सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल है। इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि फोर्ब्स की सूची में भारत एशिया का सबसे भ्रष्ट देश है। भारत 2015 में 76 वें नम्बर का भ्रष्ट देश था। वहीं अब 2024 में भारत भ्रष्टाचार में पहले स्थान पर आ गया है। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।
कांग्रेस नेता चंदन यादव ने एक्स पर लिखा, ‘भारत 2015 में 76 वें नम्बर का भ्रष्ट देश था। 2024 में 1 नम्बर का भ्रष्ट देश हो गया है। यानी 10 वर्षों में खाना, खिलाना और पैक करके ले जाना; सबमें ‘विश्व गुरु’ बना दिया है ‘विष गुरु’ ने!’
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. रागिनी नायक ने लिखा, ‘न खाऊँगा न खाने दूँगाहे ‘महामानव’ आपने तो भ्रष्टाचार में ‘विश्व गुरु’ बना दिया’
कांग्रेस कार्यकर्ता प्राताप सोलंकी ने लिखा, ‘भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर सरकार बनाने वाले मोदीजी के शासन में भारत बना एशिया का सबसे भ्रष्ट देश!’
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दावे की पड़ताल के लिए हमने सम्बंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें 1 सितंबर 2017 को प्रकाशित अमर उजाला की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के एक सर्वे से यह खुलासा हुआ है कि एशिया के पांच देशों में सबसे ज्यादा भ्रष्ट भारत है। फोर्ब्स की लिस्ट में कहा गया है कि एशिया के पांच सबसे ज्यादा करप्ट देशों की सूचि में भारत ने वियतनाम, थाइलैंड, पाकिस्तान और म्यांमार को पछाड़ दिया है।
पड़ताल में आगे हमने करप्ट देशों की एक लिस्ट जारी करने वाली संस्था ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की वेबसाइट को खंगाला। इस दौरान हमें पता चला कि 2013 में करप्ट देशों की लिस्ट में भारत का स्थान 177 देशों में से 94 था। जबकि 2017 में भारत ने अपनी स्तिथि सुधारते हुए 81 स्थान पर पहुंचा था।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि भारत को एशिया का सबसे भ्रष्ट देश बताने वाली अखबार की वायरल कटिंग 2017 की है।
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