सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें नदी के ऊपर बना एक पुल गिरता हुआ नजर आ रहा है। इस वीडियो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह पुल मोदी सरकार द्वारा बनाया गया था। लोग इस वीडियो के जरिए मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि हमारी जांच में यह दावा गलत साबित हुआ है।
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने लिखा, ‘कांग्रेस राज के बनाये पुल से लोग भाजपा राज में भ्रष्टाचार कर बने टूटी पुल के वीडियो बना रहे हैसमानांतर तुलनात्मक अध्ययन करें और अंतर को समझें..! भाजपा है तो भ्रष्टाचार है, भाजपा है तो टूट है, भाजपा है तो डूबना तय है, भाजपा है तो विखंडन है, भाजपा है तो लूट है, भाजपा है तो इंटायर साइंस बेक़ाबू है‘
ध्रुव राठी पैरोडी ने लिखा, ‘एक ही जगह पर दो पुल हैं…एक, जो कांग्रेस शासन में बना था, आज भी मजबूती से खड़ा है…दूसरा, जो भाजपा शासन में बना, कुछ ही सालों में ढह गया…यही है कांग्रेस और भाजपा के विकास का अंतर।‘
कांग्रेस समर्थक शेखर कूल ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘बगल वाला जो कांग्रेस के लूट वाला पूल जस का तस सीना ताने खडा है और आज मोदी का एक और विकास डूबकी लगा दिया।‘
आईजी साहब ने लिखा, ‘नेहरू का कांग्रेस के लूट वाला पूल जस का तस सीना ताने खडा है और मोदी जी का एक और पूल, विकास की गंगा में डूबकी लगा राहा है।‘
रणवीर चौधरी ने लिखा, ‘मोदी जी का विकास नदी में हिलोरे ले रहा हैं और पास में कांग्रेस के राज में बना पुल सीना ताने खड़ा हैं‘
डाक्टर कपिल सैनी ने लिखा, ‘पुल के ऊपर बनी काली सड़क और लेन की पेंटिंग कितनी सुंदर दिख रही है। अच्छी बात की भी तो तारीफ होनी चाहिए। आप लोग हमेशा @BJP4India की बुराई करते हैं।‘
इसके अलावा इस वीडियो को कांग्रेस कार्यकर्ता दीपक जैन, ध्रुव राठी सटायर, हेमंत चौधरी और श्रुति दोहरे ने शेयर किया।
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वीडियो की जांच के लिए हमने इसके की-फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें 8 अगस्त की टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाला पुल स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के कारवार में काली नदी पर बना 40 साल पुराना पुल 6 और 7 अगस्त की रात करीब 1:30 बजे भारी बारिश के कारण ढह गया। पुराने पुल के गिरने और नए पुल की स्थिरता जांच होने तक आवागमन बंद होने से गोवा से कच्चे माल और निर्मित वस्तुओं की ढुलाई बाधित हो गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018 में नया पुल बनने के बाद से पुराने पुल का उपयोग गोवा जाने वाले यातायात के लिए किया जा रहा था। कर्नाटक और गोवा को जोड़ने वाले इस पुल को 1983 में बनाया गया। साथ ही नरेंद्र मोदी 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बने थे, ऐसे में इस पुल का उनकी सरकार से कोई लेना देना नहीं है।
दावा | मोदी सरकार में बना पुल गिर गया। |
दावेदार | कांग्रेस समर्थक |
निष्कर्ष | वायरल वीडियो में दिख रहा टूटा हुआ पुल 1983 में कांग्रेस सरकार के दौरान बनाया गया था। |
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