धर्म

बरेली में नमाज रोकने करने की घटना में मुसलमानों के प्रति अन्याय का दावा भ्रामक

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बरेली के एक गांव में कुछ मुस्लिम लोग टीन शेड के नीचे नमाज़ अदा कर रहे थे। पुलिस ने कथित मस्जिद को बंद कर दिया, लोगों को गिरफ्तार किया। इस दावे को साझा करते हुए भारत में मुस्लिम समुदाय के प्रति बढ़ते अन्याय का आरोप लगाया गया। हालांकि हमारी जांच में यह दावा भ्रामक पाया गया है।

अंसार इमरान ने लिखा, ‘बरेली में एक मकान में नमाज पढ़ने की वजह से पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है! ये वही निष्पक्ष प्रशासन है जो पुलिस थाने की नींव भूमि पूजन से करती है। हिंदू धार्मिक आयोजन में खुद हिस्सेदार बनती है। काँवड में पुलिस अधिकारी हेलिकॉप्टर से फूल बरसाते है मगर मुसलमान अपने घर में भी नमाज पढ़ ले तो मुकदमा दर्ज हो के गिरफ्तारी हो जाती है। क्या यह निष्पक्ष प्रशासन यह बताने का कष्ट करेगा कि जैसा कि पूरे भारत में होता है कि हिंदू समुदाय के मानने वाले लोग माता का जगराता अक्सर मोहल्ले की गली में करते हैं तो क्या कल को उन पर भी मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार किया जाएगा?अगर कोई हिंदू धर्म को मानने वाला व्यक्ति घर में कंजक पूजन या सत्यनारायण का पाठ करवाता है तो क्या उसके लिए भी उस पर मुकदमा और गिरफ्तारी होगी? जवाब सबको मालूम है निष्पक्ष प्रशासन समेत!’

अशरफ हुसैन ने लिखा, ‘बरेली में टीन शेड पड़े एक मकान में मस्जिद की तरह इंतजाम कर नमाज पढ़े जाने का वीडियो सामने आया है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 7 नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और परिसर को सील कर दिया गया। हिन्दू संगठनों ने ड्रोन से नमाजियों का वीडियो बनाया, ट्विटर पर पुलिस से कि शिकायत, पुलिस ने फ़ौरन लिया एक्शन…अब सवाल ये उठता है कि क्या किसी अन्य धार्मिक कार्यक्रम पर  भी पुलिस ऐसा ही एक्शन लेती है? क्या घरों में नमाज़ अदा करना जुर्म है? भारत के अधिकतर घरों में सभी धर्म के मानने वालों के अलग अलग पवित्र धार्मिक स्थान तो आरक्षित रहते ही हैं, जहाँ वो इबादत करते हैं।’

तारिक अनवर ने लिखा, ‘उत्तरप्रदेश के बरेली में कुछ लोगों ने टीन शेड जोड़कर बने एक मकान में नमाज पढ़ लिया. हिंदुत्ववादी गिरोह के कुछ लोगों ने विडियो बनाकर वायरल कर दिया. विडियो के आधार पर पुलिस कार्रवाई करते हुए 7 नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और परिसर को सील कर दिया गया. यह है स्वतंत्र भारत की एक अनोखी तस्वीर.’

इसके अलावा इस दावे को आसिफ खान, सबा खान, फैजुल हक, और वसीम अकरम त्यागी ने शेयर किया है.

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फैक्ट चेक

वायरल दावे की जांच के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स का उपयोग करके खोज की। इस दौरान हमें लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना बरेली जिले की तहसील बहेड़ी के जाम सावंत शुमाली गांव की है। यहां एक मकान में टीन शेड डालकर जुम्मे की नमाज पढ़ी गई थी। गांव वालों ने इसका वीडियो ड्रोन से बनाया, जिसे हिंदू जागरण मंच के एक पदाधिकारी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते हुए बरेली पुलिस और अन्य अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की, जिसमें मकान के मालिक समेत सात नामजद और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। यह घटना उस समय हुई जब जिले में त्योहारों और आगामी गणतंत्र दिवस समारोहों को देखते हुए निषेधाज्ञा लागू है। नमाज अदा करने और मस्जिद संबंधी प्रशासन से कोई भी अनुमति नहीं ली गई थी।

वहीं अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि गांव में न कोई मंदिर है, न ही मस्जिद। वहां कदीर अहमद का 200 वर्गगज का भूखंड है, जिसकी चहारदीवारी बनवाकर टिन शेड डाला गया था। गांव के प्रधान के इशारे पर ग्रामीण काफी दिन से इसमें गुपचुप तरीके से नमाज अदा कर रहे थे। यह मस्जिद नहीं थी।

दावा बरेली में मुसलमानों को नमाज अदा करने से रोका गया।
दावेदारसोशल मीडिया यूजर्स
निष्कर्षबरेली के जाम सावंत शुमाली गांव में बिना प्रशासनिक अनुमति के टीन शेड के अंदर अवैध रूप से मस्जिद बनाई गई थी। पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और मस्जिद को सील कर दिया।

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