सोशल मीडिया पर सड़कों पर उमड़ी लोगों की भीड़ का एक वीडियो वायरल है। वीडियो में लोगों को फ़्लैश लाइट जलाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर इसे भारत का बताते हुए दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो ईवीएम के खिलाफ जन आंदोलन का है। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ।
विवेक विनायक जाधव ने एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘जब तक ईवीएम के खिलाफ जन आंदोलन नहीं होगा तब तक ये जुल्म जारी रहेगा।’
आकाश यादव ने लिखा, ‘जब तक ईवीएम के खिलाफ जन आंदोलन नहीं होगा तब तक ये जुल्म जारी रहेगा।’
मोहम्मद आयूब ने लिखा, ‘जब तक ईवीएम के खिलाफ जन आंदोलन नहीं होगा, तब तक यह उत्पीड़न जारी रहेगा।’
वहीं सरकार और रमेश ने भी इसे भारत में ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन का वीडियो बताकर शेयर किया है।
यह भी पढ़ें: हिंदू संगठनों ने एफिल टावर के नीचे मंदिर होने का दावा नहीं किया, वायरल पोस्टकार्ड फेक है
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के अलग-अलग स्क्रीनशॉट को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान यह वीडियो हमें 18 अक्टूबर 2020 को Watch Mob -TH नाम के एक्स हैंडल द्वारा पोस्ट मिला। इस पोस्ट के मुताबिक यह वीडियो थाईलैंड का है।
पड़ताल में आगे हमें 18 अक्टूबर 2020 को मामले से सम्बंधित बेंग्कोक पोस्ट की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो थाईलैंड में विजय स्मारक पर आयोजित जनरल प्रयुत चान-ओ-चा की सरकार को हटाने और थाईलैंड में स्वतंत्रता और लोकतंत्र लाने के लिए हो रहे प्रदर्शन का है।
दावा | भारत में ईवीएम के खिलाफ जन आंदोलन। |
दावेदार | विवेक विनायक जाधव, आकाश यादव व अन्य |
निष्कर्ष | यह वीडियो थाईलैंड में विजय स्मारक पर आयोजित सरकार विरोधी प्रदर्शन का है। |
This website uses cookies.