Home धर्म राजस्थान में दलित ट्रैक्टर चालक को पानी पीने के लिए मटका छूने पर पीटने का दावा गलत है
धर्म

राजस्थान में दलित ट्रैक्टर चालक को पानी पीने के लिए मटका छूने पर पीटने का दावा गलत है

Share
Share

राजस्थान के झुंझुनूं में कथित तौर पर दलित युवक को पानी पीने के लिए मटका छूने पर पीटने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर इस मामले को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राजस्थान की भाजपा सरकार के शासन में दलितों के खिलाफ अत्याचार तेजी से बढ़े हैं। झुंझुनूं में ईंट भट्टे पर दलित ट्रैक्टर चालक को पानी के मटके को छूने पर बंधक बनाकर मारपीट की गई। हालांकि पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुए।

आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने एक्स पर इस मामले पर एक पोस्ट कर लिखा, ‘राजस्थान के झुंझुनूं जिले में दलित युवक को केवल पानी पीने के लिए मटका छूने पर जातिसूचक गालियां दी गईं, बर्बरता से पीटा गया और पूरी रात बंधक बनाकर रखा गया। यह घटना भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था की शर्मनाक विफलता और जातिवाद का जीता-जागता प्रमाण है। पानी पीने के लिए मटका छूने पर हमला न केवल उस दलित युवक पर हुआ, बल्कि यह हमारे संविधान में निहित समानता, गरिमा और न्याय के सिद्धांतों पर सीधा हमला है। यह घटना इस बात का सबूत है कि भाजपा के राज में दलितों के साथ अन्याय और उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है।जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। @RajGovOfficial से हमारी मांगें हैं दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। पानी पीने के लिए मटका छूने पर हिंसा समाज में जातिवाद की गहराई को दर्शाती है। यह साफ है कि भाजपा सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है। यदि सरकार दलितों को सुरक्षा और न्याय दिलाने में असफल रहती है, तो हम सड़कों पर उतरकर इस लड़ाई को निर्णायक अंजाम तक पहुंचाएंगे। दलित, आदिवासी समाज अब जाग चुका है। यह संघर्ष केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे समाज की गरिमा और अधिकारों की रक्षा का संघर्ष है। हम हर हाल में न्याय लेकर रहेंगे।’

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने लिखा, ‘राजस्थान की भाजपा सरकार के शासन में दलितों के खिलाफ अत्याचार तेजी से बढ़े हैं। कुछ दिन पूर्व ही बाड़मेर में दलित की पेड़ से बांधकर मारपीट की वीडियो वायरल हुई थी और अब झुंझुनूं में पानी के मटके को छूने पर दलित के साथ बंधक बनाकर मारपीट की गई। ऐसा भी देखा जा रहा है कि राजस्थान पुलिस भी ऐसे गंभीर मामलों पर कार्रवाई करने की बजाय राजनीतिक बचाव में लगती है और पीड़ितों के ऊपर ही दोष आरोपित करने का प्रयास करती है। क्या किसी भी व्यक्ति से की गई मारपीट पर पुलिस द्वारा बहानेबाजी करना जायज है? क्या दोषियों की गिरफ्तारी नहीं की जानी चाहिए थी? प्रदेश में भाजपा की सरकार आए अब एक वर्ष हो गया है और इनके कार्यकाल में दलितों पर अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं जिससे दलित समुदाय में आक्रोश पैदा होता जा रहा है। समय रहते ही सरकार को चेत जाना चाहिए वर्ना प्रदेश की स्थिति और बिगड़ती चली जाएगी। जिस प्रकार मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा तमाम विभागों की समीक्षा बैठकें करते हैं उसी प्रकार उनको इस एक वर्ष में दलितों के साथ हुए अपराधों एवं उन पर हुई कार्रवाई की स्थिति पर एक समीक्षा बैठक करनी चाहिए जिससे दलितों को न्याय मिलने की एक उम्मीद जाग सके।’

हंसराज मीणा ने लिखा, ‘राजस्थान के झुंझुनूं में एक दलित युवक को पानी के मटके को छूने के लिए बेरहमी से पीटा गया, बंधक बनाया गया और 1 लाख की फिरौती की मांग की गई। यह भयावह घटना बीजेपी सरकार और प्रशासन की विफलता को उजागर करती है, जो जातिवाद और अत्याचारों को रोकने में असमर्थ है।’

वहीं राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह दोतासरा और कांग्रेस नेता टीकाराम जूली, राजस्थान यूथ कांग्रेस, अश्विनी सोनी, अक्की सेहरा, ममता राजगढ़ ने भी इस मामले को जातिवाद के दावे के साथ शेयर किया है।

यह भी पढ़ें: गोरखपुर में सर्राफा व्यापारी के बेटे के अपहरण का दावा गलत है

फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक, चिमनलाल मेघवाल ने बताया कि वह पचेरी कलां थानाक्षेत्र के गांव मेघपुर-पांथरोली में ईंट भट्टे पर ट्रैक्टर चलाता है। चिमनलाल मेघवाल का आरोप है कि 18 जनवरी को वह मेघपुर में विनोद यादव के ईंट भट्टे पर ईंट लेने आया था। ट्रैक्टर भरवाने के बाद विनोद यादव के मुनीम को हिसाब का पैसा दे दिया। जब वह मटके का पानी पीने गया तो पीछे से भट्टे के मालिक विनोद यादव ने उसे लात मारी। यादव के साथ उसका मुनीम, बलराज व एक अन्य ने उसे गाड़ी में डालकर अज्ञात जगह ले गए। जहां पर रातभर मारपीट की और फोन पे पर पैसा मंगवाया। जेब का पैसा भी छीन लिया। इसके बाद सुबह उसे भट्टे पर लाकर बंद कर दिया और रुपए देने पर छोड़ा गया।

