सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस का काफिला दिखाई दे रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के इशारे पर 1995 में जाम लगाने के मामले में यूपी पुलिस ने मेरठ से मुस्लिम सपा विधायक रफीक अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है। हालाँकि हमारी पड़ताल के बाद यह दावा भ्रामक पाया गया है।
X हैंडल कलेशी बुआ ने लिखा, ‘यह केवल मोदी-आरएसएस शासित भारत में होता है, समाजवादी पार्टी के मेरठ से विधायक को 1995 में ट्रैफिक जाम बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया! यह सरकार आपको जेल में डालने के नए रचनात्मक तरीके खोज लेगी। और अगर कुछ और काम नहीं आया, तो वे आपको “नक्सली” कह देंगे!‘
पत्रकार सचिन गुप्ता ने लिखा, ‘मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी को कोर्ट ने जेल भेजा। बाराबंकी से गिरफ्तार करके लाई थी पुलिस। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज की। 1995 में जाम लगाने में FIR हुई थी। उसी में NBW जारी हुए थे।‘
वामपंथी पत्रकार रवीश कुमार ने लिखा, ‘रोज़ जाम लग रहता है , हर शहर में । जेल भेजने का यह नया बहाना लगता है।‘
इस्लामिस्ट कमिल अहमद ने लिखा, ‘एक के बाद एक मुस्लिम विधायकों पर FIR हो रही हैं और पॉलिटिकल पार्टी अपने नेताओं के लिए चुप्पी साधे हुए हैं..? मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी को कोर्ट ने भेजा जेल, बाराबंकी से गिरफ्तार करके लाई थी पुलिस। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज की। 1995 में जाम लगाने में FIR हुई थी।‘
X हैंडल नेता पॉलिटिक्स ने लिखा, ‘ये मेरठ के सपा विधायक हैं. मुस्लिम हैं नाम है रफीक अंसारी। इनको कल जेल भेज दिया गया क्यूंकि इन्होंने 1995 में जाम लगाया था. इन्हें जाम का अंजाम पता नहीं था 29 साल बाद इन्हें इसके लिए जेल जाना होगा। वैसे अगर जाम लगाने पर गिरफ्तारी होनी लगे तो सारे वीआईपी जेल में चक्की पीसने लगेंगे। जिनकी वजह से जनता हर रोज़ कहीं न कहीं आधे घंटे से ऊपर ठहर जाती है क्यूंकि इनका काफीला को गुज़रना होता है।
महताब अली ने लिखा, ‘मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी लखनऊ से मेरठ आते वक़्त बाराबंकी से गिरफ्तार हुए। 1995 में जाम लगाने में FIR हुई थी। उसी में NBW जारी हुए थे। कोर्ट ने जेल भेजा। बाराबंकी से गिरफ्तार करके लाई थी पुलिस। एमपी/एमएलए कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज की जाना पड़ा जेल!‘
सरताज लेखक ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश” मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी को 1995 में जाम लगाने के आरोप में हुई थी एफआईआर आज संविधैनिक पुलिस ने उनको बाराबंकी से उसी केस में उठाके लाकर जेल में डाल दिया नाम में क्या रखा है।‘
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने खुद को भगवान नही बताया, वायरल वीडियो एडिटेड है.
दावे की जांच के लिए हमने मामले से संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इसके बाद हमें नवभारत टाइम्स में 27 मई 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, ‘मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी को बाराबंकी की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मेरठ पुलिस की एक टीम विधायक को लेने के लिए रवाना हो गई है। एक पुराने मामले में 100 नोटिस जारी होने के बाद भी रफीक अंसारी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद बाराबंकी के जैदपुर थाना पुलिस ने विधायक को गिरफ्तार कर लिया है।’ रिपोर्ट में आगे लिखा है, ‘सपा नेता को 1997 से 2015 के बीच करीब 100 बार गैर जमानती वारंट जारी किया गया। इसके बाद भी वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे थे।
पड़ताल में आगे हमें लाइव हिन्दुस्तान द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिला। लाइव हिन्दुस्तान के मुताबिक, ‘विधायक रफीक अंसारी के साथ करीब 40 लोगों के खिलाफ मेरठ के नौचंदी थाने में 12 सितंबर 1995 को बलवा, तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में 22 लोगों के खिलाफ 24 अक्तूबर 1995 को पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया। रफीक अंसारी के खिलाफ 22 जून 1996 को चार्जशीट दाखिल हुई थी। कोर्ट ने 18 दिसंबर 1997 को रफीक अंसारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया, लेकिन वह कभी कोर्ट नहीं आए। इस दौरान लगातार उनके गैर जमानती वारंट होते रहे, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में 22 आरोपियों के खिलाफ 15 मई 1997 को मुकदमे का विचारण पूरा हो गया और सभी को बरी कर दिया गया।‘
इसके अतिरिक्त हमें अमर उजाला द्वारा प्रकाशित 27 मई की रिपोर्ट से जानकारी मिली कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एमपी- एमएलए मेरठ की अदालत ने आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत विचाराधीन आपराधिक मुकदमे में विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ वारंट जारी किया था।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट होता है कि सपा विधायक रफीक अंसारी को हाल ही में जाम लगाने के मामले में नहीं, बल्कि तोड़-फोड़ और आगजनी जैसे गंभीर मामलों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सपा नेता को 1997 से 2015 के बीच करीब 100 बार गैर जमानती वारंट जारी किया गया। इसके बाद भी वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे थे।
दावा | सपा विधायक रफीक अंसारी को योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी ने 1995 के जाम लगाने के मामले में इसलिए गिरफ्तार किया क्योंकि वह विपक्ष और मुस्लिम नेता है |
दावेदार | सोशल मीडिया यूजर्स |
फैक्ट चेक | भ्रामक |
यह भी पढ़ें: दिल्ली में ‘एक कप के लिए वोटर बिकने’ का दावा गलत है
This website uses cookies.