7 अक्टूबर 2023 से इसराइल-हमास के बीच संघर्ष चल रहा है। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत का एक एक्स पोस्ट चर्चा में है, इस पोस्ट में उन्होंने हिटलर द्वारा यहूदियों को मारने को सही ठहराया है। वहीं एक फैक्ट चेकिंग वेबसाइट DFRAC ने संजय राउत के इस पोस्ट पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि संजय राउत ने ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया।
DFRAC रिपोर्ट के मुताबिक वायरल स्क्रीनशॉट की सत्यता की जांच के लिए टीम ने संजय राउत के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट की जांच की। इस दौरान हमें उनका ऐसा कोई ट्वीट नहीं मिला। जिसमे उन्होने यहूदियों के नरसंहार के समर्थन में कोई ट्वीट किया हो। अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल स्क्रीनशॉट फेक है। क्योंकि संजय राउत ने ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया है।
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पड़ताल में हमने सबसे पहले संजय राउत की एक्स प्रोफाइल को खंगाला, जहाँ हमे यह ट्वीट नहीं मिला। इसके बाद हमने आर्काइव (wayback machine) का सहारा लिया। वहां, हमें संजय राउत का एक्स पोस्ट मिला। राउत ने ‘आर्टिकल19 इंडिया’ नाम के एक एक्स अकाउंट के एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा था, ‘हिटलर को यहूदी समुदाय से इतनी नफरत क्यों थी? क्या यह अब समझ में आ रहा है?’
जाहिर है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मन तानाशाह हिटलर और उसकी नाजी सेना ने यहूदियों पर अत्याचार किए थे। जिसमें कॉन्सेंट्रेशन कैम्प और गैस चैंबरों में यहूदियों को मारा गया था।
निष्कर्ष: शिव सेना नेता ने हिटलर द्वारा यूहदियों के ऊपर किए गए नरसंहार को सही ठहराते हुए ट्वीट किया था। जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया। DFRAC द्वारा किया गया फैक्ट चेकिंग रिपोर्ट गलत है।
दावा | DFRAC ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि संजय राउत ने युहदियो के साथ किए गए नरसंहार को सही ठहराते हुए ट्वीट नहीं किया है |
दावेदार | DFRAC |
फैक्ट | संजय राउत ने हिटलर द्वारा युहदियो के ऊपर किए गए नरसंहार को सही ठहराते हुए ट्वीट किया था |
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