वहीं पुलिस ने अपनी जांच में मटके को छूने पर मारपीट करने के आरोप निराधार पाए हैं। एसपी शरद चौधरी ने बताया कि पुलिस की ओर से की गई जांच में पाया गया है कि ट्रैक्टर चालक को ना तो बंधक बनाया गया और ना ही मटके को छूने की बात को लेकर मारपीट की गई। ज्यादा ईंटें भरने की बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। इसी विवाद के दौरान भट्टा मालिक व उसके साथियों ने पीड़ित के साथ मारपीट की। मामले में मारपीट करने वाले आरोपी भालोठ निवासी संदीप कुमावत व लक्ष्मी विहार, रेवाड़ी निवासी बलराज यादव को गिरतार किया है। तीसरे आरेापी विनोद कुमार की तलाश जारी है।

इसके बाद हमने झुंझुनू जिले के पचेरी कलां थाना क्षेत्र के एक स्थानीय पत्रकार से सम्पर्क किया। उन्होंने हमे ईंट भट्टे क्षेत्र में बने रसोई घर और मटकों की तस्वीर भेजी। पत्रकार ने बताया कि ईंट भट्टे के मालिक विनोद यादव के ऑफिस में ही रसोई घर बना हुआ है। इसी रसोई घर में सबके लिए खाना बनता है।

पड़ताल में आगे हमने विनोद कुमार के भाई मनोज कुमार से फोन पर बात की। मनोज ने बताया कि ईंट भट्टे पर मालिक विनोद कुमार के लिए खाना बनाने वाला अनिल कुमार व मुनीम एससी वर्ग से है। यहां पर अधिकांश कार्य करने वाले मजदूर व कर्मचारी भी एससी के हैं। यहां पर एक ही स्टैंड पर पानी के तीन मटके रखे हुए हैं। अलग से कोई मटकी नहीं पाई गई है। यहां काम करने वाले सभी लोग इन्हीं मटकों से पानी पीते हैं। यहां पर एक ही रसोई में सबके लिए खाना बनता है।

मनोज कुमार ने बताया कि चिमनलाल मेघवाल 18 जनवरी को ट्रैक्टर लेकर ईंट भट्टे पर ईंट लेने आया। लेकिन वह हर बाद लगभग 500 ईंटे ज्यादा भर लेता था। उस दिन विनोद कुमार ने उसके ट्रैक्टर को ईंटो की गिनती के लिए रोक लिया और गितनी करने पर एक ट्रैक्टर में 536 ईंटे और दुसरे ट्रेक्टर में 401 ईंटे अतिरिक्त निकली। इसके बाद विनोद ने चिमनलाल के मालिक को फोन कर इसकी शिकायत की और अतिरिक्त ईंटो का हिसाब माँगा। मालिक ने शाम तक पैसों का हिसाब करने की बात कही मगर शाम तक उसने पैसे नहीं दिए। इसी को लेकर विवाद हुआ।

पड़ताल में आगे हमें आरोपियों के जमानत के संबंध में कोर्ट का आदेश प्राप्त हुआ। जिसमें बताया गया है कि तथ्यात्मक रिपोर्ट में भी यह तथ्य अंकित है कि परिवादी जो बलदेव के ट्रेक्टर पर चालक का काम करता है। वह ईटे खरीदकर अलग अलग जगह ले जाकर बेचता है। चिमनलाल पिछले कई दिनों से इसी भटठे से बिल से ज्यादा ईटे ट्राली में भरकर ले जाता है। इसके बाद भट्टा मालिक ने ट्रेक्टर भरे जाने के बाद मे पुन खाली करवाकर ईटों की गिनती की तो ईटे ज्यादा पाई गई। जिसपर पीड़ित व आरोपी के बीच मे विवाद हो गया। इसी बात को लेकर आरोपीगण ने परिवादी के साथ मारपीट की थी।

इस प्रकार अब तक के अनुसंधान से परिवादी द्वारा ट्रेक्टर ट्राली में अतिरिक्त ईटे भरने की बात को लेकर विवाद के चलते मारपीट करना व अधिक ले जाई गई ईटो का हिसाब करने हेतु ट्रेक्टर मालिक को बुलाने हेतु पीड़ित को परिरूद्ध करके रखा जाना व गाली गलौच किया जाना तथा पैसे लाने हेतु आरोपीगण द्वारा पीड़ित को अपनी गाड़ी में बैठाकर सिंघाना व नारनौल की तरफ ले जाना तथा पुनः लाकर ईट भटटे के कमरे में रखा जाना पाया गया है। परिवादी चिमनलाल के चोट प्रतिवेदन के अवलोकन से भी उसके शरीर पर कुल 12 चोटें कारित होना अंकित है।

दावा राजस्थान में ईंट भट्टे पर दलित ट्रैक्टर चालक को पानी के मटके को छूने पर बंधक बनाकर मारपीट की गई।
दावेदार अशोक गहलोत, चंद्रशेखर आजाद, हंसराज मीणा व अन्य
निष्कर्ष ईंट भट्टे पर दलित ट्रैक्टर चालक को पानी के मटके को छूने पर बंधक बनाकर पीटने का दावा गलत है। असल में ज्यादा ईंटें भरने की बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। इसी विवाद के दौरान भट्टा मालिक व उसके साथियों ने पीड़ित के साथ मारपीट की।
Share