Home अपराध गोरखपुर में सर्राफा व्यापारी के बेटे के अपहरण का दावा गलत है
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गोरखपुर में सर्राफा व्यापारी के बेटे के अपहरण का दावा गलत है

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सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि गोरखपुर के गोलघर से दिनदहाड़े सर्राफ के बेटे का अपहरण, 10 करोड़ की फिरौती मांगी गई। इस वायरल कटिंग को लेकर सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ है।

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने लिखा, ‘उप्र के मुख्यनगर में अपराधियों के हौसले बुंलद और एनकाउंटर सरकार की बोलती बंद।’ 

मोहम्मद इमरान सिद्दकी ने लिखा, ‘मुख्यमंत्री के ग्रह जनपद में दिन दहाड़े अपहरण. ये तो उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का जीता जागता उदाहरण है प्रदेश तो छोड़ के भाग गए थे अपराधी.’

सपा नेता मनोज काका ने लिखा, ‘उप्र के मुख्यनगर में अपराधियों के हौसले बुंलद और एनकाउंटर सरकार की बोलती बंद। पूरे यूपी को सुरक्षित क़ानून व्यवस्था का गान गाने वाले योगी जी अपने गृह जनपद गोरखपुर को ही सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं.’

इसके अलावा इस दावे समाजवादी पार्टी मीडिया सेल, विमल यदुवंशी और डाक्टर आशुतोष वर्मा ने किया।

फैक्ट चेक

वायरल दावे की पड़ताल करने के लिए हमने मामले से संबंधित कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए गूगल पर सर्च किया। इसके बाद हमें दैनिक भास्कर में 23 जनवरी 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, ‘गोरखपुर में सर्राफा व्यापारी के बेटे रोहित सावंत ने अपने अपहरण और 10 करोड़ रुपये की फिरौती की साजिश खुद रची थी। उसने रैपिडो डिलीवरी बॉय को पैसे देकर अपने घर एक चिट्ठी भिजवाई थी, जिसमें फिरौती मांगी गई थी। पुलिस की जांच में यह सारा मामला उजागर हो गया। रोहित सावंत खुद इस साजिश का मास्टरमाइंड था, और उसकी करतूतें सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गईं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उसने कई लोगों से भारी कर्ज ले रखा था। कर्ज चुकाने से बचने और कर्जदाताओं को भ्रमित करने के लिए उसने झूठी किडनैपिंग की योजना बनाई।’

Source- Dainik Bhaskar

जांच के दौरान कॉल डिटेल और सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस को पता चला कि इस ‘अपहरण’ का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि खुद रोहित था। रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार सुबह 10:38 बजे, रोहित ने अपने फोन से रैपिडो के एक डिलीवरी बॉय को बुलाया। सुबह 10:54 बजे, उसने डिलीवरी बॉय को 40 रुपये ऑनलाइन भुगतान किए और स्वेटर में चिट्ठी रखकर उसे अपने घर पहुंचाने के लिए कहा। डिलीवरी बॉय के स्वेटर पहुंचाने के बाद, उसने फोन पर कन्फर्म भी किया कि स्वेटर सही से पहुंचा या नहीं।

इसके बाद रोहित ने अपनी स्कूटी को गोलघर स्थित अपने दोस्त की दुकान पर खड़ा कर दिया और जीडीए पार्किंग से अपने दोस्त विनय सिंह की कार (नंबर UP53EM8079) लेकर निकल गया। यह कार पिछले कई महीनों से उसके पास थी। सीसीटीवी फुटेज में वह पार्किंग में अकेले जाता हुआ दिखा। कुछ देर बाद उसकी कार छात्रसंघ चौराहे पर नजर आई। जांच में यह बात सामने आई कि रोहित भारी कर्ज में डूबा हुआ था और आर्थिक संकट से बचने के लिए उसने यह झूठी कहानी रची।

पुलिस ने जब डिलीवरी बॉय से पूछताछ की, तो उसने रोहित की तस्वीर पहचान ली और बताया कि वही व्यक्ति था, जिसने स्वेटर और चिट्ठी दी थी। डिलीवरी बॉय की गवाही और कॉल रिकॉर्ड्स ने इस मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि रोहित खुद ही कार लेकर निकला था। सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से उसकी तलाश जारी है।

इसके अलावा, हमें नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट भी मिली, जो दैनिक भास्कर की रिपोर्ट से मेल खाती है। नवभारत टाइम्स के अनुसार, ‘गोरखपुर में सर्राफा व्यवसायी के बेटे रोहित सावंत ने खुद अपनी किडनैपिंग की साजिश रची थी। उसने 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने की योजना बनाई थी। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि रोहित कर्ज में डूबा हुआ था और इस कारण उसने यह झूठी कहानी गढ़ी।’

दावायोगी आदित्यनाथ सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। गोरखपुर में दिनदहाड़े सर्राफा व्यापारी के बेटे का अपहरण।
दावेदारअखिलेश यादव, मनोज काका, एवं अन्य सोशल मीडिया यूजर्स 
निष्कर्षगोरखपुर में सर्राफा व्यापारी के बेटे रोहित सावंत का अपहरण का दावा पूरी तरह फर्जी था। उसने खुद कर्जदाताओं को भ्रमित करने और कर्ज चुकाने से बचने के लिए यह झूठी साजिश रची थी। 
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