अपराध

प्रयागराज में लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला 5 साल पुराना है

सोशल मीडिया पर रोते हुए एक महिला का वीडियो वायरल है। वायरल वीडियो में कुछ महिला पत्रकारों को इंटरव्यू देते हुए दिख रही है। दावा किया जा रहा है कि यह घटना उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की है, जहाँ रोज 7-8 लड़के घरों से लड़की को उठाते हैं और उसके साथ सामूहिक बलात्कार करते हैं। पुलिस अधिकारी और आरोपी दोनों ठाकुर हैं इसलिए FIR भी दर्ज नहीं की जा रही है। हालंकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।

आप कार्यकर्त्ता राम गुप्ता ने एक्स पर इस वीडियो को शेयर कर लिखा, ‘रोज 7-8 लड़के आते हैं और हमारे घरों के बाहर खड़े रहते हैं, वे एक लड़की को उठाते हैं और उसके साथ सामूहिक बलात्कार करते हैं। पुलिस अधिकारी ठाकुर है, वह FIR दर्ज करने से इंकार कर देता है क्योंकि आरोपी उसी समुदाय से हैं। यह घटना यूपी के इलाहाबाद की है, जहा राम राज्य होने के दावे किये जाते हैं।’

अशोक दनोड़ा ने लिखा, ‘रोज 7-8 लड़के आते हैं और हमारे घरों के बाहर खड़े रहते हैं, वे एक लड़की को उठाते हैं और उसके साथ सामूहिक बलात्कार करते हैं। पुलिस अधिकारी ठाकुर है, वह FIR दर्ज करने से इंकार कर देता है क्योंकि आरोपी उसी समुदाय से हैं। यह घटना फिल्म नहीं बल्कि राम राज्य यूपी के इलाहाबाद की है।’

अंजलि सैनी ने लिखा, ‘थोड़ी बहुत भी शर्म है तो इस पोस्ट को जरूर पढ़ना @Uppolice हर रात, सात-आठ लड़कों का एक झुंड आता है। ये लड़के किसी गली के अंधेरे कोनों से नहीं, बल्कि खुलेआम, बेशर्मी से, बेखौफ आते हैं। ये हमारे घरों के बाहर खड़े रहते हैं, हमारी बहनों, बेटियों को घूरते हैं, उनकी चीखों की कल्पना करते हैं। फिर किसी एक को चुनते हैं। वो हाथ पकड़कर नहीं ले जाते—बल्कि घसीटते हैं, नोचते हैं, रोंदते हैं। वो उसके शरीर को नहीं, उसकी आत्मा को तार-तार करते हैं। उसकी चीखें सन्नाटे को चीरती हैं, लेकिन सिर्फ उसकी मां सुन पाती है। पुलिस नहीं सुनती, कानून नहीं सुनता, वो समाज नहीं सुनता जो दिन में बेटी बचाओ का नारा लगाता है और रात को आंखें मूंद लेता है। जब एक मां अपनी लहूलुहान बेटी को उठाकर इंसाफ मांगने जाती है, तो एक वर्दीधारी कहता है—“चुप रहो, वरना अंजाम बुरा होगा।” क्योंकि वो अपराधी उसी के समुदाय से हैं। FIR नहीं होगी। इंसाफ नहीं मिलेगा। ये कोई फिल्मी सीन नहीं, ये इलाहाबाद की हकीकत है। जहां बलात्कारियों के लिए खुली छूट है, और पीड़ितों के लिए सिर्फ खामोशी। अगर हम आज चुप रहे, तो कल हमारे घरों की बेटियां अगला शिकार होंगी। अब चुप्पी तोड़नी होगी!’

वहीं प्रीती सिंह और शैलेश वर्मा ने भी इसी दावे के साथ वीडियो को शेयर किया है।

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फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल में हमें मौर्या जी नाम के एक्स हैंडल से इसी दावे के साथ वायरल वीडियो पोस्ट मिला। इस पोस्ट के रिप्लाई ने DCP यमुना नगर प्रयागराज के आधिकारिक एक्स हैंडल ने दावे का खंडन करते हुए लिखा, ‘उक्त प्रकरण 05 वर्ष पुराना है। जिसमें थाना मेजा में अभियोग पंजीकृत है। घटना से संबंधित समस्त अभियुक्तगणों को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। कृपया पुरानी घटना को नए रिफ्रेंस में न चलाए।’

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संबंधित किवर्ड की मदद से गूगल सर्च करने पर हमें 10 जनवरी 2020 को प्रकाशित हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक लेहड़ी गांव के तहसीलदार सिंह तथा उसके चार अन्य साथी पहली जनवरी की रात पीड़िता के भाई को मारने आए थे, उसका कसूर सिर्फ इतना रहा कि उसने भाई को मारपीट करने वालों से बचा लिया। कुछ देर बाद वह घर से निकली तो आरोपी उसे उठा ले गए, उसके साथ गैंगरेप कर छोड़ दिया। पिता ने बेटी के घर लौटने की जानकारी पुलिस को दी तो क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस युवती को महिला थाना ले गई, जहां रात एक बजे तक पुलिस ने पूछताछ की। इसके बाद उसे महिला पुलिस के साथ मेडिकल परीक्षण के लिए सीएचसी रामनगर भेजा गया।

पड़ताल में आगे हमें 16 जनवरी 2020 को पोस्ट ABP गंगा की एक वीडियो रिपोर्ट भी मिली। जिसमें पुलिस की तरफ से बताया गया है कि मेडिकल रिपोर्ट में युवती के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि मामले में कुल 9 लोगों पर FIR दर्ज की गई है।

दावा प्रयागराज में एक लड़की को अगवा कर उसके साथ गैंगरेप किया गया।
दावेदार राम गुप्ता, अशोक दनोड़ा व अन्य
निष्कर्ष यह घटना साल 2020 की है। इसमें आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसे हाल ही का बताकर भ्रामक रूप से शेयर किया जा रहा है।

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Tags: Fact Check Fake News Misleading प्रयागराज फैक्ट चैक

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