aid Misleading Indian High Commission

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