राजनीति

कानपुर में दो साधुओं की हत्या का दावा गलत है

उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो साधुओं की लाश मिली है। जिसमें एक महिला और पुरुष साधु की लाश बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर इस घटना को शेयर कर साधुओं की हत्या बताई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में अब साधु-संत भी सुरक्षित नहीं है। यूपी में अराजकता का माहौल है।

सपा नेता आईपी सिंह ने एक्स पर लिखा, ‘कानपुर में एक साधु और एक साध्वी की लाश मिली है। कानपुर के परमट चौराहे के पास संदिग्ध परिस्थितियों में दोनों शव मिले हैं। भेषभूषा से दोनों मृतक साधु संत लग रहे है। यूपी में साधु संतों तक का जीवन सुरक्षित नहीं रह गया है। यूपी में अराजकता का माहौल है।’

समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने लिखा, ‘यूपी में योगीराज में साधु संतों संन्यासियों की हत्याएं लगातार हो रही हैं ,लगातार ऐसी हत्याओं में सरकारी संरक्षण है ,क्या सीएम योगी बताएंगे कि उनके राज में अन्य साधु संतों संन्यासियों के रहने और शांतिपूर्ण जीवन निर्वहन की कोई जगह क्यों नहीं है ? योगीराज में साधु सन्यासी पंडितों हत्याओं का एक रिकॉर्ड कायम हुआ है’

यूपी कांग्रेस ने लिखा, ‘कानपुर में पुलिस चौकी के पास दो साधुओं की लाश मिली है। दोनों साधुओं में एक पुरुष है दूसरी महिला। अभी कुछ दिनों पहले वाराणसी में एक साधु की सरेराह मार-मारकर हत्या कर दी गयी। यह प्रदेश अब साधु-संतों के लिए भी एकदम सुरक्षित नहीं है। जो सरकार धर्म की ओट लेकर ही राजनीति करती आई है, वो अपने साधु-संतों की भी सुरक्षा नहीं कर पा रही है। योगी सरकार के फेल लॉ & ऑर्डर और नाकामी का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है?’

हेमेंद्र त्रिपाठी ने लिखा, ‘यूपी के कानपुर में दो साधुओं की पुलिस चौकी के नजदीक परमट चौराहे के पास लाश मिली है, एक महिला और एक पुरुष साधु की लाश है। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों, साधु संतों, पुजारियों पर हो रहा अत्याचार प्रदेश की कानून व्यवस्था और CM योगी के सुरक्षा वाले दावों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। ये हत्या है क्या आत्महत्या @Uppolice इसका जल्द से जल्द खुलासा करे।’

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फैक्ट चेक

दावे की जांच के लिए हमने मामले से जुड़े कीवर्ड का उपयोग करके गूगल सर्च किया, जिसमें हमें दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशत एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार कानपुर के परमट मंदिर के सामने शनिवार तड़के में कार सवार दंपती ने फुटपाथ पर सो रहे बुजुर्ग महिला और पुरुष को कुचल दिया। इसके बाद वहां से भाग निकले। सजेती के रहने वाले बुजुर्ग साधु निर्भय उर्फ सीताराम और उनकी पत्नी परमट मंदिर के सामने बैठते हैं। इस दौरान जो भिक्षा मिल जाती है उसी से जीवन यापन करते हैं। साथ ही मंदिर परिसर में ही रहते भी थे। शनिवार भोर में 5 बजे लग्जरी कार से एक दंपती श्री आनंदेश्वर मंदिर परमट ग्वालटोली की मंगला आरती में शामिल होने आए थे। मंदिर से दर्शन करके निकले और कार बैक करते समय बुजुर्ग साधु दंपती चपेट में आ गए। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

दावा यूपी में योगीराज में साधु संतों संन्यासियों की हत्याएं लगातार हो रही हैं।
दावेदार आईपी सिंह, यूपी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी आईटी सेल
निष्कर्ष कानपुर में दोनों साधुओं की मौत बेकाबू कार से कुचलने की वजह से हुई है।
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